KMC Hospital Cleared by High Court in Kidney Case Against Bulandshahr Patient दावा: किडनी प्रकरण में केएमसी हॉस्पिटल को हाईकोर्ट से क्लीन चिट, Meerut Hindi News - Hindustan
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दावा: किडनी प्रकरण में केएमसी हॉस्पिटल को हाईकोर्ट से क्लीन चिट

Meerut News - केएमसी अस्पताल को बुलंदशहर के मरीज के किडनी मामले में हाईकोर्ट से क्लीन चिट मिली है। हाईकोर्ट ने एफआईआर को रद कर दिया है। प्रबंधन ने दावा किया कि मरीज ने बिना आधार के आरोप लगाए थे। अस्पताल में मरीज का...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठMon, 5 May 2025 03:51 AM
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दावा: किडनी प्रकरण में केएमसी हॉस्पिटल को हाईकोर्ट से क्लीन चिट

मेरठ। केएमसी हॉस्पिटल प्रबंधन ने दावा किया है कि बुलंदशहर के एक मरीज के किडनी प्रकरण में हॉस्पिटल को हाईकोर्ट से क्लीन चिट मिल गई है। हाईकोर्ट ने एफआईआर रद करते हुए उनकी याचिका स्वीकार कर ली गई है। रविवार को होटल क्रिस्टल पैलेस में केएमसी चिकित्सा संस्थान निदेशक डा. सुनील गुप्ता, निदेशिका डा.प्रतिभा अग्रवाल, केएमसी कॉलेज ऑफ नर्सिंग की निदेशिका संध्या सिसोदिया ने दावा किया प्रकरण में केएमसी हॉस्पिटल को हाईकोर्ट से क्लीन चिट मिल गई है। डा. सुनील गुप्ता ने बताया कि प्रकरण में धन उगाही के लिए बिना किसी आधार एवं तथ्यों के बुलंदशहर की एक मरीज ने बेबुनियाद आरोप लगा एफआईआर दर्ज कराई थी।

सीपीए के नियमों के अनुसार किसी भी अस्पताल को रोगी के अस्पताल में भर्ती के इलाज से संबंधित दस्तावेज को दो साल तक ही रखने की अनिर्वायता है। मरीज की ओर से विभिन्न अदालतों में जमा किए दस्तावेजों के अनुसार यह 2010 से अस्पताल की ओपीडी में इलाज कराने आती रही है। 2010 के बाद यह मरीज अस्पताल में मई 2017 में दिखाने आई। हर बार यह पेट दर्द और बुखार के लिए आती थी। प्रत्येक बार की इसकी अल्ट्रासाउंड रिपोट में बायां गुर्दा असामान्य एवं अपनी सामान्य जगह पर ना होना दर्शाया गया है, जिसे एक्टोपिक किडनी कहते हैं। अचानक 5-6 वर्ष बाद 13 दिसंबर 2022 को एक अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के आधार पर बायीं तरफ की नेफरेक्टोमी दिखाई गई है, जो कि अल्ट्रासाउंड विधि की तकनीकी सीमाओं का उल्लंघन है। मरीज के अधिवक्ता ने कानूनी नोटिस केएमसी चिकित्सा संस्थान को यह कहकर प्रेषित किया इसका बायां गुर्दा निकाल लिया गया है। 40 लाख रुपये की डिमांड की। डा.सुनील गुप्ता ने कहा झूठे तथ्यों के आधार पर 2024 में वाद योजित किया। कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया। बाद में सीएमओ के कोई चिकित्सीय बोर्ड किए बिना ही मरीज के एकतरफा लगाए सभी आरोपों पर संबंधित धाराओं में तीन जनवरी 2025 को छह चिकित्सकों पर एफआईआर के आदेश दिए। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली। याचिका दाखिल की, जिसमें हाईकोर्ट से एफआईआर को रद्द कराने की प्रार्थना की। दावा किया हाईकोर्ट ने एफआईआर को रद्द इस मामले में क्लीन चिट दे दी है। इस दौरान डा.सुनील गुप्ता,डा.प्रतिभा अग्रवाल, संध्या सिसोदिया, अधिवक्ता एसके दीक्षित, सलीम खान एवं अन्य चिकित्सक उपस्थित रहे।

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