सोशल ऑडिट चौपाल में नहीं पहुंचे जिक्र जिला स्तरीय अधिकारी
Mirzapur News - सोशल आडिट टीम की चौपाल में जिलाधिकारी द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक नहीं पहुंचे। काशी सरपती गाँव में मजदूरों को मनरेगा योजना के तहत जाब कार्ड बनवाने के लिए जागरूक किया गया। अधिकारियों की अनुपस्थिति में...
जिगना, हिन्दुस्तान संवाद। क्षेत्र के सात गावों में मंगलवार को संपन्न हुई सोशल आडिट टीम की चौपाल में जिलाधिकारी की ओर से नामित पर्यवेक्षक नहीं पहुंचे। निदेशक सोशल आडिट (ग्राम्य विकास विभाग) के निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी ने जिला स्तरीय अधिकारियों को बतौर पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। काशी सरपती गाँव में आडिट टीम ने मजदूरों के साथ रैली निकालकर गरीब तबके के लोगों को मनरेगा योजना में रोजी-रोजगार के लिए जाब कार्ड बनवाने के लिए जागरूक किया। दीवारों पर पोस्टर और पंप लेट चस्पा कर जागरूकता का संदेश दिया। जोपा में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कामापुर कला में अधिशाषी अभियंता (लघु सिंचाई) करनी भावां में जिला कृषि अधिकारी कसधना में जिला वाट माप अधिकारी काशी सरपती में जिला समाज कल्याण अधिकार, खैरा गाँव में जिला दिव्यांगजन अधिकारी पर्यवेक्षक नामित किए गए थे, लेकिन सभी ने जिलाधिकारी के निर्देशों को ठेंगा दिखा दिया।
अधिकारियों की गैर-मौजूदगी में सोशल आडिट टीम ने मनरेगा मजदूरों से हाथ उठवाकर वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान कराए गए कार्यों तथा पीएम आवास का सत्यापन किया। कामापुर कला में प्रधान पूजा विश्वकर्मा, करनी भावां में प्रतिभा मिश्रा, कसधना में निर्मला देवी, काशी सरपती में संजू देवी, जोपा में गोवर्धन पटेल, खैरा में आशीष यादव ने चौपाल की अध्यक्षता की। इस दौरान एक महिला प्रधान ने आडिट टीम की महिला (बीएसएसी) पर व्यय धनराशि का दो पर्सेंट वसूलने का आरोप लगाया। मनरेगा मजदूरों ने पांच सौ रुपये प्रति दिहाड़ी मजदूरी बढ़ाने की मांग उठाई।
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