सत्संग में निराकार भक्ति ही प्रमुख भाव: माता सुदीक्षा
Moradabad News - निरंकारी सत्संग समागम में माता सुदीक्षा के प्रवचनों का सीधा प्रसारण किया गया, जिसमें उन्होंने निराकार भक्ति के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महापुरुषों की भाषा भले ही अलग हो, पर संदेश हमेशा...

निरंकारी सत्संग समागम में माता सुदीक्षा के प्रवचनों का सीधा प्रसारण किया गया, जिसमें कहा गया कि महापुरुषों की भाषा चाहे जो भी हो निराकार भक्ति ही प्रमुख भाव रहता है। ब्रांच करनपुर चौराहा में मासिक निरंकारी संत समागम में एलइडी प्रोजेक्टर के माध्यम से सतगुरु माता सुदीक्षा के प्रवचनों का सीधा प्रसारण किया गया । सतगुरु माता सुदीक्षा ने प्रसारण के दौरान अपने प्रवचनों में कहा कि सत्संग में अनेकों महापुरुषों को श्रवण किया जाता है । माध्यम जो भी रहता हो, भाषा जैसी भी रहती हो, संदेश इस निराकार की भक्ति में जीवन को जीने का ही रहता है और बार-बार कहा जाता है कि सबसे पहले संतों की सेवाओं के लिए जो एक रूप है ,उसमें सेवा देते रहे तो खुद को भी हर समय संतों का दास ही माने। एक भाव कुछ और ना बन जाए कोई खुद को किसी तरह से संगत से अलग ना समझे। सभी संगत की जरूरत के लिए भक्तों को हमेशा से अपने प्रियतम निराकार के प्रति ही प्यार रहता है। उसी के लिए यह सत्संग का भी आयोजन अनेकों स्थानो पर किया जाता है और सत्संग में इंसान को यही प्रेरणा दी जाती है कि निराकार ब्रह्म से अपना नाता जोड़कर जो रखता है और सत्संग सेवा सिमरन के साथ अपना नाता जोड़ता है वही भक्ति कर रहा होता है। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉक्टर बाबू सिंह ,कमल कुमार ,महेंद्र सिंह त्रिवेणी शंकर, होती सिंह, धर्मपाल सिंह ,दिनेश कुमार, चेतन स्वरूप ,ग्राम प्रधान रेखा देवी ,अनीता देवी ,निशि देवी ,पूनम ,नीतू देवी ,आस्था ,वंशिका आदि उपस्थित रहे। श्रद्धालुओं ने लंगर का प्रसाद बड़े श्रद्धापूर्वक ग्रहण किया।
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