चिंता : मुरादाबाद में दिमागी मलेरिया का बढ़ रहा खतरा
Moradabad News - मुरादाबाद में बारिश के मौसम में बुखार के मरीजों में मलेरिया की संख्या बढ़ी है। पिछले दो वर्षों में मलेरिया के मामलों में कमी आई थी, लेकिन पिछले वर्ष मानसून के बाद गंभीर लक्षण वाले मलेरिया के मरीजों की...

मुरादाबाद। बारिश के मौसम की दस्तक होते ही किसी व्यक्ति के बुखार के चपेट में आने पर डॉक्टर उसके मलेरिया से पीड़ित हो जाने का अंदेशा मानकर इलाज शुरू करते थे। जांच कराने पर काफी संख्या में मरीज मलेरिया से पीड़ित मिलते थे-मगर, पिछले दो साल के दौरान इस परिदृश्य में बदलाव देखने को मिला था। पिछले दो साल में सीजनल बुखार होने पर अधिकतर मरीजों के मलेरिया से पीड़ित होने की आशंका डॉक्टर जाहिर कर रहे थे, मगर, जांच कराने पर तमाम मरीजों में मलेरिया के संक्रमण की पुष्टि नहीं हो रही थी, लेकिन, पिछले वर्ष मानसून सीजन के बीतने के बाद मलेरिया के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी देखी गई। खासतौर से दिमागी मलेरिया के केसों ने चिकित्सकों को हैरान किया।
चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद मलेरिया के संक्रमण के मामले में काफी बड़ा बदलाव दिखाई दिया। चिकित्सकों के मुताबिक मुरादाबाद में पिछले तीन साल का परिदृश्य देखें तो इस दौरान मलेरिया के मरीजों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज हुई। कोरोना के बाद दो साल मलेरिया संक्रमण काफी कमजोर शक्ल में दिखाई दिया, मगर, पिछले वर्ष मलेरिया से संक्रमित गंभीर लक्षण वाले मरीजों की संख्या फिर बढ़ती दिखाई दी। दिमागी मलेरिया यानि मलेरिया पेल्सीफेरम मलेरिया का अत्यंत खतरनाक व गंभीर रूप है जिसमें समय से व सही इलाज नहीं होने की स्थिति में मरीज मौत के आगोश में समा जाता है।
चिकित्सकों के मुताबिक मुरादाबाद में कोरोना महामारी के बाद डेंगू बुखार के मामले बहुत तेजी से बढ़े थे, लेकिन, मलेरिया के केसों में गिरावट दिखाई दी थी, मगर पिछले वर्ष मानसून सीजन के बाद मलेरिया से पीड़ित मरीजों की संख्या पूर्व के दो वर्षों की तुलना में बढ़ गई। गंभीर लक्षण वाले मलेरिया के मरीज अधिक संख्या में दिखाई दिए। गंभीर लक्षणों का कारण दिमागी मलेरिया बन रहा है।
चिकित्सक व जिम्मेदार बोले
कुछ साल पहले तक, गर्मी का मौसम शुरू होते ही मलेरिया के संक्रमण के मामले आने लगते थे और बारिश शुरू होते ही मलेरिया के प्रकोप के हालात बन जाते थे, मगर, कोरोना महामारी के बाद दो साल इस मामले में राहत भरे रहे थे। मुरादाबाद में मलेरिया के बजाय अब डेंगू का प्रकोप ज्यादा बढ़ने की बात सामने आई थी। पिछले वर्ष मलेरिया के नए केस तेजी से बढ़ने शुरू हुए।
डॉ.नितिन बत्रा, परामर्श चिकित्सक
मलेरिया का संक्रमण होने पर कई मरीजों में इसका समय से और सही उपचार नहीं होना गंभीर खतरे का कारण बन जाता है। मलेरिया का बिगड़ना दिमागी मलेरिया के रूप में सामने आता है। जिसमें मरीज की जान पर खतरा बढ़ जाता है। दो साल के अंतराल के बाद पिछले वर्ष फिर दिमागी मलेरिया के मामले सामने आए।
डॉ.सीपी सिंह, परामर्श चिकित्सक
दिमागी मलेरिया के लक्षण
चिकित्सकों के मुताबकिक दिमागी मलेरिया के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, कंपकंपी, उल्टी होना और सांस लेने में कठिनाई होना शामिल हैं। गंभीर मामलों में मरीज को दौरे पड़ सकते हैं। वह कोमा में जा सकता है और मौत हो सकती है।
सराहनीय:गांव को मलेरिया मुक्त बनाने का मिशन तेज किया
मुरादाबाद। स्पेशल इकॉनॉमिक जोन के नजदीक स्थित ग्राम लालपुर गंगवारी के लोगों ने अपने गांव को मलेरिया मुक्त बनाने का मिशन तेज किया है। समाजसेवी डॉ.मो.जावेद के नेतृत्व में गांव के लोगों ने इसे मलेरिया और डेंगू के खतरे से मुक्त बनाने के लिए मच्छरों के लार्वा का खात्मा अपने दम पर करने की पहल की थी। डॉ.मो.जावेद ने बताया कि इस मिशन के नतीजे में गांव में मलेरिया के केस नहीं के बराबर मिल रहे हैं। इस मिशन को और तेज करके मलेरिया के खतरे से पूरी तरह से मुक्त करने पर फोकस बढ़ाया गया है।
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