आग से सब हो जाता राख तब पहुंचता दमकल विभाग
Orai News - उरई में सीमित संसाधनों और स्टाफ के साथ आगजनी की घटनाएं बढ़ रही हैं। 15 दिनों में सौ से अधिक घटनाएं हुई हैं, जिससे लाखों का नुकसान हुआ है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में फायर ब्रिगेड कर्मियों को आग...

उरई। सीमित संसाधन और सीमित स्टाफ से आगजनी की घटनाओं से जिले का दमकल जूझ रहा है। 15 दिनों में जिले में सौ से अधिक आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं। जिसमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में लाखों का नुकसान हुआ है और शहरी क्षेत्र के 12 हाईडेंड भी जमीदोज हो गए हैं जिससे पानी के लिए भी फायर ब्रिगेड को मशक्कत करनी पड़ती है। हर साल गर्मी का सीजन शुरू होते ही आगजनी की घटनाओं में इजाफा होता है। एक दिन दो आठ से 10 घटनाएं हो रही हैं, ऐसे में हर जगह मौके पर पहुंच आग बुझाने में फायर ब्रिगेडकर्मी चकरघिन्नी बने हैं। 15 दिनों में जिले में सौ से अधिक आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं। जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में खेत में खड़ी फसल या अवशेष में आग लगी है। तो वहीं शहरी क्षेत्र में शहर के बाहर पड़े कूड़ों के ढेर में समेत कई प्रतिष्ठान और दुकानों में भी आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। सूचना पर फायर ब्रिगेड कर्मियों ने मौके पर पहुंच आग को बुझाया। जिससे लोगों का कम नुकसान हुआ है। वहीं लोगों का कहना है की खेतो के ऊपर से निकली हाई टेंशन लाइन से आग की घटनाएं बढ़ी हैं। क्योंकि लाइन बहुत ढीली है और तेज हवा में तार टूट कर गिर जाने से फसलें जल जाती हैं। वहीं जब फायर स्टेशन ऑफिस में आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए पर्याप्त फायर ब्रिगेड की गाड़ियां हैं। जब भी 112 या कंट्रोल रूम नम्बर 9454418440 पर सूचना आती है तो संबंधित तहसील या ब्लॉक पर खड़ी गाड़ी को सूचना दी जाती है। जिससे कि आग की घटना की खबर पर गाड़ी जल्द से जल्द पहुंचने का प्रयास करते हैं लेकिन खराब रास्ते होने से गाड़ियां देर में गांव में पहुंच पाती हैं। तब तक काफी नुकसान हो चुका होता है। वहीं फायर टेंडर में साढ़े चार हजार लीटर पानी रहता है जबकि हाई प्रेशर में चार सौ लीटर पानी आता है। जिस स्थान पर रास्ता सही नहीं होता है। वहां पर हाईप्रेशर मशीन भेजी जाती है। जिससे बार-बार पानी भरने के लिए आसपास जाना पड़ता है। वहीं शहर में सिर्फ दो जगह पानी भरने की व्यवस्था है। बकाया नलकूप खराब हैं। नलकूप दूरसंचार विभाग के सामने है जहां से पानी फायर ब्रिगेड गाड़ी में भरा जाता है और अगर लाइट नहीं आ रही है तो गाड़ी हिंदुस्तान लिमिटेड कंपनी स्थित नलकूप से पानी भरा जाता है। जबकि सूखा पाउडर फायर स्टेशन ऑफिस में है।
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