कलीनगर को चाहिए अपना रजिस्ट्री दफ्तर, जाना पड़ता है पूरनपुर
Pilibhit News - कलीनगर को तहसील का दर्जा मिलने के बाद भी यहां के लोगों को जमीन रजिस्ट्री के लिए पूरनपुर दौड़ना पड़ता है। लोगों ने रजिस्ट्री दफ्तर की आवश्यकता पर जोर दिया है ताकि समय और पैसे की बर्बादी को रोका जा सके।...

कलीनगर। कलीनगर को तहसील का दर्जा मिल चुका है पर यहां हैरत की बात है कि यहां के लोगों को जमीनों की रजिस्ट्री और किसी भी चल अचल संपत्ति की लिखा पढ़त के लिए पूरनपुर की दौड़ लगानी पड़ती है। तहसील बनने के बाद यहां के लोगों को जरूरत है कि यहां रजिस्ट्री दफ्तर का लाभ मिले। बाकी संसाधन जब विकसित होंगे तब होते रहेंगे। पर अभी हाल फिलहाल इसकी सख्त जरूरत पड़ रही है। हिन्दुस्तान संवाद में क्षेत्रीय लोगों ने कहा कि तहसील होने के चलते यहां संसाधनों को तो धीरे धीरे विकसित किया जा रहा है। पर अब तक यहां अन्य जरूरी संसाधनों पर गौर नहीं किया गया है।
आलम यह है कि किसी भी चल अचल सपंत्ति की खरीद या बिक्री यहां के लोगों को करना हो तो इसके लिए पूरनपुर तक की दौड़ लगानी पड़ती है। इससे दिक्कतें होती हैं। पैसा तो खराब होता ही है साथ ही आने जाने में समय की भी बर्बादी होती है। लोगों का कहना है कि तहसील में भवन निर्माण तो हो गया है। पर अभी रजिस्ट्री दफ्तर को लेकर कवायद तक शुरू नहीं हुई है। अधिवक्ताओं में भी इस बात को लेकर जब तब चर्चाहोती है कि पूरनपुर में केवल रजिस्ट्री कराने जाने को लेकर पहले से प्लानिंग करानी पड़ती है। इसकी वजह है कि इसमें पूरा दिन खराब होता है। अगर जिम्मेदार इसकों लेकर सार्थक और ईमानदार प्रयास कर लें तो वह दिन दूर नहीं कि यहां भी तहसील भवन की तरह जल्द ही रजिस्ट्री दफ्तर बन जाएगा। यही नहीं क्षेत्र में एक भी तहसील क्षेत्र का ब्लाक नहीं होने से भी दिक्कतें बताई जाती है। ग्रामीणों की मांग है कि यहां जल्द से जल्द प्रभावी कदम उठाए जाएं और लोगों को राहत दी जाए। जिससे हर कोई आराम से राजस्व संबंधी कार्य करा सकें। पूरनपुर तक की दौड़ तक बचाए जाने को लेकर जब तब लगातार मांग उठाई जाती रही है। अब जैसे जैसे विधान सभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि क्षेत्रीय लोग इस मांग को पुरजोर तरीक से क्रमबद्ध ढंग से उठाएंगे। 00 श्रम पैसा और समय बर्बाद होते हैं फोटो : 3 राजेंद्र गुप्ता राजेंद्र गुप्ता ने बताया कि जब कभी कोई संपत्ति खरीदन या बेचनी हो तो इसमें परेशानियां आती है। रजिस्ट्री दफ्तर तहसील का अपना होना चाहिए। इससे समय श्रम और पैसा तीनों की ही बजत होगी। 00 रजिस्ट्री दफ्तर होना चाहिए फोटो: 4 विजय कुमार विजय कुमार ने बताया कि तहसील का भवन तो बन गया है। यहां अधिकारियों के लिए दफ्तर आदि हैं। पर जरूरी संसाधन के तौर पर खरीद फरोख्त की प्रक्रिया के लिए रजिस्ट्री दफ्तर भी होना चाहिए। 00 आम आदमी होता है परेशान फोटो :5 सद्दाम सद्दाम ने बताया कि उम्मीद है कि लगातार हो रहे काम के बीच यह मांग भी जल्द पूरी की जाएगी। गांव देहात के किसानों को इससे काफी तकलीफ होती है। बिल्डर या पैसे वालों के लिए तो समस्या नहीं है। पर आम आदमी के लिए परेशानी है। 00 अतिरिक्त स्टाफ चाहिए बस फोटो : 6 सरेाज सरोज ने बताया कि कलीनगर तहसील का परिसर बहुत बड़ा है। इसी में रजिस्ट्री दफ्तर खुल जाना चाहिए। अतिरिक्त स्टाफ तैनात कर लोगों को जल्द से जल्द सेवा और सुविधा दी जाए। 00 निदान कराएं समस्या का फोटो : 7 कृष्ण अवतार कृष्ण अवतार ने बताया कि पीलीभीत और पूरनपुर दोनों तरफ जाने के लिए एक समान वक्त लगता है। सरकार और जिम्मेदारों को सोचना चाहिए कि लेागों को हो रही असुविधा से दिक्कतें हैं। इसका निदान कराया जाए। 00 होमवर्क नहीं किया गया पहले फोटो : 8 जाहिद जाहिद ने बताया कि जब तहसील बनती है तो इसकी पहले कार्ययोजना बनती है। पूरा होमवर्क करके ही काम होता है। फिर इतनीदेर क्यों लग रही है। हर संसाधन को विकसित करने का एक समय होता है। इसमें देरी अब ठीक नहीं। 00 नए काम करााए जाएं फोटो : 9 संजय गुप्ता संजय गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2016 में कलीनगर और अमरिया विकसित हुआ था। इसे बाद से यहां कोई नया काम अगर हुआ है तो वह यह है कि यहां तहसील की बिल्डिंग बन गई है। बाकी काम भी अब जल्द होने चाहिए। 00 संसाधन विकसित कराएं फोटो : 10 राकेश कुमार राकेश कुमार ने बताया कि जब तहसील विकसित हो गई है तो अन्य संसाधन भी विकसित करने चाहिए। जिससे क्षेत्र की तरक्की और लोगों की क्षमताएं बढ़े। इसमें देरी करना अब ठीक नही है। 00 लोगों को लाभ दिलाएं फोटो : 11 फूलचंद फूल चंद ने बताया कि यह काम करने में अब समय इसलिए नहीं करना चाहिए। कि इस पर जिला प्रशासन अपने स्तर से निर्णय करें और प्रक्रिया को कराते हुए यहां राजस्व कार्यालय को शुरू करा दें। इससे लोगों को लाभ मिलेंगे। 00 मेहनत रंग लाएगी फोटो : 12 तौफीक अहमद तौफीक अहमद ने बताया कि जिम्मेदारों ने प्रयास नहीं किए। पर यहां अब ग्रामीणों को अपनी बात आगे रखते हुए प्रयास करना चाहिए। आज नहीं तो कल इस दिशा में प्रयास सामने आएंगे और मेहनत सफल होगी।
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