भूली-भटकी महिलाओं के लिए लाभकारी बना सखी वन स्टॉप सेंटर
Pilibhit News - महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर भूली-भटकी महिलाओं के लिए एक राहत केंद्र है। 2024-25 में 718 संकटग्रस्त महिलाओं को सेवाएं दी गईं। यहां अल्पावास, मेडिकल और विधिक सहायता, तथा...

महिला कल्याण विभाग की ओर से संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर भूली-भटकी महिलाओं के लिए राहत देने वाला केंद्र साबित हो रहा है। एक ही छत के नीचे सुविधाएं मिल जा रही हैं। पिछले वर्ष 718 संकटग्रस्त महिलाओं को सखी वन स्टॉप सेंटर ने सेवाएं दी और दस महिलाओं को परिजनों से मिलवाया। भारत सरकार की देखरेख में संचालित वन स्टॉप सेंटर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की निगरानी में संचालित है। वर्ष 2015 से संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर योजना जिला अस्पताल कैंपस में संचालित है। यहां अल्पावास की सुविधा, मेडिकल सहायता, विधिक सहायता, नि:शुल्क परामर्श, पुलिस सहायता भी मिल रही है।
महिला हेल्पलाइन 181 के जरिए वर्ष 2017 से अब तक कुल 2383 समस्याओं का निस्तारण किया जा चुका है। वर्ष 2024-25 में पिछले सत्र में कुल 718 संकटग्रस्त महिलाओं के वन स्टॉप सेंटर की सेवाएं प्रदान की गई। इसमें 608 महिलाओं और बालिकाओं को अल्पावास, पुलिस व मेडिकल सहायता दी गई। महिला हेल्प लाइन-181 से प्राप्त कुल 99 मामलों में पति-पत्नियों की आपसी सुलह समझौते कराए गए। इसी के साथ 11 अज्ञात भटकती पीड़िताओं में से दस पीड़ित महिलाओं को उनके परिवार तक पहुंचाने का कार्य किया गया। सिर्फ एक पीड़ित महिला को बोलने में सक्षम नहीं थी। उसको मजिस्ट्रेट के आदेश पर नारी शरणालय बरेली में निरुद्ध कराया गया और 27 मामले आपसी लड़ाई झगड़े से संबंधित थे। यह वन स्टॉप सेंटर की टीम ने निस्तारित किए। सेंटर मैनेजर के रूप में तृप्ति मिश्रा आदि दायित्व में हैं। जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रगति गुप्ता ने बताया कि पीड़ित महिलाओं को एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं मिल रही है। 00 पीड़ित महिलाओं की काउंसलिंग कर किया जाता सुपुर्द इसी सप्ताह दो भटकती हुई अज्ञात महिलाएं थाना सुनगढ़ी और थाना कोतवाली से प्रवेशित कराई गई। महिलाएं थोड़ी दिमागी रूप से कमजोर होने के कारण घर का पता नहीं बता पा रही थी। इसके बाद महिला कल्याण विभाग की ओर से संचालित वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक तृप्ति मिश्रा व उनकी टीम ने महिलाओं की काउंसलिंग की और संबंधित थानों के साथ समन्वय स्थापित कर महिलाओं के परिवारीजनों को केंद्र पर बुलाकर सुरक्षित रूप से उनके परिवार के सुपुर्द किया। इसी प्रकार 2024-25 में वन स्टॉप सेंटर पर कुल 11 भटकती हुई हालत में पीड़िताएं थाने और 112 एवं जीआरपी के माध्यम से लाई गई। इनमें दस महिलाएं परिजनों तक पहुंचाई। ---
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