गोवंशों का वध बना चुनौती, खुलासे के करीब भी नहीं पहुंच सकी पुलिस
Pilibhit News - पुलिस के लिए गोवंश के अवशेषों की लगातार बरामदगी एक बड़ी चुनौती बन गई है। तीन दिन में चार स्थानों से अवशेष मिले हैं, लेकिन पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं। ग्रामीणों की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया है, जबकि...

तीन दिन लगातार अलग-अलग चार स्थानों से गोवंश के अवशेष बरामद होना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बने हुए है। इसमें पुलिस के हाथ अभी तक खाली ही है। कोई सुरागकसी भी नहीं हो सकी है। ऐसे में खुलासा काफी दूर की बात है। खास बात तो यह है कि पुलिस ने इसमें ग्रामीणों की ओर से ही मुकदमा दर्ज किया है। शासन का आदेश है कि किसी भी दशा में गोवंश का वध नहीं होना चाहिए। इसके बाद भी शहर में घटनाएं थम नहीं रही है। कहीं न कही पशुओं का वध हो रहा है। वध के बाद मांस की बिक्री कर अवशेष खेतों में डाल दिए जाते है। सबसे पहले कोतवाली क्षेत्र के गांव रम्पुरा में खेत से गोवंश के अवशेष बरामद किए गए थे। हिंदू संगठन के लोगों ने ही मौके पर जाकर पुलिस को सूचना दी थी। इसके दूसरे दिन गांव खमरिया में खेत से पशुओं के अवशेष बरामद किए गए। इनको भी पुलिस ने ग्रामीणों और हिंदू संगठन के पदाधिकारियों की सूचना पर बरामद किया था। पुलिस ने दोनों मामलों में ग्रामीणों की ओर से अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। अभी मामले में पुलिस कोई निष्कर्ष तक नहीं पहुंची थीकि तीसरे दिन गांव महादिया में गोवंश के दो स्थानों पर अवशेष पड़े देखे गए। तीन दिन में लगातार चार स्थानों से गोवंश के अवशेष बरामद होना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बने हुए है। पुलिस इसमें आरोपियों तक पहुंच ही नहीं सकी है। यहां तक कि यह भी पता नहीं लगा सकी कि तस्कर और वध करने वाले कहां के है। ऐसे में खुलासे को लेकर पुलिस की कार्यशैली सवालों के दायरें में हैं। चर्चा है कि पुलिस सर्विलांस के माध्यम से इस धंधे से जुडे लोगों तक पहुचंने का प्रयास कर रही है। कोतवाल नरेश त्यागी ने बताया कि कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनके पूछताछ की जा रही है। जल्द ही खुलासा कर दिया जाएगा।
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