गौशालाओं में उपलब्ध कराई जाये बुनियादी सुविधाएं: डीएम
Pilibhit News - डीएम संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में गौवंश आश्रय स्थलों की समीक्षा बैठक हुई। उप जिलाधिकारियों को गौशालाओं में हरे चारे, पानी, और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। भूसा...

कलेक्ट्रेट के गांधी सभागार में डीएम संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में स्थाई/अस्थाई गौवंश आश्रय स्थलों की जनपद स्तरीय अनुश्रवण समिति एवं मूल्यांकन समिति की समीक्षा बैठकसम्पन्न हुई। उन्होंने समस्त उप जिलाधिकारियों और खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत आने वाली गौशालाओं में हरे चारे की व्यवस्था, भूसा, प्रकाश, पानी की व्यवस्था एवं टिनशेड सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। बैठक में उन्होंने समस्त विकास खण्डों, नगरीय क्षेत्र में अवशेष निराश्रित,बेसहारा गौंवशों के सम्बन्ध में खण्ड विकास अधिकारियों और अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिये कि अभियान चलाकर निराश्रित गौवंशों को पकड़कर गौशालाओं में भेजा जाये। बैठक के गौवंशों के लिए भूसा संग्रहण अभियान के सम्बन्ध में जानकारी ली। इस दौरान मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण त्यागी ने अवगत कराया गया कि भूसा संग्रहण अभियान जनपद में संचालित है जो 31 ।मई तक चलाया जायेगा। अभियान के अन्तर्गत कृषकों को गौशाला के लिए भूसा दान के सम्बन्ध जानकारी दी जा रही है और किसानों से भूसा भी क्रय किया जायेगा। डीएम ने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि गौ आश्रय स्थलों में चारागाह की भूमि पर नियमित हरा चारा उगाया जाये। गौवंशों को गर्मी/लू से बचाव के लिये छाया, पेयजल आदि व्यवस्थाऐं गौशालाओं में कराई जाये, जिससे की गौवंशों को लू से बचाया जा सके। बैठक में गौ आश्रय स्थलों में एकत्रित गोबर की बिक्री/निस्तारण की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि गौशाला को नियमित निरीक्षण किया जाये तथा बीमार गौवंशो का तुरन्त इलाज कराया जाये। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये कि निर्धारित मात्रा में ही गौवंशों को गौशालाओं में रखा जाये। उन्होंने कहा कि गौवंशों की ईयर टैगिंग कराना सुनिश्चित किया जाये और छोटे गौवंशों को अलग रखने की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। इस मौके पर अफसर मौजूद रहे
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गौशाला निर्माण को भूमि का चिन्हाकंन करें
बैठक में समस्त सम्बन्धितों को निर्देशित किया कि नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में गौशालाओं के निर्माण के लिए भूमि का चिन्हाकंन करें। उन्होंने कहा कि सहभागिता योजना के अन्तर्गत अधिक से अधिक लाभार्थियों को लाभान्वित किया जाये और सहभागिता के लाभार्थियों को समय से भुगतान सुनिश्चित किया जाये।
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