प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से जैव विविधता पर संकट : डॉ. संजय
Prayagraj News - भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण ने जैव विविधता दिवस पर संगोष्ठी आयोजित की, जिसमें वैज्ञानिकों ने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और सतत विकास पर चर्चा की। मुख्य वक्ता संजय सिंह ने जैव विविधता के संकट के कारणों...
भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण मध्य क्षेत्रीय केन्द्र व पारिस्थितिक पुनर्स्थापन केन्द्र की ओर से गुरुवार को भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के सभागार में जैव विविधता दिवस पर संगोष्ठी आयोजित की गई। वैज्ञानिकों ने प्रकृति के साथ सामंजस्य और सतत विकास विषय पर विचार व्यक्त किए। मुख्य वक्ता पारिस्थितिक पुनर्स्थापन केन्द्र के प्रमुख संजय सिंह ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन, वनों की अंधाधुंध कटाई और बढ़ते प्रदूषण के कारण जैव विविधता पर संकट है। ऐसे में प्रकृति के साथ सामंजस्य व सतत विकास के माध्यम से ही भावी पीढ़ियों के लिए समृद्ध पर्यावरण सुनिश्चित कर सकते हैं। वैज्ञानिक डॉ. विनय रंजन ने जैव विविधता के महत्व व संरक्षण के उपाय पर प्रकाश डाला।
वैज्ञानिक डॉ. अनीता तोमर ने जैव विविधता संरक्षण के प्रयास की जानकारी दी। वैज्ञानिक डॉ. ओएन मौर्य ने ऊर्जा संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन और जल संरक्षण और डॉ. अनुभा श्रीवास्तव ने मिशन लाइफ के तहत पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. सरिता श्रीवास्तव, दीपक गौड़ ने विचार व्यक्त किए। संचालन कनिष्ठ अनुवाद अधिकारी अर्चना राय आभार ज्ञापन डॉ. संजय मिश्र ने किया। इस मौके पर डॉ. एसडी शुक्ला, रतन गुप्ता, धर्मेंद्र कुमार, नीलिमा, डॉ. मुत्थू कुमार, चरण सिंह, लक्ष्मण कुमार, अंकुर श्रीवास्तव मौजूद रहे। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में दिखाई प्रतिभा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में सीएमपी डिग्री कॉलेज के बॉटनी विभाग की छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता में 150 से अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभा दिखाई। प्रतियोगिता में सुषमा रावत प्रथम, प्रसून यादव द्वितीय, नंदिनी अग्निहोत्री तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। कृष्ण मोहन मिश्र और ट्विंकल यादव को सांत्वना पुरस्कार प्राप्त हुआ।
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