बढ़ती शारीरिक शिथिलता फिजियोथेरेपिस्ट के लिए चुनौती : डॉ़ प्रभात
Prayagraj News - हेल्थ क्योर फिजियोथेरेपिस्ट एंड एकेडेमी ने सिविल लाइंस में एक कार्यशाला का आयोजन किया। डॉ़ प्रभात रंजन ने बताया कि नई तकनीकें जैसे एआई और ऑटोमेटिक वाहन शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही हैं, जिससे...

हेल्थ क्योर फिजियोथेरेपिस्ट एंड एकेडेमी की ओर से रविवार को सिविल लाइंस स्थित होटल में कार्यशाला हुई। एम्स नई दिल्ली में न्यूरोलॉजी विभाग के न्यूरो फिजियोथेरेपिस्ट डॉ़ प्रभात रंजन ने कहा कि वर्तमान समय में आने वाली नई तकनीक व्यक्ति को शारीरिक रूप से शिथिल बनाती जा रही हैं। एआई का बढ़ता प्रयोग, ऑटोमेटिक स्टार्ट होने वाली बाइक, स्कूटी, होम डिलेवरी का बढ़ता प्रचलन व पैदल चलने की खत्म होती आदत लोगों को डायबिटीज, स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप, बीपी, गठिया आदि बीमारियां बढ़ा रही हैं। ऐसी स्थिति में फिजियोथेरेपिस्ट के लिए भी नई चुनौतियां पैदा हो रही हैं। डॉ. रंजन ने सरकारी व निजी अस्पतालों ने फिजियोथेरेपी की ओपीडी संचालित किए जाने पर जोर दिया। संयोजन डॉ. रोहित पांडेय, सह-संयोजन डॉ. विशाल, डॉ. विजय ने किया। स्वागत ईएसआई अस्पताल के पूर्व फिजियोथेरेपी विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार शुक्ल ने किया। संचालन विनय शुक्ल, आभार ज्ञापन डॉ. धीरज पांडेय ने किया। इस मौके पर 60 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
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