कचरे से गैस और बिजली बनाकर करेंगे पर्यावरण की रक्षा
Prayagraj News - प्रयागराज में मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने विकसित भारत @2047 मिशन के तहत बायोडिग्रेडेबल कचरे से गैस और बिजली बनाने की प्रक्रिया शुरू की है। यह परियोजना खाद्य अपशिष्ट और पौधों के...
प्रयागराज। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के वैज्ञानिक विकसित भारत @2047 मिशन के तहत बायोडिग्रेडेबल कचरे से गैस और बिजली बनाकर पर्यावरण की रक्षा करने के लिए काम शुरू कर दिया है। इसके तहत उत्तरी, पूर्वोत्तर और दक्षिणी राज्यों में खाद्य अपशिष्ट और पौधों के अवशेष जैसे बायोडिग्रेडेबल कचरे को इकट्ठा कर उर्जा संसाधन का विकल्प खोजेंगे। यह जिम्मा केंद्रीय शिक्षा मंत्राललय के भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) ने विजन विकसित भारत @2047 योजना के तहत एमएनएनआईटी को दिया है। इस प्रोजेक्ट में संस्थान के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. बीरेश्वर पॉल मुख्य अन्वेषक (पीआई) और अप्लाइड मैकेनिक्स विभाग के प्रो. अक्षय रंजन पॉल सह मुख्य अन्वेषक हैं। प्रो. पॉल ने बताया कि इसका उद्देश्य सामाजिक प्रासंगिकता के साथ इंजीनियरिंग नवाचार को जोड़ने वाला व्यावहारिक ज्ञान उत्पन्न करना है। देश के तीन अहम हिस्सों में जो अपने आप में जनसांख्यिकीय और सांस्कृतिक रूप से विविध हैं, इस शोध का केंद्र रहेंगे। इस पहल के तहत इन क्षेत्रों में ऊर्जा और खाद उत्पादन के लिए बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट के उपयोग की तकनीकी और आर्थिक व्यवहार्यता, पर्यावरणीय स्थिरता एवं सामाजिक स्वीकृति का मूल्यांकन किया जाएगा।
प्रो. पॉल ने बताया कि इस शोध में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एआईटी) अगरतला और इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग (आईएआरई) हैदराबाद के विशेषज्ञों का सहयोग लिया जाएगा। इसके अलावा संस्थान के एसआरएफ डॉ. धनंजय यादव, फील्ड इंवेस्टिंगेटर श्रवण कुमार और शशांक शामिल हैं।
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