Can mother in law file a domestic violence case against her daughter in law Allahabad HC gave the answer सास अपनी बहू के खिलाफ दर्ज करा सकती है घरेलू हिंसा का केस? इलाहाबाद HC ने दिया जवाब, India Hindi News - Hindustan
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सास अपनी बहू के खिलाफ दर्ज करा सकती है घरेलू हिंसा का केस? इलाहाबाद HC ने दिया जवाब

  • आपको बता दें कि यह मामला ‘स्मृति गरिमा एवं अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य’ के नाम दाखिल हुआ था, जिसमें बहू और उसके परिवार ने निचली अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती दी थी।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानThu, 17 April 2025 12:41 PM
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सास अपनी बहू के खिलाफ दर्ज करा सकती है घरेलू हिंसा का केस? इलाहाबाद HC ने दिया जवाब

आपने अक्सर साल की प्रताड़ना की बात सुनी और देखी होगी। लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट में हाल ही में एक ऐसा मामला दर्ज हुआ जिसमें एक सास ने अपनी बहु के खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायत की है। इस मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान यह भी सवाल उठा कि क्या सास अपनी बहु के खिलाफ इस तरह का मामला दर्जा करा सकती है? इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इसकी इजाजत दी।

हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि सास भी अपनी बहू के खिलाफ घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 के तहत शिकायत दर्ज करा सकती है। यह फैसला न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने दिया, जिन्होंने लखनऊ की एक निचली अदालत द्वारा बहू और उसके परिवार के खिलाफ जारी समन को सही ठहराया।

आपको बता दें कि यह मामला ‘स्मृति गरिमा एवं अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य’ के नाम दाखिल हुआ था, जिसमें बहू और उसके परिवार ने निचली अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती दी थी।

आदेश में कोर्ट ने क्या कहा?

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि अधिनियम की धारा 12 के तहत राहत की याचिका कोई भी ऐसी महिला दाखिल कर सकती है, जो घरेलू संबंध में साझा घर में रह रही हो और पीड़ित हो। कोर्ट ने कहा, "यदि सास को उसकी बहू या परिवार के किसी अन्य सदस्य द्वारा मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है, तो वह भी पीड़ित महिला की परिभाषा में आएगी और अधिनियम की धारा 12 के तहत याचिका दाखिल करने का अधिकार रखती है।"

क्या है मामला?

मूल शिकायत में सास ने आरोप लगाया था कि बहू अपने पति (शिकायतकर्ता का बेटा) पर उसके मायके में जाकर रहने का दबाव बना रही है। इसके अलावा, बहू द्वारा ससुरालवालों के साथ दुर्व्यवहार और झूठे केस में फंसाने की धमकी देने का आरोप भी लगाया गया था। वहीं, बहू के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि यह शिकायत बहू द्वारा दर्ज कराए गए दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के मामले के जवाब में बदले की भावना से की गई है।

कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि सास की ओर से दर्ज शिकायत में घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 12 के तहत प्रथम दृष्टया मामला बनता है और इसलिए ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी समन वैध है। कोर्ट ने कहा, "धारा 2(f), 2(s) और धारा 12 को एक साथ पढ़ने पर स्पष्ट होता है कि कोई भी महिला जो उत्तरदाता के साथ घरेलू संबंध में साझा घर में रह चुकी है, वह पीड़ित महिला मानी जाएगी।"