इफ्तार में शराबी-जुआरियों को बुलाया; एक्टर विजय के खिलाफ फतवा, भावनाओं से खेलने का भी आरोप
- ये फतवा चश्मे दारुल इफ्ता के तहत जारी किया गया है और इसमें साफ कहा गया है कि रमजान के दौरान शराबियों और जुआरियों को इफ्तार में बुलाना गुनाह है और इस्लाम के खिलाफ है।

तमिलनाडु के मशहूर ऐक्टर और तमिलगा वेत्री कड़गम (टीवीके) पार्टी के अध्यक्ष एक्टर विजय थलपति के खिलाफ एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। उत्तर प्रदेश के बरेली से आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय सदर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने विजय के खिलाफ फतवा जारी कर दिया है। मौलाना रजवी का इल्जाम है कि विजय ने चेन्नई में जो इफ्तार पार्टी आयोजित की, उसमें शराबी, जुआरी और दूसरे असामाजिक तत्वों को बुलाकर मुसलमानों की तौहीन की है। उनका कहना है कि इस तरह की हरकत इस्लाम के उसूलों के खिलाफ है और रमजान की पवित्रता को ठेस पहुंचाने वाली है।
मीडिया से बातचीत में मौलाना रजवी ने कहा, “विजय थलपति फिल्मों में मुसलमानों को आतंकवादी दिखाकर उन्हें बदनाम करते रहे हैं और अब सियासत में कदम रखने के लिए मुस्लिम समुदाय का सहारा ले रहे हैं। फिल्म 'द बीस्ट' में भी उन्होंने मुसलमानों को दहशतगर्द और शैतान की तरह दिखाया।”
एक्टर विजय के खिलाफ फतवा
उन्होंने कहा, “आज वही विजय इफ्तार की आड़ में मुस्लिमों की हमदर्दी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन मुसलमानों को उनसे होशियारी से पेश आना चाहिए। न उनसे हाथ मिलाना चाहिए, न मुलाकात करनी चाहिए और न ही भरोसा करना चाहिए।” ये फतवा चश्मे दारुल इफ्ता के तहत जारी किया गया है और इसमें साफ कहा गया है कि रमजान के दौरान शराबियों और जुआरियों को इफ्तार में बुलाना गुनाह है और इस्लाम के खिलाफ है।
पहले भी खड़ा हुआ था विवाद
तमिलनाडु की सुन्नत जमात ने भी 11 मार्च को चेन्नई पुलिस कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें कहा गया कि 8 मार्च को हुई विजय की इफ्तार पार्टी में ऐसे लोग शामिल थे जिनका रोजा या इस्लामी तालीम से कोई वास्ता नहीं था। सुन्नत जमात के खजांची सैयद कौस ने कहा, “ये इफ्तार मजाक बनकर रह गया। ऐसे लोग बुलाए गए जो रोजे में नहीं थे, शराब के नशे में थे और माहौल को खराब कर रहे थे। ये मुसलमानों की तौहीन है।”
बीजेपी नेता और तमिलनाडु के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने भी विजय पर निशाना साधते हुए कहा था, “फिल्मों में सिगरेट और शराब पीकर, तस्माक के खिलाफ भाषण देना क्या दोहरापन नहीं है? सिर्फ एक दिन टोपी पहन लेने से कुछ नहीं बदलता।”