आज भी कानों में गूंज रहा पोप फ्रांसिस का मानव सेवा का संदेश
Prayagraj News - प्रयागराज में, बिशप लुईस मस्करेन्हस ने पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि पोप ने समाज के पिछड़े लोगों की सेवा का संदेश दिया था। पोप के निधन के बाद कैथोलिक चर्चों में नौ दिनों...
प्रयागराज। रोमन कैथोलिक चर्च के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के निधन की जानकारी मिलते ही इलाहाबाद डायोसिस के बिशप लुईस मस्करेन्हस के मन मस्तिष्क में एक ही संदेश गूंजने लगा। जब पोप से उनकी मुलाकात वेटिकन सिटी में 20 सितंबर 2024 को हुई थी। जहां पूरी दुनिया से आए 135 बिशप पोप से मिले थे। तब पोप ने कहा था कि ‘समाज के सबसे पिछड़े लोगों की सेवा करना कभी नहीं भूलना। बिशप बताते हैं कि सितंबर 24 में एक महीने के लिए वेटिकन सिटी में धर्म सम्मेलन आयोजित हुआ था। जिसमें एक दिन पोप के साथ बिताने का अवसर मिला था। करीब आधा घंटे की मुलाकात में पोप ने कहा था कि मानवता के लिए हमेशा संवेदना रखना चाहिए, दूसरा संदेश पिछड़े और असहाय लोगों की सेवा करते रहना चाहिए। पोप के निधन से आहत बिशप मस्करेन्हस ने कहा कि वे कभी भी राजमहल में नहीं रहे और वेटिकन सिटी के एक छोटे से कमरे में रहते थे। अक्सर दुनिया को राह दिखाने के लिए सर्वधर्म सद्भाव का संदेश दिया करते थे। उनके नैसर्गिक गुणों में नम्रता हमेशा बनी रहती थी।
बिशप ने बताया कि पोप फ्रांसिस के निधन के नौ दिनों तक कैथोलिक चर्चों में शोक मनाया जाएगा। शोक के नौ दिनों में से किसी एक दिन सेंट जोसेफ कैथेड्रल में सर्वधर्म सभा आयोजित की जाएगी। पोप के निधन पर 22 अप्रैल को सेंट जोसेफ स्कूल बंद रहेगा और 23 अप्रैल को नाजरेथ हॉस्पिटल को बंद रखा जाएगा।
पोप ने ही बिशप पद पर की थी नियुक्ति
चर्च के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने फादर लुईस मस्करेन्हस को इलाहाबाद कैथोलिक डायोसिस का बिशप नियुक्त किया था। पोप की ओर से की गई नियुक्ति की घोषणा 17 जून 2023 को आगरा महाधर्म प्रांत के धर्माध्यक्ष राफी मंजली ने करते हुए नए धर्माध्यक्ष बनाए जाने का स्वागत किया था। इस घोषणा के पहले तक फादर लुईस मस्करेन्हस नाजरेथ हॉस्पिटल के निदेशक के रूप में कार्यरत थे।
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