Trump s New Tariff Policy Global Market Turmoil and India s Economic Outlook बोले प्रयागराज : एकतरफा है ट्रंप का नजरिया, हमें बचानी होगी अपनी जमीन , Prayagraj Hindi News - Hindustan
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बोले प्रयागराज : एकतरफा है ट्रंप का नजरिया, हमें बचानी होगी अपनी जमीन

Prayagraj News - अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति ने वैश्विक बाजार में हलचल मचा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका प्रभाव भारत पर सीमित रहेगा। भारतीय छात्र और उद्योगों के विशेषज्ञ इस अवसर को...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजSat, 5 April 2025 05:04 AM
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बोले प्रयागराज : एकतरफा है ट्रंप का नजरिया, हमें बचानी होगी अपनी जमीन

प्रयागराज, संवाददाता। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई जैसे को तैसा शुल्क (रेसिप्रोकल टैरिफ) नीति की घोषणा से वैश्विक बाजार में उथल-पुथल मची हुई है। अमेरिका के बड़े कारोबारी साझेदार देशों जैसे चीन, कनाडा, मैक्सिको, वियतनाम, दक्षिण अफ्रीका, जापान आदि पर प्रत्यक्ष असर की बात कही जा रही है वहीं भारत को लेकर अभी विशेषज्ञ कुछ भी साफतौर से कहने से कतरा रहे हैं। पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बनी अमेरिकी राष्ट्रपति की नीति को लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों के बीच चर्चा और तमाम तरह की आशंकाएं हैं। प्रयागराज में ट्रिपलआईटी के छात्र भी वैश्विक परिदृश्य पर नजर बनाए हुए हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान ने शुक्रवार को ‘बोले प्रयागराज के तहत इसी विषय पर भावी टेक्नोक्रेट्स की राय जानी। संस्थान के शिक्षकों और छात्र-छात्राओं का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप साहसी और चौंकाने वाले निर्णय लेने के लिए जाने जाते हैं। चूंकि यह मामला पूरी तरह से व्यापार से जुड़ा है तो भारत को अपने आर्थिक हितों पर खासतौर से ध्यान देने की जरूरत है। किसी भी वैश्विक उठापटक से सुरक्षित बचने के लिए हमें अपने घरेलू, कुटीर और लघु उद्योगों को मजबूत करने की आवश्यकता है।

अमेरिकी राट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को लेकर ट्रिपलआईटी के छात्र-छात्राओं का मानना है कि इसका असर ज्वेलरी, गोल्ड, सी-फूड, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल सहित शेयर बाजार पर पड़ना तय है। लघु उद्योग एवं निर्यात भी प्रभावित होंगे। इसे चुनौती के रूप में लेते हुए हमें इससे निपटने के लिए व्यापक रणनीति बनाकर घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने का काम करना होगा। कहा जा रहा है कि टैरिफ में बदलाव का भारत पर उतना व्यापक असर नहीं होगा। भारत इसे अवसर के रूप में ले और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देकर उत्पादन क्षमता को विकसित करे। घरेलू उत्पादन बढ़ने पर हमारा आयात कम होगा और स्वदेशी को बढ़ावा मिल सकेगा। तकनीकी छात्र-छात्राओं का मानना है कि इससे देश में नये-नये उद्योग स्थापित हो सकेंगे और मेक इन इंडिया को भी बढ़ावा मिल सकेगा। अमेरिकी नीतियों को लेकर जहां दूसरे देश मुखर हैं वहीं भारत ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। लोगों का मानना है कि अमेरिकी नीति के कारण दूसरे देश भारत में व्यापार के लिए आकर्षित होंगे और देश में निवेश भी बढ़ सकता है।

लोग यह भी मानकर चल रहे हैं कि अभी स्थिति स्पष्ट न होने के कारण पूरे मामले की व्यापक समीक्षा करनी होगी, इंतजार भी करना पड़ेगा। भारत को बातचीत के जरिए इसके समाधान तलाशने होंगे। अमेरिकी सरकार की नई टैरिफ नीति वैश्विक सप्लाई चेन की मौजूदा व्यवस्था में भी भारी अस्थिरता फैला सकती है। आयात-निर्यात एवं शेयर बाजार में भी अस्थिरता देखने को मिल सकती है। भारत को इस नये हालात में भी अपने लिए अवसर तलाशने होंगे। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में काम करते हुए भारी उद्योगों को बढ़ावा देकर उत्पादन क्षमता बढ़ानी होगी ताकि आयात कम किया जा सके और घरेलू उत्पादों को बाजार मिल सके। साफतौर पर लोगों का मानना है कि हमें अमेरिका पर पूरी तरह से निर्भर रहने की बजाय दूसरे विकल्प भी तलाशने होंगे। लोग पूरी तरह से आशान्वित हैं कि आरबीआई के रेपो रेट कम होंगे और बैंकों के पास पर्याप्त धनराशि होने के कारण बड़े पैमाने पर उद्योग स्थापित हो सकेंगे।

इनका कहना है

समस्या आ चुकी है और हमें अब इसका समाधान तलाशना होगा। एक जनपद-एक उत्पाद जैसी नीतियों को बढ़ावा देने के साथ ही भारी उद्योगों की स्थापना कर उत्पादन क्षमता बढ़ानी होगी ताकि प्रतिभाओं के पलायन को रोका जा सके। देश में संसाधनों और प्रतिभाओं की कमी नहीं है। पूरे विश्व में भारतीय उत्पादों की खासी मांग है।

डॉ. प्रज्ञा सिह, विभागाध्यक्ष, प्रबंधन अध्ययन, ट्रिपलआईटी

नई टैरिफ नीति से कई उत्पादों के दामों में बढ़ोतरी होने की संभावना है। आईटी कंपनियों पर भी इसका असर पड़ना तय है। इस टैरिफ पर विचार करने की आवश्यकता है।--अंकिता तिवारी, एमबीए प्रथम वर्ष

अन्य देशों की भांति भारत में भी इसका असर पड़ सकता है। आयात-निर्यात होने वाले उत्पादों पर इसका असर पड़ने की संभावना है। इसका असर भारतीय रुपये पर भी पड़ सकता है।-शिवांश मिश्रा, एमबीए प्रथम वर्ष

टैरिफ बढ़ने से यूएस की कंपनियां भारत में निवेश करेंगी। ड्यूटी फ्री उत्पाद पर भी टैरिफ लग जाएगा। यह एक रिटेलिएशन टैरिफ है। भारत के लिए आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का भी अवसर है।-मनु मिश्रा, छात्र

अमेरिका ने ट्रैरिफ बढ़ाए हैं। चूंकि भारत यूएस को निर्यात करता है। इससे हमारे उत्पाद अमेरिकी बाजार में और महंगे होने की संभावना है। इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ने की संभावना है।-प्रशांत, एमबीए प्रथम वर्ष

जो टैरिफ लगाए गए हैं उसका कई देशों पर असर पड़ेगा। आयात-निर्यात करने वाले अन्य देशों पर इसका असर देखने को मिल सकता है। वहीं भारत के आत्मर्निभरता की ओर बढ़ने के अवसर भी हैं।-वंदिता मिश्रा, एमबीए प्रथम वर्ष

टैरिफ के नकारात्मक और सकारात्मक दोनों ही पहलू हैं लेकिन भारत के लिए टेक्सटाइल्स समेत अन्य सेक्टर में अच्छा करने का मौका भी है। अमेरिका की नई नीति का असर सभी देशों पर पड़ेगा।-प्रियांशी यादव, एमबीए प्रथम वर्ष

यूएस ने चीन, जापान, दक्षिण कोरिया समेत अन्य देशों पर जो टैरिफ लगाया है उससे इन देशों के लिए यूएस को निर्यात करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। भारत को भी अपनी नीतियों में बदलाव करना होगा।-आलोक सिंह, बीटेक द्वितीय वर्ष

टैरिफ का असर शेयर बाजार में दिख रहा है। निफ्टी-बीएसई में भी अभी गिरावट देखने को मिली है। टैरिफ का वैश्विक स्तर पर असर देखा जा रहा है। देश की मुद्रा के मजबूत होने की भी संभावना है।-- तनीशा, छात्रा

ट्रंप की नई नीति से कनाडा, चीन, जापान जैसे देशों को वहां निर्यात करना मुश्किल होगा लेकिन भारत के लिए हालात उतने खराब नहीं हैं। हमें दूसरों देशों से व्यापार बढ़ाकर नुकसान कम कर सकते हैं।--सुरुचि कुमारी, एमबीए प्रथम वर्ष

यह समय अपने घरेलू उद्योगों, खासकर लघु और कुटीर उद्योगों को मजबूत करने और अमेरिका के विकल्प के तौर पर दूसरे देशों के साथ व्यापार बढ़ाने का है। भविष्य में यह देश के लिए बेहतर हो सकता है।--कोमल तिवारी, एमबीए प्रथम वर्ष

ट्रंप की टैरिफ नीति का अल्प समय में इतना असर नहीं पड़ने के आसार हैं लेकिन आगे चलकर इसका असर देखने को मिल सकता है। भारत आत्मनिर्भर बने तो यह अपने देश के लिये लाभकारी साबित होगा।--अनुराग कश्यप, एमबीए द्वितीय वर्ष

अमेरिकी टैरिफ नीति में बदलाव से वैश्विक बाजार में हलचल मची हुई है। इस असर भारत से निर्यात होने वाले ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों और दवा के कारोबार पर देखने को मिल सकता है।- मेधा केसरवानी, छात्रा

भारत को चीन की अपेक्षा ज्यादा लाभ मिलने की संभावना है। आरंभ में नुकसान हो सकता है लेकिन लंबे समय के लिए यह टैरिफ नीति भारत के लिए लाभकारी होगा। भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ेगी।--शुभम केसरी, शोध छात्र

ट्रंप ने अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए आक्रामक तरीके से ट्रैरिफ नीति लागू की है, इस असर आने वाले समय पर अमेरिका पर ही अधिक पड़ेगा। हम अन्य देशों के साथ कारोबार बढ़ाकर इससे उबर जाएंगे।--शताब्दी सोनकर, शोध छात्रा

वर्तमान में दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी उथलपुथल मची है जिसका असर भारत में भी दिख रहा है लेकिन आने वाले समय में दूसरे देश भारत के साथ कारोबार बढ़ाएंगे जिससे हमें फायदा होगा।--रचित द्विवेदी, शोध छात्रा वित्त

अल्प समय में इसका दुष्प्रभाव देखने को मिल सकता है। निर्यात पर असर देखा जा सकता है लेकिन आने वाले समय में देश को इसका लाभ मिलता दिखाई देने की संभावना है। आने वाले समय में भारत आत्मनिर्भर भी होगा।--हर्षिता तिवारी, शोध छात्रा

टैरिफ का असर निर्यात क्षेत्र में हुआ है। जो पूंजी लगा रहे हैं उन पर इसका असर पड़ सकता है। इसे दूर करने का तरीका यह है कि अपने उत्पादों को बढ़ायें और बनायें। उसका प्रचार-प्रसार भी अच्छे तरीके से किया जाए। -प्रगति यादव, शोध छात्रा

मुझे तो लगता है कि ट्रंप की नीति का असर वहां के लोगों पर अधिक होगा क्योंकि भारत भी वहां के उत्पादों पर टैक्स बढ़ाएगा जिससे वहां के उत्पादों की कीमत बढ़ेगी और उनका कारोबार धीरे-धीरे कम होगा।--कशिश सोनकर, शोध छात्रा

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