Earth Day Over 38 500 Crores Spent on Planting But No Focus on Plant Conservation पर्यावरण सुधारने को पांच साल में बहा दिए 38502 करोड़, Rampur Hindi News - Hindustan
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पर्यावरण सुधारने को पांच साल में बहा दिए 38502 करोड़

Rampur News - आज पृथ्वी दिवस है। पिछले पांच वर्षों में पौधरोपण पर केंद्र सरकार ने 38502.21 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, लेकिन पौधों के संरक्षण पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। यह जानकारी आरटीआई के तहत मिली है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, रामपुरTue, 22 April 2025 02:51 AM
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पर्यावरण सुधारने को पांच साल में बहा दिए 38502 करोड़

आज पृथ्वी दिवस है...धरती की सेहत सुधारने के लिए हर साल पौधरोपण के लिए पैसा पानी की तरह बहाया जाता है। लेकिन, पौधों के संरक्षण पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। यही वजह है पौधे लगते हैं और सूख जाते हैं। बीते पांच साल में पौधे लगाने पर केंद्र सरकार 38502.21 करोड़ खर्च कर चुकी है। यह खुलासा आरटीआई के तहत एआईजी फॉरेस्ट संजय कुमार चौहान ने दी है। रामपुर के आरटीआईआई एक्टिविस्ट एवं डीके फाउंडेशन आफ फ्रीडम एंड जस्टिस के डायरेक्टर दानिश खान ने सूचना अधिकार अधिनियम के तहत बीते पांच साल में पौधा रोपण पर कितना खर्च हुआ और इन पौधों को संरक्षित रखने के लिए क्या किया गया, इसकी जानकारी मांगी थी, जिस पर एआईजी फॉरेस्ट ने सिर्फ पौधेरोपण पर हुए खर्च की जानकारी दी है।

कब कितना हुआ खर्च

वर्ष 2019-20 में 5677.61 करोड़

वर्ष 2020-21 में 7913,31 करोड़

वर्ष 2021-22 में 9139.00 करोड़

वर्ष 2022-23 में 8453.02 करोड़

वर्ष 2023-24 में 7319.27 करोड़

टॉप-5 राज्य, जहां सर्वाधिक हुआ खर्च

नाम राज्य कितना खर्च

मध्य प्रदेश 1070.60 करोड़

उड़ीसा 948.04 करोड़

महाराष्ट्र 597.57 करोड़

छत्तीसगढ़ 471.21 करोड़

तेलंगाना 455.30 करोड़

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वे पांच राज्य जहां बेहद कम खर्च हुआ

नाम राज्य कितना खर्च

केरल 9.06

मणिपुर 20.26

मेघालय 30.91

पश्चिम बंगाल 79.40

सिक्किम 79.95

उत्तर प्रदेश में खर्चे 172 करोड़

आरटीआई में आए जवाब के अनुसार उत्तर प्रदेश में वित्तीय वर्ष 19-20 में 285.68, 20-21 में 442.01, 21-22 में 586.89, 22-23 में 344.08 और 2023-24 में 172.04 करोड़ पौधे रोपण पर खर्च किए गए।

काश! चले कोई ऐसी मुहिम

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डाक्टर हीरा लाल ने संभल में तैनाती के दौरान पेड़ लगाने के साथ-साथ बचाने पर काम किया था। जब वह बांदा में डीएम थे तो बकायदा पेड़ जियाओ अभियान चलाया था। उनकी किताब डायनामिक डीएम में इसका उल्लेख किया गया है। काश, पौधे बचाने के लिए हर कहीं ऐसी ही मुहिम चले या फिर सरकार कोई ठोस कार्य योजना बनाए तो धरती पर फिर से हरियाली लौट आएगी।

हमें नियमानुसार सभी सूचनाएं नहीं मिल सकीं। सिर्फ पौधे रोपित करने पर हुए खर्च की जानकारी दी गई है, उन्हें बचाने के लिए क्या किया, इसकी जानकारी के लिए हमने अपील दायर की है।

-दानिश खान, आरटीआई एक्टिविस्ट

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