संविदा कर्मियों को बड़ी राहत, भर्ती से लेकर सैलेरी तक का जिम्मा संभालेगा ये विभाग, नौकरी के बढ़ेंगे लाभ
यूपी में आउटसोर्स कर्मचारियों को अब एजेंसियों के उत्पीड़न से राहत मिलेगी। आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद भर्ती से लेकर तनख्वाह देने तक की जिम्मेदारी निगम ही संभालेगा।

यूपी में आउटसोर्स कर्मचारियों को अब एजेंसियों के उत्पीड़न से राहत मिलेगी। आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के बाद भर्ती से लेकर तनख्वाह देने तक की जिम्मेदारी निगम ही संभालेगा। एजेंसियों को बाहर करने से सरकार को भी बचत होगी, इसके अलावा कर्मचारियों के भी सेवा लाभ बढ़ेंगे। सूत्र बताते हैं कि निगम के गठन का प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में रखा जा सकता है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद कर्मचारियों की तनख्वाह व अन्य सेवा लाभ और निगम का स्वरूप तय किया जाएगा।
सूत्र बताते हैं कि आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्या पर चर्चा करते हुए जिम्मेदार विभागों ने माना था कि कर्मचारियों का चयन और उनका नवीनीकरण करते समय एजेंसियां धन वसूली करती हैं। आउटसोर्स एजेंसियां अवैधानिक कटौती करके कर्मचारियों को मानदेय देती हैं। इसके अलावा सभी आउटसोर्स कर्मचारियों के ईपीएफ और ईएसआई खाते नहीं खुलवाए जाते हैं और जिनके खुलते भी हैं, उनमें समय से पैसा जमा नहीं किया जाता है। इसकी वजह से कर्मचारियों को ईएसआई और ईपीएफ का लाभ नहीं मिलता है। इन समस्याओं को खत्म करने के लिए ही निगम के गठन का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
सूत्र बताते हैं कि निगम का गठन कंपनी एक्ट में गैर लाभकारी संस्था के तौर पर किया जाएगा। निगम भर्ती की केंद्रीयत व्यवस्था बनाएगा। आउटसोर्स कर्मचारियों की ईपीएफ व ईएसआई राशि जमा करेगा, जिससे उन्हें इससे मिलने वाले लाभ मिल सकेंगे। निगम ही सभी विभागों को आवश्यकता के मुताबिक आउटसोर्स कर्मचारी उपलब्ध करवाएगा। कर्मचारियों को तनख्वाह वेतन खाते में दी जाएगी। इससे कर्मचारी स्वत: बीमित होंगे। दुर्घटना या विकलांगता की स्थिति में 30 लाख रुपये का भुगतान बैंक कर्मचारी या परिवार को करेगा।
सरकार को होगी 22.5% की बचत
निगम का गठन होने से सरकार को भी लाभ होगा। आउटसोर्स कर्मचारियों पर अभी हो रहे खर्च में 22.5% की कमी आएगी। अभी जब एजेंसियों के मार्फत आउटसोर्स कर्मचारी रखे जाते हैं तो सरकार को जीएसटी और एजेंसी के कमीशन का भुगतान करना होता है। जीएसटी पर 18% और कमीशन पर 4.5% का भुगतान होता था।
ईएसआई व ईपीएफ से लाभ मिलेंगे
- सभी महिला कर्मचारियों को 180 दिन की पेड मैटरनिटी लीव दी जाएगी
- मिसकैरेज पर 42 दिनों की पेड मैटरनिटी लीव मिलेगी
- अस्वस्थ होने पर 91 दिन तक 70% पेड लीव। असाध्य रोग की स्थिति में 124 से 309 दिनों तक 80% पेड लीव जिसे विशेष परिस्थितियों में 730 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है
- ईएसआई चिकित्सालय व ईएसआई से संबद्ध चिकित्सालयों में कर्मचारियों को मुफ्त इलाज व जांचें
- ईएसआई चिकित्सा संस्थानों में मेडिकल व नर्सिंग कोर्सों की सीटों में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के बच्चों के लिए निर्धारित सीटों का आरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा
- कर्मचारी की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार के लिए 15,000 रुपये परिवारीजनों को दिए जाएंगे
- दुर्घटना में मृत्यु होने पर 2.50 से 7 लाख रुपये तक परिवारीजनों को मिलेंगे
- सेवा अवधि पूरी करने के बाद पेंशन की सुविधा
- - कर्मचारी की मृत्यु के बाद पत्नी अथवा माता-पिता को पेंशन
निगम बनने के बाद सरकार से मिलेंगी सुविधाएं
- एक वर्ष में 12 आकस्मिक अवकाश
- एक वर्ष में 10 दिन का चिकित्सा अवकाश
- शासकीय काम से मुख्यालय से बाहर जाने पर टीए-डीए
- सामान्य मृत्यु पर 2 लाख और दुर्घटना में मृत्यु पर 5 लाख रुपये का भुगतान
लड़कियों को विदेश में पढ़ाने पर मिलेगी मदद
आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए वेलफेयर फंड का भी गठन निगम करेगा। इसका लाभ चतुर्थ श्रेणी के आउटसोर्स कर्मचारियों की बच्चियों को पढ़ाई में भी मिलेगा। प्रस्ताव में व्यवस्था की गई है कि चिकित्सा संस्थानों, इंजीनियरिंग, पीचडी, प्रबंधन या यूपीएससी में चयनित बालिकाओं को एक लाख रुपये इस फंड से एक लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त परिवार की किसी एक बेटी को विदेश में भी पढ़ने के लिए एक लाख रुपये की राशि इसी फंड से दी जाएगी।