Mechanics Struggle with High Costs and Lack of Permanent Establishments बोले सहारनपुर : बाइक मैकेनिकों को चाहिए स्थाई ठिकाना और सुविधाओं की किक, Saharanpur Hindi News - Hindustan
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बोले सहारनपुर : बाइक मैकेनिकों को चाहिए स्थाई ठिकाना और सुविधाओं की किक

Saharanpur News - दोपहिया वाहनों के मैकेनिकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे महंगे पार्ट्स, कम आमदनी और स्थायी ठिकाना न होना। लगभग 25 हजार मैकेनिक सड़क किनारे काम करते हैं और सरकार से सस्ती लोन और...

Newswrap हिन्दुस्तान, सहारनपुरSun, 13 April 2025 02:04 AM
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बोले सहारनपुर : बाइक मैकेनिकों को चाहिए स्थाई ठिकाना और सुविधाओं की किक

दोपहिया वाहनों के खराब होने के बाद लोगों को जिस व्यक्ति की मदद की आवश्यकता होती है, वह है मैकेनिक। इनमें से अधिकांश मैकेनिकों के पास शहर में स्थाई ठिकाना नहीं है। यह लोग दुकानों के बाहर ही खुले में काम कर रहे है। शहर के हम मार्ग पर ऐसे ही मैकेनिकों की संख्या काफी है। मैकेनिकों की सबसे बड़ी समस्या अच्छे स्थानों पर स्थायी ठिकाना न होना और महंगे पार्ट्स की हैं। टू-व्हीलर वाहन आम आदमी की जरूरत बन चुके हैं। गली, मोहल्ले और कस्बे में हजारों की संख्या में टू-व्हीलर चलते हैं। इन वाहनों की सेवा और मरम्मत का काम करने वाले टू-व्हीलर मैकेनिक अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन अफसोस की बात है कि मोटर मैकेनिकों का स्थायी ठिकाना न होना और महंगे पार्ट्स की समस्याओं से जूझ रहे हैं। इनकी समस्याओं को समझना और उनके समाधान की दिशा में कदम उठाना बेहद जरूरी है।

जनपद में सबसे पास एक से अधिक टू-व्हीलर हैं। टू-व्हीलर की मरम्मत करने वाले मैकेनिक भी आपको सड़क किनारे मरम्मत करते मिल जाएंगे। जनपद में करीब 25 हजार मैकेनिक हैं जो अस्थायी ठिए अथवा दुकानों पर टू-व्हीलर रिपेयर करते देखे जा सकते हैं। सर्दी, गर्मी, बरसात कैसा भी मौसम हो, मैकेनिक अपने काम मे जुटे रहते हैं। बदलते समय के साथ तकनीक बदल रही है, जो मैकेनिक के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है। साथ ही महंगे होते ऑटो पार्ट्स ने भी इनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। संघर्षपूर्ण जीवन जीने वाले मैकेनिक सरकार से मदद की आस लगा रहे हैं। उनकी मांग है कि सरकार उनको सस्ती दरों पर लोन उपलब्ध कराए, जिससे वो भी आधुनिक वर्कशॉप बनाकर अपना भविष्य सुधार सकें। मौसम की मार झेलने वाले मैकेनिकों की मांग है कि सरकार आयुष्मान कार्ड की सुविधा उपलब्ध कराए जिससे मंहगे होते इलाज से राहत मिल सके। आधुनिक प्रशिक्षण और स्थायी ठिए की मांग भी की जा रही है। सरकार आधुनिक प्रशिक्षण दे और स्थायी ठिकाना बनाकर दे तो बड़े रोजगार में तबदील हो सकता है। देश की अर्थव्यवस्था में भी मददगार साबित होंगे साथ ही बेरोजगारी की समस्या में भी राहत मिलेगी।

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महंगे पार्ट्स की समस्या

बाजार में टू-व्हीलर के स्पेयर पार्ट्स की कीमत लगातार बढ़ रही है। असली पार्ट्स आम ग्राहकों की पहुंच से बाहर होते जा रहे हैं। मैकेनिक जब ग्राहक को सही पार्ट्स दिलाने की कोशिश करता है, तो उसे घाटा उठाना पड़ता है। इससे न केवल ग्राहक असंतुष्ट होता है बल्कि मैकेनिक की आमदनी भी प्रभावित होती है।

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आमदनी कम होने की समस्या

टू-व्हीलर मैकेनिक का काम बेहद मेहनत भरा होता है, लेकिन इसके बावजूद उनकी मासिक आमदनी बहुत सीमित होती है। अधिकांश मैकेनिक दिन भर काम करके बमुश्किल दस से ₹15 हजार रुपये कमा पाते हैं। यह रकम परिवार चलाने और बच्चों की पढ़ाई, इलाज जैसे जरूरी खर्चों के लिए अपर्याप्त है।

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सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं

सरकार समय-समय पर स्वरोजगार और कौशल विकास की कई योजनाएं लाती है, लेकिन ज़्यादातर मैकेनिक इन योजनाओं से अनजान होते हैं। न तो उन्हें जानकारी मिलती है और न ही कोई प्रशिक्षण या सुविधा। मैकेनिकों की मांग है कि सरकारी योजनाओं की जानकारी के लिए विशेष कैंप लगाए जाएं।

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नई तकनीक की जानकारी नहीं

ऑटोमोबाइल सेक्टर में तेजी से तकनीकी बदलाव हो रहे हैं। अब वाहन सेंसर, सॉफ्टवेयर और ऑटोमेशन से लैस हो चुके हैं। लेकिन पुराने तरीके से काम करने वाले मैकेनिकों के पास इन नई तकनीकों की जानकारी नहीं होती। इससे उनका काम सीमित हो जाता है और युवा ग्राहक आधुनिक सर्विस सेंटर्स की ओर रुख करने लगते हैं।

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स्थायी ठिया नहीं होने की समस्या

कई मैकेनिक फुटपाथ, गली-नुक्कड़ों या सड़क किनारे काम करते हैं। न तो उनके पास पक्की दुकान होती है, न बिजली-पानी की सुविधा। बरसात या गर्मी के मौसम में काम करना बेहद मुश्किल हो जाता है। उन्हें स्थानीय प्रशासन द्वारा बार-बार हटाया भी जाता है। उनकी मांग है कि उनके लिए कोई स्थायी ठिकाना उपलब्ध कराया जाए जिससे उन्हें बार-बार ठिकाना ना बदलना पड़े।

समस्याएं और मांगे

-मंहगे पार्ट्स की समस्या

-आमदनी कम होने की समस्या

-सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं होने की समस्या

-नई तकनीक की जानकारी नहीं होने की समस्या

-ठिया नहीं होने की समस्या

-आधुनिक प्रशिक्षण की मांग

-सस्ती दरों पर लोन की मांग

-स्वास्थ्य बीमा की मांग

-पार्ट्स पर जीएससी दरें कम की मांग

वर्जन

सरकार और कंपनियों द्वारा नियमित रूप से आधुनिक तकनीकों पर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए ताकि मेकेनिक समय के साथ अपडेट रह सकें। बिल्लू, मैकेनिक

सस्ती दरों पर लोन की सुविधा होनी चाहिए। छोटे मैकेनिकों को औजार खरीदने, दुकान खोलने या नई मशीनें लगाने के लिए आसान और ब्याज मुक्त लोन मिले। राणा, मैकेनिक

स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ हमें भी मिलना चाहिए। मैकेनिकों को सरकारी स्वास्थ्य बीमा से जोड़ा जाए ताकि दुर्घटना या बीमारी की स्थिति में उन्हें सहायता मिल सके। सुनील, मैकेनिक

कुछ युवा अपनी बाइक पर पटाखे लगाकर चलाते हैं। जब वो रिपेयर के लिए हमारे पास आते हैं तो हम ठीक करने के बाद चेक करते हैं तो पुलिस हमें परेशान करती है। गलती दूसरों की होती है, भुगतनी हमें पड़ती है। राहुल,मैकेनिक

हम लोग दिन भर ग्रीस और धूल में काम करते हैं, लेकिन न कोई सुविधा है और न कोई पक्का ठिकाना। बरसात में हमारा औजार भीग जाता है, ग्राहक भी नहीं आता है। शारीक, मैकेनिक

सरकार की कई स्कीमे हैं पर हमें कोई बताने वाला नहीं है। हम तो बस इतना चाहते हैं कि कोई हमें भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिले, जिससे हमारा भविष्य भी सुधर सके। रविंद्र, मैकेनिक

तकनीक में लगातार बदलाव हो रहा है। नई बाइकें अब सेंसर और कंप्यूटर से चलती हैं। हम पुरानी स्किल से उनका कुछ नहीं कर पाते। हमें ट्रेनिंग चाहिए, लेकिन वो भी महंगी है। सुंदर, मैकेनिक

पार्ट्स मंहगे होने के चलते आमदनी काफी कम हो गई है। करीब 28 प्रतिशत जीएसटी लगाई जाती है। अगर पार्टस पर जीएसटी की दरें कम की जाए तो सबको फायदा होगा। संजीव, मैकेनिक

सभी मैकेनिक आर्थिक रुप से मजबूत नहीं है। ज्यादातार सड़क किनारे अस्थायी ठिया बनाकर रोजगार करते हैं। पक्का ठिया चाहिए, जहां हम चैन से काम कर सकें। बार-बार हटाया जाना हमारी रोजी-रोटी छीन लेता है। राजेंद्र, मैकेनिक

पार्टस मंहगे होने के चलते आमदनी काफी कम हो गई है। करीब 28 प्रतिशत जीएसटी लगाई जाती है। अगर पार्टस पर जीएसटी की दरें कम की जाए तो सबको फायदा होगा। सिद्धार्थ, मैकेनिक

रोजगार बढ़ाने के लिए लोन की जरुरत होती है। सरकार को सस्ती दरों पर लोन की सुविधा उपलब्ध कराए जाने पर विचार करना चाहिए। बैंकों को भी सपोर्ट करना चाहिए। अनिल, मैकेनिक

मैकेनिक का काम काफी मेहनत का काम होता है। दूसरे लोगों की तरह हमें भी स्वास्थ्य बीमा की सुविधा मिलनी चाहिए। प्राइवेट कंपनी का बीमा काफी मंहगा होता है। राकेश, मैकेनिक

ज्यादातर मैकेनिक पुरानी तकनीक पर ही निर्भर है। बदलते समय के साथ काफी बदलाव आाय है। सरकार मुफ्त प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराए तो सबको फायदा होगा। मनीष, मैकेनिक

मैकेनिक समाज में अहम भूमिका अदा करता है। लेकिन हमें सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं मिलती। जिससे हम योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते। विशेष कैंप लगाकर जानकारी दी जाए। कंवरपाल, मैकेनिक

गर्मी में पसीना और सर्दी में ठिठुरन में काम करते हैं। अगर वर्कशॉप मिले तो स्थिति सुधर सकती है। सरकार को मैकेनिक की मदद के लिए योजनाएं बनानी चाहिए। मुकेश, मैकेनिक

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