विश्व लिवर दिवस-नौनिहालों का फैटी लीवर फेफड़ों के साथ जकड़ रहा मस्तिष्क
Saharanpur News - सहारनपुर में हाल ही में हुए सर्वे के अनुसार, 100 नौनिहालों में फैटी लीवर की समस्या बढ़ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि गलत खानपान और जीवनशैली बच्चों के लीवर को प्रभावित कर रही है। सही खानपान और...

सहारनपुर। नौनिहालों का फैटी लीवर फेफड़ों के साथ मस्तिष्क को भी जकड़ रहा है। सहारनपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज में हाल ही में 100 नौनिहालों पर हुए सर्वे में इसका खुलासा हुआ। इस स्थिति को लेकर चिकित्सक भी चिंतित हैं। ऐसे में अब अभिभावकों की काउंसिलिंग के साथ इस बीमारी का इलाज और बचाव के तरीके भी ढूंढे जा रहे हैं। राजकीय मेडिकल कॉलेज सहारनपुर में नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के नोडल अधिकारी डॉ. मनोज कुमार सिंह ने बताया कि गलत खानपान और गलत जीवन शैली सबसे ज्यादा बच्चों व युवाओं के लीवर को प्रभावित कर रही है। लीवर हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। लीवर को यकृत और जिगर के नाम से भी जाना जाता है। यह हमारे पाचन तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। बच्चों में अत्यधिक वसायुक्त और जंक फूड, युवाओं में मदिरा का अत्यधिक सेवन, व्यायाम न करना, अपनी मर्जी से ही दर्द या लीवर को प्रभावित करने वाली अन्य दवाइयों का सेवन करना आदि कारणों से यह प्रभावित हो रहा है। मेडिकल कॉलेज में हाल ही में एक सर्वे हुआ। इस सर्वे में फैटी लीवर वाले 100 नौनिहालों को शामिल किया गया। रिपोर्ट में सामने आया कि फैटी लीवर बच्चों के फेफड़ों से लेकर मस्तिष्क तक को प्रभावित कर रहा है।
फैटी लीवर के यह हैं प्रमुख कारण
शहर के प्रमुख चिकित्सक डॉ. कलीम अहमद ने बताया कि लीवर की बढ़ती समस्या में फैटी लीवर, नान अल्कोहलिक फैटी लीवर डिसीज, अल्कोहलिक लीवर डिसीज और वायरल हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस-सी महत्वपूर्ण कारण हैं। इन्फेक्शन से प्रभावित होने वाले कारणों में वायरल हेपेटाइटिस एक महत्वपूर्ण कारण है जो हेपिटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई वायरस के संक्रमण से फैलता है। इनमें से हेपेटाइटिस बी और सी सबसे खतरनाक हैं।
सही खानपान लें
डॉ. मनोज कुमार सिंह ने बताया कि लीवर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है कि लीवर की बीमारी के कारणों को ध्यान में रखते हुए सही खानपान और सही जीवन शैली को अपनाया जाए। अत्यधिक वसायुक्त भोजन व अल्कोहल का सेवन न करें। दर्द निवारक और लीवर को प्रभावित करने वाली दवाइयों का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें। केंद्र सरकार की ओर से हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत वायरल हेपेटाइटिस बी और सी की जांच और दवाइयां जिला अस्पताल और राजकीय मेडिकल कॉलेज सहारनपुर में निशुल्क उपलब्ध हैं।
सर्वे में यह भी कारण सामने आए
बदलते परिवेश में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ी है और यह फैटी लीवर की मुख्य वजह है। बच्चे खेलने-कूदने के बजाय दिनभर टीवी व कंप्यूटर पर चिपके रहते हैं। खानपान भी बिगड़ गया है। इससे कम उम्र में ही बच्चे मोटापे का शिकार हो रहे हैं। पहले यह बीमारी 30 से 50 वर्ष के उम्र के लोगों में ही होती थी।
फैटी लीवर क्या है
हमारे लीवर में जब चर्बी जमा हो जाती है तो ऐसी स्थिति को फैटी लीवर कहा जाता है। जिस तरह मोटे होने पर हमारे शरीर के बाकी हिस्सों पर चर्बी चढ़ जाती है ठीक उसी तरह हमारे लीवर में भी चर्बी जमा हो जाती है। लीवर में एकत्र हुआ फैट उसके नॉर्मल सेल्स को खत्म करना शुरू कर देता है। इसकी वजह से हेपेटाइटिस, सिरोसिस, फाइब्रोसिस और कैंसर जैसी बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है।
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