पुरानी पेंशन समेत अन्य मांगों को लेकर परिषदीय शिक्षकों ने दिया धरना
Sambhal News - उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के तहत शिक्षकों ने पुरानी पेंशन, पदोन्नति और चयन वेतनमान जैसी मांगों के लिए बीएसए दफ्तर में धरना दिया। शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा और कहा कि 2005 के बाद...

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले परिषदीय शिक्षकों ने पुरानी पेंशन, पदोन्नित, चयन वेतनमान समेत अन्य मांगों के लिए बीएसए दफ्तर परिसर में धरना दिया। वक्ताओं ने विचार रखे। इसके बाद संगठन के पदाधिकारी समेत शिक्षक-शिक्षिकाएं खासी संख्या में कलक्ट्रेट पहुंचे और अपनी समस्याएं गिनाते हुए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर रमेश बाबू को सौंपा। गुरुवार को आयोजित धरने में शिक्षकों को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष अंजीव कुमार श्रोत्रिय ने कहा कि एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त हुए शिक्षकों को भी पुरानी पेंशन का लाभ मिलना चाहिए। पुरानी पेंशन शिक्षकों का हक है। विशिष्ट बीटीसी 2004 व बीटीसी 2001 तथा 2004 की भर्ती का विज्ञापन एक अप्रैल 2005 से पूर्व निकाला गया था।
कई वर्षों से लगातार मांग के बावजूद सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इसके अलावा 2015 के बाद से शिक्षकों की पदोन्नति नहीं हुई है और न ही जिले के अंदर व बाहर आम शिक्षकों को कोई स्थानांतरण किया गया है। वर्ष 2005 के बाद से प्रोन्नत वेतनमान का लाभ भी नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार शिक्षकों की मांग को अनसुना कर रही है। इससे शिक्षकों में आक्रोश है। जिला मंत्री लायक सिंह यादव ने कहा कि आज ऐसी स्थिति हो गई है कि शिक्षकों को पढ़ाई नहीं कराने दी जा रही, बल्कि अन्य कार्यों में लगाया जा रहा है। धरने को संयुक्त मंत्री मुकेश गोयल समेत अन्य शिक्षकों ने संबोधित किया। इस दौरान मोहम्मद रईस, अनिल शर्मा, देवेश प्रताप, पंकज शर्मा, नितिन चौधरी, अतुल चौधरी, सुभाष यादव, सचिन सिंह, दुर्वेश यादव, प्रतिमा गोस्वामी, पूनम भारती, खुश्बू वार्ष्णेय व उमा तोमर आदि शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहे। यह रहीं प्रमुख मांगें -2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ। -प्रोन्नत वेतनमान का लाभ। -जिले के अंदर व बाहर स्थानांतरण। -मानव संपदा पर त्रुटि संशोधन का अधिकार बीएसए को दिया जाए। -सामूहिक बीमा की धनराशि 10 लाख की जाए। -अतिरिक्त प्रभार वाले बीईओ की आईडी जनरेट न होने की समस्या का समाधान कराया जाए। -दिव्यांग शिक्षकों को संशोधित शासनादेश के आधार पर भत्ता मिले।
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