High Court Quashes Notice Against Gram Panchayat in Sant Kabir Nagar s MGNREGA Irregularities Case जिला प्रशासन की कार्रवाई को कोर्ट ने किया निरस्त, Santkabir-nagar Hindi News - Hindustan
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जिला प्रशासन की कार्रवाई को कोर्ट ने किया निरस्त

Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के सेमरियावां ब्लाक के ग्राम पंचायत सुजिया में

Newswrap हिन्दुस्तान, संतकबीरनगरWed, 30 April 2025 10:39 AM
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जिला प्रशासन की कार्रवाई को कोर्ट ने किया निरस्त

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के सेमरियावां ब्लाक के ग्राम पंचायत सुजिया में मनरेगा में वित्तीय अनियमितता के आरोप में जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई के लिए जारी नोटिस को उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया है। जिलाधिकारी ने मनरेगा उपायुक्त की जांच रिपोर्ट के आधार पर ग्राम प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायक के खिलाफ रिकवरी, विभागीय कार्रवाई और ग्राम प्रधान का खाता सीज किए जाने की कार्रवाई की थी। न्यायालय ने ग्राम प्रधान की अपील पर जिला प्रशासन द्वारा जारी की गई नोटिस को निरस्त करने का आदेश दिया है।

बघौली ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम बसडीला निवासी यार मोहम्मद पुत्र मोहम्मद जमा उर्फ भीखा ने सीएम पोर्टल पर शिकायती पत्र भेजा था। पत्र में आरोप लगाया गया कि सेमरियावां ब्लॉक के ग्राम सुजिया में एक ही परियोजना पर दो साल के भीतर नाम बदल कर दो बार कार्य दिखा कर भुगतान ले लिया गया। उक्त शिकायती पत्र की जेडीसी बस्ती ने मंडलीय प्राविधिक परीक्षक से जांच कराई। जेडीसी की जांच रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022-23 में सगरवा गड़ही खुदाई एवं जीर्णोद्धार कार्य पर 2 लाख 41 हजार 968 रुपए खर्च करके कार्य कराया गया था। रिपोर्ट के अनुसार काम के दो साल बीत जाने के कारण वास्तविक मूल्यांकन संभव नहीं था। बाद में मुस्लिम कब्रिस्तान के बगल गड़ही के चारो तरफ बंधा निर्माण का कार्य कराया गया जिसे शिकायतकर्ता ने दोबारा कार्य बताया था। जेडीसी की जांच के अनुसार उक्त कार्य 9 माह पुराना है, इस पर 2 लाख 9 हजार 76 खर्च हुए। कार्य स्थल पर सीआईबी बोर्ड नहीं मिला। माप पुस्तिका में प्रोफाइल मेजरमेंट अंकित न होने के कारण ग्राम प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायक से भुगतान धनराशि का पांच प्रतिशत वसूली किए जाने का निर्देश दिया गया। जेडीसी की इस जांच से मौके पर मौजूद शिकायतकर्ता भी संतुष्ट रहा। बाद में उसी शिकायत की डीसी मनरेगा व डीआरडीए के अवर अभियता ने जांच की। इसमें डीसी मनरेगा ने एक लाख 89 हजार 383 रुपए की अनियमितता सिद्ध करते हुए सचिव के खिलाफ विभागीय कार्रवाई, तकनीकी सहायक और रोजगार सेवक के खिलाफ मनरेगा एसओपी के तहत और ग्राम प्रधान पर 95-1 जी के तहत कार्रवाई और प्रधान, सचिव एवं तकनीकी सेवक से गबन की गई धनराशि वसूलने का आदेश दिया था। जिलाधिकारी द्वारा जारी की गई नोटिस के खिलाफ ग्राम प्रधान कैसरजहां ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दाखिल किया था। 25 अप्रैल 2025 को न्यायालय ने मामले में वृहद सुनवाई के बाद प्रकरण में बिना कारण बताए कार्रवाई करने का हवाला देते हुए जिला प्रशासन द्वारा जारी की गई कार्रवाई की नोटिस को निरस्त कर दिया।

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ग्राम पंचायत के प्रस्ताव को भी साहब ने कर दिया था दरकिनार

पंचायती राज एक्ट में ग्राम पंचायत के प्रस्ताव को गांव की कैबिनेट का प्रस्ताव माना जाता है। इसी प्रस्ताव के आधार पर ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों को धरातल पर उतारा जाता है। ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव और तकनीकी सहायक ने बीडीओ द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण में स्पष्ट किया कि दोनों परियोजनाएं अलग-अलग हैं। उनके अनुसार 2022-23 में मात्र गड़ही की खुदाई और जीर्णोद्धार कार्य हुआ था। बरसात में गड़ही का पानी उससे सटे कब्रिस्तान और किसानों की फसल को बर्बाद कर रहा था। जिसके कारण ग्राम पंचायत की बैठक में ग्रामीणों की मांग पर बंधा बनाकर कब्रिस्तान और किसानों की फसल बचाने का प्रस्ताव पास हुआ था। जनहित में यह कार्य कराया गया था। जांच अधिकारी ने जांच के दौरान ग्राम पंचायत के प्रस्ताव को दरकिनार करके पंचायती राज एक्ट के नियमों को भी चुनौती दे डाली थी।

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