मैन पावर टेंडर में गड़बड़ी, 200 फर्मों को मनमाने ढंग से कर दिया अयोग्य
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में धर्मसिंहवा नगर पंचायत में मैन पावर की

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में धर्मसिंहवा नगर पंचायत में मैन पावर की निविदा (टेंडर) प्रक्रिया में अनियमितता का मामला सामने आया है। आरोप है कि नगर पंचायत प्रशासन द्वारा मनमाने तरीके से 200 फर्मों को निविदा प्रक्रिया से अयोग्य घोषित कर दिया गया, जिससे प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। निविदा में शामिल फर्मों ने नगर पंचायत के जिम्मेदारों पर गम्भीर आरोप लगाए हैं।
नगर पंचायत में मैन पावर सप्लाई के लिए निकाली गई निविदा में कुल 203 फर्मों ने भाग लिया था। करीब 25 दिनों तक प्रक्रिया को रोककर रखा गया। फिर अचानक गुरुवार को बिना किसी स्पष्ट कारण के 200 फर्मों को अयोग्य करार दे दिया गया। शिकायतकर्ता फर्म ने बताया कि इस निर्णय से यह प्रतीत होता है कि कुछ चहेती फर्मों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है। शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि निविदा प्रक्रिया में लिपिक का यूजर आईडी और पासवर्ड का प्रयोग में लाया गया, जिसका प्रयोग कोई दूसरा कर रहा था। यह शासन के नियमों के खिलाफ है क्योंकि किसी कर्मचारी का निजी यूजर आईडी पासवर्ड किसी अन्य के पास नहीं होना चाहिए। इतना ही नहीं नगर पंचायत अध्यक्ष वसीउद्दीन अंसारी ने इस मामले की जानकारी होने से इनकार किया है, जबकि नियमों के अनुसार अध्यक्ष की अनुमति और हस्ताक्षर के बिना कोई टेंडर खोला ही नहीं जा सकता। इससे इस पूरे मामले में नगर प्रशासन की भूमिका पर गंभीर संदेह उत्पन्न होता है।
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विधायक ने की थी पहले भी शिकायत :
इससे पूर्व 10 अक्टूबर को मेंहदावल के विधायक अनिल कुमार त्रिपाठी ने भी नगर विकास मंत्री से नगर पंचायत प्रशासन के खिलाफ मैन पावर निविदा में अनियमितता की शिकायत की थी। जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम मेंहदावल द्वारा जांच कराई गई, जिसमें पाया गया कि टेक्निकल बिड बिना अनुमति खोली गई थी, जबकि इसके लिए अपर जिलाधिकारी की पूर्व अनुमति अनिवार्य थी। इसकी जांच में नगर पंचायत प्रशासन दोषी मिला था। इसके साथ ही नगर पंचायत में इससे पहले भी निविदा प्रक्रियाओं में अनियमितताओं के आरोप लगते रहे हैं।
अपर जिलाधिकारी जयप्रकाश ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। इतने बड़े पैमाने पर फार्मों को अयोग्य करने पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। मामले की गहन जांच कराई जाएगी और यदि आरोप सही पाए गए तो दोषी कर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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