पंचायत सहायकों का अनुबंध समाप्त, लेकिन नहीं रुका मानदेय भुगतान
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में जनपद के पंचायत सहायकों का अनुबंध समाप्त होने

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में जनपद के पंचायत सहायकों का अनुबंध समाप्त होने के छह माह बाद भी अनवरत मानदेय का भुगतान किया जा रहा है। इसको लेकर न तो ग्राम पंचायतें ही ध्यान दे रही हैं और न ही ब्लाक से लेकर जिले के जिम्मेदार ही गम्भीर हैं। हर माह जिले में 48 लाख रुपए से अधिक के मानदेय का भुगतान किया जा रहा है। बड़ा सवाल यह है कि इसको लेकर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने कोई पत्र तक अभी तक जारी नहीं किया है। विभागीय अधिकारी पंचायतों को ही नियुक्ति प्राधिकारी बताकर अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं।
इस लापरवाही के चलते हर महीने नियम विरुद्ध तरीके से मानदेय भुगतान हो रहा है। पंचायत सहायकों का चयन वर्ष 2021 में 11 माह के लिए कराया था। चयन के समय जारी शासनादेश में ही निर्देश था कि चयन 11 माह के लिए होगा। उसके बाद ग्राम पंचायतें कार्य के आधार पर अधिकतम दो वर्ष के लिए अनुबंध में वृद्धि कर सकेंगी। जिले में 708 पंचायत सहायकों का चयन हुआ। सभी ने अपने-अपने ग्राम पंचायत में कार्य शुरू कर दिया। 11 माह की अवधि पूरी होने के बाद ग्राम पंचायत की बैठक में इनके कार्यकाल को दो वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया। इसकी अवधि नवंबर 2024 में खत्म हो गई। नियमानुसार इसके बाद पंचायत सहायकों का दोबारा अनुबंध किया जाना था। लेकिन जिले की किसी ग्राम पंचायत में अभी तक नया अनुबंध नहीं किया गया है। सबसे मजेदार तो यह है कि बिना अनुबंध किए ही ग्राम पंचायतें हर माह छह हजार रुपए मानदेय का भी नियम विरुद्ध तरीके से भुगतान कर रही हैं। ब्लाक से लेकर जिला मुख्यालय तक के जिम्मेदार अधिकारी इसको लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। इनकी चुप्पी के कारण प्रत्येक माह करीब 48 लाख रुपए से अधिक का भुगतान गलत तरीके से किया जा रहा है। छह माह हो गया अनुबंध समाप्त हुए पंचायत सहायकों का अनुबंध समाप्त हुए छह माह बीत चुका है। लेकिन जिम्मेदारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। अब सवाल यह है कि छह महीने बाद यह प्रक्रिया शुरू होती है और दुबारा अनुबंध किया जाता है तो पिछले छह माह के कार्यकाल का क्या होगा। यदि किसी पंचायत सहायक का कार्य ठीक नहीं है और उसे बाहर किया जाता है तो पिछले छह महीने से अनुबंध किए बिना ही दिए गए मानदेय की रिकवरी कैसे होगी? ग्राम पंचायतों के जिम्मेदार खुद को इससे अनभिज्ञ बता रहे हैं और उच्चाधिकारियों के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। मुख्य विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी ने कहा कि पंचायत सहायक की नियुक्ति प्राधिकारी ग्राम पंचायत होती हैं। शासादेश के अनुसार ग्राम पंचायत को ही अग्रिम कार्रवाई करनी है। सभी ग्राम पंचायतों को निर्देशित किया जा रहा है कि शासानादेश के अनुसार पंचायत सहायकों के विषय में अग्रेतर कार्रवाई सुनिश्चित करें।
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