यूपी में चार जिलों के बीच अकेला सत्यनारायण मन्दिर, 200 साल पुराना है इतिहास
- गोंडा मंडल के जिलों में यह अकेला भगवान सत्यनारायण का मंदिर है। यहां दूरदराज से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है

सनातन धर्म से जुड़े लोगों के घर में अक्सर भगवान सत्यनारायण की कथा का आयोजन होता है। जन्मदिन समेत अन्य मांगलिक अवसरों पर सत्यनारायण भगवान की पूजा होती है। देवीपाटन मंडल में भगवान सत्य नारायण मंदिर गोण्डा शहर में पौराणिक दुखहरण नाथ मंदिर के बगल में स्थित है। इस मंदिर में सत्य नारायण भगवान और मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर के पुजारी करुणेश शुक्ला का कहना है कि यह करीब 200 साल पुराना है। मंदिर का चार साल पहले जीर्णोद्धार कराया गया था। मान्यता है कि यहां भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
शहर में स्टेशन रोड पर सत्य नारायण भगवान मंदिर है। यह मंदिर में करीब 200 साल से अधिक पुराना बताया रहा है। मंदिर में भगवान सत्यनारायण के साथ दुर्गा और हनुमान की आकर्षक प्रतिमा स्थापित है जो वियतनाम से मंगाई गई है। मंदिर के पुजारी करुणेश शुक्ला ने बताया कि उनके पूर्वजों के जमाने से मंदिर में पूजा-अर्चना होती है। उन्होंने बताया कि उनके बाबा भगवान विष्णु के उपासक थे। वह मंदिर को भव्य रूप से तैयार करना चाहते थे। उनके सपने को चार साल पहले 11 दिसम्बर 2020 को पूरा करते हुए मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया है। उन्होंने दावा कि सत्यनारायण मंदिर देवीपाटन मंडल का पहली मंदिर है। पं. करुणेश शुक्ला कहते हैं कि मंदिर में बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं। मंदिर में सुबह 5:30 बजे आरती पूजन कर भक्तों के लिए कपाट खोल दिया जाता है। उन्होंने बताया कि लखनऊ, बाराबंकी, बलरामपुर सहित अन्य शहरों से लोग दर्शन करने आते हैं।
दोनों मंदिरों के दर्शन से होती है मनोकामना
रेलवे स्टेशन रोड स्थित भगवान सत्य नारायण और दुःख हरण भगवान के दर्शन से सभी मान्यताएं पूरी होती है। मंदिर पुजारी का कहना है कि पौराणिक कथाओं के अनुसार त्रेता युग में भगवान शिव मां पार्वती के साथ भगवान श्रीराम का दर्शन करके वापस लौट रहे थे, उस दौरान इसी जगह पर आकर रुके थे।