Saurabh murder case Sahil does not trust the government lawyer planning to hire a private सौरभ हत्याकांड: साहिल को सरकारी वकील पर भरोसा नहीं, निजी अधिवक्ता करने की तैयारी, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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सौरभ हत्याकांड: साहिल को सरकारी वकील पर भरोसा नहीं, निजी अधिवक्ता करने की तैयारी

सौरभ राजपूत हत्याकांड का आरोपी साहिल अपना केस प्राइवेट वकील को सौंप सकता है। दरअसल वह जेल मैन्युअल के तहत मिली अभी तक की व्यवस्था से वह संतुष्ट नहीं है। उसको जल्द जमानत का भरोसा दिलाया गया था लेकिन जमानत नहीं मिली है।

Pawan Kumar Sharma कार्यालय संवाददाता, मेरठThu, 1 May 2025 09:37 PM
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सौरभ हत्याकांड: साहिल को सरकारी वकील पर भरोसा नहीं, निजी अधिवक्ता करने की तैयारी

सौरभ राजपूत हत्याकांड का आरोपी साहिल अपना केस प्राइवेट वकील को सौंप सकता है। जेल मैन्युअल के तहत मिली अभी तक की व्यवस्था से वह संतुष्ट नहीं है। उसको जल्द जमानत का भरोसा दिलाया गया था लेकिन जमानत नहीं मिली है। सूत्रों की मानें तो वह पुलिस के चार्जशीट दाखिल करने का इंतजार कर रहा है। चार्जशीट दाखिल होते ही वह इस पर निर्णय ले सकता है।

ब्रह्मपुरी पुलिस ने 19 मार्च को सौरभ की हत्या के आरोप में साहिल व मुस्कान को न्यायालय में पेश किया था। यहां से दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। ड्रग एडिक्ट होने के कारण दोनों नशा मुक्ति केंद्र की निगरानी में रहे। जैसे-जैसे हालात सामान्य हुए, वैसे ही दोनों में जेल से बाहर आने की इच्छा बढ़ने लगी। परिजनों ने दूरी बनाई तो जेल मैन्युअल की व्यवस्था के तहत उनका केस लड़ने के लिए सरकारी वकील उपलब्ध कराया गया।

दोनों को सलाखों के पीछे पहुंचे 43 दिन बीत चुके हैं, जिस कारण उनमें बाहर न आ पाने की छटपटाहट साफ दिखाई दे रही है। जेल के भीतर दोनों की खास निगरानी कराई जा रही है। जेल सूत्र बताते हैं कि मुस्कान से दूर रहने के बाद साहिल का पूरा फोकस खुद की जमानत पर है। वह सरकारी वकील से सवाल करता है लेकिन केवल आश्वासन मात्र मिलता है। ऐसे में उसके जहन में वकील बदलने का ख्याल भी घर कर चुका है।

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चार्जशीट दाखिल होने का इंतजार

साहिल शुरू से ही सरकारी वकील के खिलाफ था। परिजन दूरी बना चुके थे इसलिए उसने फौरी तौर पर इसे स्वीकार किया। अब जब नानी लगातार मिलने आ रही है तो उसे मदद की उम्मीद बढ़ी है। सूत्र बताते हैं कि मुकदमा लड़ने की प्लानिंग हो चुकी है केवल चार्जशीट का इंतजार है। चार्जशीट दाखिल होते ही साहिल का केस निजी वकील को ट्रांसफर हो जाएगा।

इस मामले में वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा ने बताया कि साहिल का इन दिनों केवल एक ही सवाल है कि उसे जमानत कब मिलेगी। यह काम अधिवक्ता का है। जेल प्रशासन उसके इस सवाल का जवाब नहीं दे सकता। जहां तक वकील बदलने की बात है तो जेल मैन्युअल में ऐसी व्यवस्था है। वहीं, सरकारी वकील ने बताया कि जिस बंदी का कोई केस नहीं लड़ता, उसके लिए सरकारी वकील की व्यवस्था होती है। मैं उसी व्यवस्था के तहत साहिल-मुस्कान का केस देख रही हूं। अगर साहिल वकील बदलना चाहता है तो बदल सकता है। यह उसका अधिकार है।