Parkinson s Disease Linked to Dietary Habits Awareness Needed to Combat Neurological Issues विश्व पार्किंसंस दिवस: गलत खानपान की वजह से दिमाग के विशेष पार्ट को खोखला करती है अदृश्य बीमारी, Shahjahnpur Hindi News - Hindustan
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विश्व पार्किंसंस दिवस: गलत खानपान की वजह से दिमाग के विशेष पार्ट को खोखला करती है अदृश्य बीमारी

Shahjahnpur News - खानपान की वजह से पार्किंसंस बीमारी के मरीज शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज में आ रहे हैं। यह बीमारी मस्तिष्क के विशेष हिस्से को प्रभावित करती है, जिससे व्यक्ति की गति और संतुलन प्रभावित होता है। जागरूकता की...

Newswrap हिन्दुस्तान, शाहजहांपुरThu, 10 April 2025 09:16 PM
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विश्व पार्किंसंस दिवस: गलत खानपान की वजह से दिमाग के विशेष पार्ट को खोखला करती है अदृश्य बीमारी

दैनिक खानपान की वजह से छोटी से लेकर बड़ी बीमारी कब हो जाए, यह पता नहीं चलता है। शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज में भी आए दिन ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिन्हें खानपान की वजह से पार्किंसंस नाम की बीमारी हो जा रही है। यह पार्किंसंस बीमारी व्यक्ति के दिमाग के विशेष पार्ट को खोखला कर देती है, जिससे व्यक्ति तमाम बीमारियों का और भी शिकार हो जाता है। मेडिकल कालेज के डा. अभिनव ने बताया कि पार्किंसंस मस्तिष्क से जुड़ी एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जो धीरे-धीरे व्यक्ति की गति, संतुलन और भावनात्मक स्थिति को प्रभावित करती है। देश में लाखों लोग इससे जूझ रहे हैं, परंतु जागरूकता की कमी के कारण समय पर इलाज नहीं मिल पाता। ऐसे में बीमारी गंभीर रूप ले लेती है। यह रोग होने पर व्यक्ति के हाथ तथा पैरों में कंपन होने लगता है। खास कर यह कंपन आराम की स्थिति में होती है। इस रोग में रोगी चलने में कदम को जल्दी रखने का पेय करता तथा शरीर की गतिविधि धीमी हो जाती है। शुरुआत में यह रोग धीमे-धीमे उभरता है, लेकिन कुछ संकेत समय रहते पकड़ लिए जाएं तो रोग पर नियंत्रण पाया जा सकता है। तंत्रिका तंत्र में समस्या वाली ये बीमारी आपके क्वालिटी ऑफ लाइफ को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाली हो सकती है। पार्किंसंस रोग में शरीर के अंगों विशेषकर हाथ-पैर में कंपन होते रहना बहुत आम है, यह दिक्कत लगातार बनी रहती है, जिसके कारण रोजमर्रा के सामान्य काम काज में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है। मेडिकल कॉलेज के ऑटोनॉमस स्टेट के मनोचिकित्सक डॉ. अभिनव रस्तोगी बताते हैं कि दैनिक खानपान में विशेषकर रंगीन तथा बेमौसम रासायनिक सब्जियों के खानपान से नसों में तमाम तरह की बीमारी हो जाती है, उन्हीं बीमारी में यह भी बीमारी शामिल है। साधारण व्यक्ति को ऐसी सब्जियों से परहेज करना चाहिए। मनोचिकित्सक बताते हैं कि ऐसी रोगियों के साथ मृदु व्यवहार होना चाहिए तथा मान सम्मान में कमी होने न देने को शामिल करना है। समय पर इलाज से रोगी की ज़िंदगी को धीमा नहीं होने देना है। हालांकि यह रोग पूरी तरह ठीक नहीं होता, लेकिन सही इलाज से व्यक्ति एक बेहतर और सक्रिय जीवन जी सकता है। मुख्य उपचार में शामिल हैं।

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