67 करोड़ गलत भुगतान में आयकर-जीएसटी चोरी का भी संदेह
Siddhart-nagar News - सिद्धार्थनगर। हिन्दुस्तान टीम सिद्धार्थनगर जिले में हुए धान-गेहूं खरीद में 67 करोड़ रुपये

सिद्धार्थनगर। हिन्दुस्तान टीम सिद्धार्थनगर जिले में हुए धान-गेहूं खरीद में 67 करोड़ रुपये का घोटाला में अब नया मामला सामने आया है। इसमें आयकर व जीएसटी चोरी का भी संदेह जताया जा रहा है। विभागीय टीम अब इसकी जांच कर रही है कि पीसीएफ के तत्कालीन जिम्मेदारों ने धान-गेहूं खरीद में 67 करोड़ रुपये का भुगतान करने से पहले आयकर व जीएसटी की कटौती की है या नहीं। कहीं आयकर व जीएसटी की चोरी भी तो नहीं की गई है।
दरअसल सिद्धार्थनगर जिले में वित्तीय वर्ष 2023-24 में हुए धान खरीद में पीसीएफ के 37 केंद्रों पर गड़बड़झाला पकड़ में आया था। प्रशासन की जांच में पता चला कि जिले में धान खरीद के लिए पीसीएफ के 60 केंद्र बने थे। इसमें से पीसीएफ के 37 केंद्रों पर गड़बड़ी हुई है। जांच में पता चला है कि 6372 एमटी धान क्रय केंद्रों से मिलरों तक पहुंचा ही नहीं है। इसमें जानबूझ कर 11 करोड़ रुपये की शासकीय क्षति की गई है। इस मामले में पीसीएफ के तत्कालीन जिला प्रबंधक अमित कुमार चौधरी व एकाउंटेंट उमानंद उपाध्याय पर सिद्धार्थनगर थाने में गबन का केस दर्ज हुआ। वहीं छह केंद्र प्रभारियों पर बांसी, खेसरहा, त्रिलोकपुर व चिल्हिया थाने में केस दर्ज हुआ। वहीं पीसीएफ के दोनों कर्मियों ने दर्ज केस का साक्ष्य मिटाने के लिए पीसीएफ कार्यालय में कूट रचित तरीके से चेक वितरण रजिस्टर चोरी कर लिया। रजिस्टर चोरी होने के बाद किए गए भुगतान आदि की जानकारी के लिए पीसीएफ के गेहूं व धान परचेज खातों की जांच हुई तो 67 करोड़ का घोटाला सामने आ गया। विभागीय टीम अब इस बात की जांच कर रही है कि पीसीएफ के तत्कालीन जिम्मेदारों ने धान-गेहूं खरीद में 67 करोड़ रुपये का भुगतान करने से पहले आयकर व जीएसटी की कटौती की है या नहीं। दरअसल किसी भी बिल का भुगतान करने से पहले कुल एमाउंट में से आयकर व जीएसटी की कटौती करने के बाद शेष धनराशि का भुगतान किया जाता है। विभाग को धान-खरीद घोटाले में आयकर-जीएसटी चोरी करने का भी संदेह है। विभागीय टीम इसकी भी गहनता से जांच कर रही है।
धान-गेहूं खरीद में 67 करोड़ रुपये का गलत भुगतान के मामले में आयकर व जीएसटी की कटौती हुई है या नहीं इसकी भी जांच चल रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
विजय प्रताप पाल, जिला प्रबंधक, पीसीएफ
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