हॉस्टल के मरम्मत में घपला, 5 लाख खा गए अधिकारी, मंत्री के छापे से खुली पोल
योगी सरकार में मंत्री असीम अरुण ने सोमवार को बाराबंकी में घोटाला पकड़ा। दरअसल छात्रावास की मरम्मत के लिए भेजे गए पांच लाख में एक लाख भी खर्च नहीं हुए थे और सारा बजट अधिकारी हजम कर गए थे। इस मामले जिला समाज कल्याण अधिकारी समेत 2 को सस्पेंड कर दिया गया है।

बाराबंकी की जिला समाज कल्याण अधिकारी सुषमा वर्मा और रामनगर स्नातकोत्तर महाविद्यालय के छात्रावास अधीक्षक संतोष कनौजिया को निलंबित कर दिया गया है। दोनों के ही खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। दरअसल छात्रावास की मरम्मत के लिए भेजे गए पांच लाख रुपये में से एक लाख रुपये भी नहीं खर्च किए गए और सारा बजट हजम कर गए। समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने सोमवार को औचक निरीक्षण कर अनियमितता पकड़ी और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।
फिलहाल अयोध्या मंडल के उप निदेशक को मामले की जांच सौंपी गई है। मंत्री ने अनियमितता सामने आने पर सख्त नाराजगी जताई है। दोनों ही अधिकारियों द्वारा की गई वित्तीय अनियमिता की भरपाई इन्हीं के वेतन से की जाएगी। बाराबंकी की जिला समाज कल्याण अधिकारी सुषमा वर्मा व छात्रावास अधीक्षक संतोष कनौजिया को लखनऊ मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।
रामनगर पीजी कॉलेज के एक कार्यक्रम में आए मंत्री ने कॉलेज परिसर में ही बने समाज कल्याण छात्रावास का निरीक्षण किया जो गंदा मिला। सफाई न होने पर उन्होंने नाराजगी जताई। फिर समाज कल्याण अधिकारी से पूछा कि पांच लाख मरम्मत के लिए दिए गए थे, उनमें क्या-क्या कार्य हुआ।
उन्होंने तमाम कार्य बताए तो मंत्री ने कार्यों की सूची लेकर एक-एक काम पर नजर डालने लगे। जिसमें मरम्मत के नाम पर दिए गए पांच लाख रुपये में से एक लाख रुपये से भी कम धनराशि खर्च पाई गई। मंत्री ने कॉलेज के शिक्षकों की मांग पर इस छात्रावास को 10 लाख रुपये की धनराशि देने की घोषणा की। जिससे मरम्मत के साथ ही फर्नीचर व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
निरीक्षण में 250 की जगह सिर्फ 39 स्विच लगे मिले
छात्रावास के सभी कमरों में गए और समाज कल्याण अधिकारी सुषमा वर्मा व अधीक्षक संतोष कनौजिया से कहा कि कार्यों की सूची के आधार पर पैसा कहां खर्च हुआ है। मंत्री के इस सवाल पर जिला समाज कल्याण अधिकारी व छात्रावास अधीक्षक दोनों बगले झांकने लगे और चेहरे पर पसीना आ गया। बिजली के नए स्विच 250 लगाने की बात कही जबकि मौके पर 39 स्विच ही मिले। 71 नए बोर्ड सूची में दिखाए गए, लेकिन मौके पर एक भी बोर्ड नहीं मिला। एलईडी रॉड लाइट 30 लिखी थी, लेकिन मौके पर छह मिली।
मंत्री ने कहा कि कुछ काम नहीं हुआ, जो पैसा मिला बिना काम के ही हजम कर लिया गया। मंत्री ने छात्रावास में रह रहे छात्रों से जानकारी ली तो छात्रों ने कहा कि आज आप आने वाले थे, इसलिए एक दिन पहले ही बोर्ड लगाए गए हैं। इस पर मंत्री का पारा चढ़ गया और उन्होंने दोनों ही अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।