निजीकरण के नाम पर भारी घोटाले का आरोप
Sonbhadra News - विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की प्रक्रिया को तत्काल निरस्त करने की मांग की है। समिति ने आरोप लगाया है कि अवैधानिक तरीके से नियुक्त...

अनपरा,संवाददाता। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की प्रक्रिया में चल रही भारी अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री से तत्काल सारी प्रक्रिया निरस्त करने की मांग की है। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने आरोप लगाया कि अवैधानिक ढंग से नियुक्त टांजैक्शन कंसलटेंट द्वारा झूठा शपथ पत्र देने के बावजूद उसकी रिपोर्ट पर पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु 12 अप्रैल को लखनऊ में एक बैठक बुलाई गयी है जिससे बिजली अभियन्ताओं व कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। बताया कि बैठक में निजीकरण हेतु बिडिंग प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाना है। बैठक में बिडिंग प्रक्रिया हेतु आर एफ पी डाक्यूमेंट तैयार करने के मसौदे के मुख्य बिन्दुओं यथा विद्युत वितरण निगमों की बैलेंस शीट, लाइन हानियां घटाने हेतु उपाय और निजीकरण के बाद बिजली कर्मियों की सेवा शर्तों जैसे अहम मामलों पर चर्चा होनी प्रस्तावित है। संघर्ष समिति का आरोप है कि अवैधानिक ढंग से नियुक्त टांजैक्शन कंसलटेंट की रिपोर्ट पर हो रही बैठक से तय है कि निजीकरण के नाम पर भारी घोटाला होने जा रहा है। कहा कि मीटिंग महज एक दिखावा है जिसमें बिडिंग के डाक्यूमेंट को पहले से तय निजी कम्पनियों के पक्ष में अन्तिम रूप दिया जायेगा।
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