छत्रपति ने दलितों के अधिकारों के लिए उठाया ठोस कदम
Sonbhadra News - सोनभद्र में छत्रपति शाहू जी महाराज का परिनिर्वाण दिवस मनाया गया। अध्यक्ष जगजीवन सिंह ने उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने दलितों और महिलाओं के अधिकारों के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। 1919...
सोनभद्र, संवाददाता। डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के सभागार में मंगलवार को अध्यक्ष जगजीवन सिंह एडवोकेट की अध्यक्षता में छत्रपति शाहू जी महाराज का परिनिर्वाण दिवस मनाया गया। इस दौरान उनको श्रद्धांजलि अर्पित की गई। डीबीए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन कुमार सिंह एडवोकेट ने कहा कि छत्रपति शाहूजी महाराज ने दलितों और महिलाओं के अधिकारों के लिए ठोस कदम उठाया। वर्ष 1919 में उन्होंने अछूतों को इलाज के लिए अस्पताल में प्रवेश का अधिकार दिया। इसके पहले अन्य सार्वजनिक स्थानों की तरह किसी अछूत का अस्पताल में भी प्रवेश वर्जित था। उन्होंने प्राइमरी स्कूल से लेकर कालेजों में दलितों के साथ होने वाले अन्याय और दुर्व्यवहार को समाप्त किया।
अध्यक्ष जगजीवन सिंह ने कहा कि शाहू जी महाराज के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। 26 जून 1874 को जन्मे शाहू जी महाराज कोल्हापुर रियासत के राजा थे। उन्होंने अपने राज्य में सर्वप्रथम आरक्षण व्यवस्था लागू की। साथ ही सभी के लिए मुफ्त शिक्षा और विधवा पुनर्विवाह के लिए कानून बनाया। मीडिया प्रभारी राजेश कुमार मौर्य ने कहा कि शाहू जी महाराज ने शोषित, वंचित और पिछड़े वर्ग के लिए शिक्षा के द्वार खोले। उन्होंने प्रजा को बराबरी के अधिकार दिलाए। जातिवादी चुनौतियों का सामना करते हुए एक सच्चे समाज सुधारक के रूप में काम किया। इस मौके पर चौधरी यशवंत सिंह, रामभरोसे सिंह, सुरेश सिंह कुशवाहा, जगरनाथ सिंह, कृष्णनंद सिंह, शांति वर्मा, अभिषेक सिंह, अनिल कुमार सिंह, त्रिलोक मौर्य, महेंद्र आर्य, शैलेंद्र सिंह आदि रहे। सभा का संचालन महामंत्री प्रदीप कुमार मौर्य एडवोकेट ने किया।
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