अभिमान करने से भगवान दूर रहते हैं : मनीष शुक्ला
Sultanpur News - बल्दीराय,संवाददाता।अभिमान करने से भगवान दूर रहते हैं : मनीष शुक्लाअभिमान करने से भगवान दूर रहते हैं : मनीष शुक्लाअभिमान करने से भगवान दूर रहते हैं : म

बल्दीराय,संवाददाता। श्रीकृष्ण रास लीला जीव के शिव से मिलन की कथा है, जो काम वासना को बढ़ाने की नहीं, बल्कि उस पर विजय प्राप्त करने की शिक्षा देती है। काम देव ने संपूर्ण शक्ति के साथ भगवान पर आक्रमण किया, लेकिन अंततः पराजित होकर भस्म हो गया। रासलीला में जीव का संदेह करना या इसे सांसारिक दृष्टि से देखना ही पाप माना गया है।
यह बातें श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन शनिवार को देर शाम पंडित मनीष शुक्ला ने कहीं। बलदीराय तहसील क्षेत्र के ऐंजर के पूरे हनुमान दूबे गांव में कथा का रसपान कराते हुए कहा कि जब तक जीव में अभिमान रहता है। भगवान उससे दूर रहते हैं, लेकिन जब जीव विरह में तड़पता है, तो श्रीकृष्ण अनुग्रह कर उसे दर्शन देते हैं। श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ नरेश की पुत्री रुक्मिणी से संपन्न हुआ। उन्होंने रुक्मिणी का हरण कर उनसे विवाह किया, क्योंकि वे स्वयं साक्षात लक्ष्मी स्वरूपा थीं,नारायण से अलग नहीं रह सकती थीं। कथा का संदेश यह है कि यदि जीव अपने धन लक्ष्मी को सद्कार्यों में लगाए तो वह सार्थक होता है, अन्यथा वह किसी न किसी रूप में नष्ट हो जाता है।
कथा व्यास ने कहा,धन का परमार्थ में उपयोग आवश्यक है। जब लक्ष्मी की पूजा नारायण के साथ की जाती है, तो भगवान की कृपा स्वतः प्राप्त होती है। कथा में श्रीकृष्ण के अन्य विवाहों का भी विस्तार से उल्लेख किया गया। यहां पर देवमणि दूबे विधायक लम्भुआ, कुल भद्र सिंह, कृपाशंकर मिश्रा भाजपा नेता, डा राकेश, राजेश दूबे प्रधान, राम उचित दूबे, चन्द्रनाथ पाण्डेय, राजेंद्र प्रसाद दूबे, अशोक दूबे, दिलीप सिंह,विकास दूबे,ब्लास्टर तिवारी, बाल गोविंद, राजकरन , आलोक, अंकित दूबे, सुधाकर शुक्ला,अबिनाश आलोक दूबे धर्मेंद्र अजय प्रकाश ,लवकुश, उमेश सिंह,रवि दूबे सर्वेश, विकास तिवारी रहे। कथा के अंत में मुख्य यजमान जनार्दन दुबे व पत्नी श्रीमती बेला रानी दुबे व विकास दूबे ने व्यास पीठ की आरती उतारी।
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