Who is Jharkhand Minister Hafizul Hasan Ansari Why His Shariat Remark Spark Controversy कौन हैं हफीजुल हसन जिनके शरियत वाले बयान से मचा बवाल; MLA से पहले ही बन गए थे झारखंड के मंत्री, Jharkhand Hindi News - Hindustan
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कौन हैं हफीजुल हसन जिनके शरियत वाले बयान से मचा बवाल; MLA से पहले ही बन गए थे झारखंड के मंत्री

हफीजुल हसन अंसारी पहले भी विवादों में घिर चुके हैं। पिछले साल उनकी शपथ ग्रहण के बाद बिस्मिल्लाह वाला विवाद खड़ा हो गया था जिसको लेकर भाजपा ने उन पर खूब निशाना साधा था।

Aditi Sharma लाइव हिन्दुस्तान, रांचीMon, 14 April 2025 08:27 PM
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कौन हैं हफीजुल हसन जिनके शरियत वाले बयान से मचा बवाल; MLA से पहले ही बन गए थे झारखंड के मंत्री

झारखंड के मंत्री हफीजुल हसन अंसारी के एक बयान से बवाल खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा हैं कि पहले शरियत है फिर संविधान है क्योंकि शरियत उनके लिए बड़ा है। उनके इस बयान के बाद से ही बीजेपी हमलावर है। भाजपा उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग कर रही है। हालांकि ये पहली बार नहीं जब उन्हें लेकर इस तरह का विवाद खड़ा हुआ हो। इससे पहले पिछले साल झारखंड में मंत्रिमंडल गठन के समय में भी हफीजुल हसन की शपथ पर हंगामा हुआ था। उन्होंने शपथ की शुरुआत बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम के साथ की थी। भाजपा ने उनकी शरपथ को असंवैधानिक बताते हुए राज्यपाल से उन्हें दोबारा शपथ दिलाए जाने की मांग की थी। ऐसे में अब उनके शरीयत वाले बयान के बाद भाजपा एक बार फिर उनको लेकर निशाना साध रही है।

कौन है हफीजुल हसन?

हफीजुल हसन अंसारी झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और झारखंड सरकार में अल्पसंख्यक मंत्री हैं। वह मधुपुर से विधायक हैं। इस सीट पर पहले उनके पिता हाजी हुसैन विधायक थे लेकिन उनके निधन के बाद साल 2021 में उपचुनाव हुआ जिसमें हफीजुल हसन अंसारी ने शानदार जीत दर्ज की। हालांकि उनके विधायक बनने से पहले ही सोरेन सरकार ने उन्हें राज्य का खेल और पर्यटन मंत्री बना दिया था। उनके पिता हादी हुसैन को शिबू सोरेन का काफी करीबी माना जाता था। ऐसे में साल 2020 में जब उनका निधन हुआ तो उनके बेटे को मंत्री बना दिया गया। हफीजुल हसन 50 साल के हैं और उन्होंने माइनिंग सर्वे में डिप्लोमा किया हुआ है। उनके पास फिलहाल अल्पसंख्यक कल्याण, पंजाकरण, शहरी विकास, पर्यटन और खेल और युवा मंत्रालय है।

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क्या था शरियत को लेकर उनका बयान

एक चैनल से बातचीत में हफीजुल हसन ने कहा कि शरियत मेरे लिए बड़ा है। हम कुरान सीने में रखते हैं और संविधान हाथ में। मुसलमान सीने में कुरान को हाथ में संविधान को लेकर चलता है। हम पहले शरियत को पकड़ेंगे इसके बाद संविधान को। हालांकि इसके बाद उनकी सफाई भी सामने आई। उन्होंने कहा, मैंने मैं नहीं हम कहा। अगर वीडियो ध्यान से सुना जाए तो पता चलेगा। उन्होंने कहा, मेरे बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। उन्होंने हनुमान जी का उदाहरण देते हुए कहा, लोग हनुमान जी को अपने दिल में रखते हैं। जैसे बोलते हैं कि सीना चीर कर दिए देखिए हनुमान जी हैं। यह कहने का एक तरीका है। मैंने भी कुछ इसी तरह कहा।

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भाजपा ने क्या कहा?

झारखंड में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हफीजूल हसन के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बयान से यह स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस झामुमो के लोग चाहे लोकसभा,राज्यसभा हो या विधानसभा,संविधान को पॉकेट में लेकर घूमते हैं जो संविधान का भद्दा मजाक है। उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन का यही वास्तविक चरित्र है। जिसका प्रकटीकरण हफीजूल हसन की जुबान से प्रकट हुआ है। उन्होंने कहा कि आज बाबा साहब अम्बेडकर की जयंती पर जिस प्रकार से एक संवैधानिक पद पर बैठे राज्य के मंत्री से संविधान का अपमान हुआ, यह अक्षम्य अपराध है। राष्ट्र विरोधी,संविधान विरोधी बयान है। इसलिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तत्काल मंत्रिमंडल से हफीजूल हसन को बर्खास्त करना चाहिए। मरांडी ने कहा कि यदि मंत्रिमंडल से हफीजूल हसन की बर्खास्तगी नहीं होती है तो यह माना जाएगा कि इंडी गठबंधन के लोग मंत्री हफीजूल हसन के बयान से सहमत हैं।

एजेंसी से इनपुट