लोग हनुमान जी को अपने दिल में रखते हैं; शरियत वाले बयान पर मचा बवाल तो झारखंड के मंत्री ने क्या दी सफाई
- हफीजुल हसन ने सफाई देते हुए कहा, मैंने मैं नहीं कहा, हमने कहा। पूरा बयान देखिए। मैं मंत्री हूं, हम में सभी शामिल हैं।

झारखंड सरकार के मंत्री हफीजुल हसन के एक बयान से बवाल मच गया है। उन्होंने कहा था, मुसलमानों के लिए शरीयत पहले आती है फिर देश का संविधान। उन्होंने यह बयान एक चैनल से बातचीत के दौरान कही। उनके इस बयान के बाद अब मंत्री की सफाई सामने आई है। उन्होंने कहा है कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। हफीजुल हसन ने सफाई देते हुए कहा, मैंने मैं नहीं कहा, हमने कहा। पूरा बयान देखिए। मैं मंत्री हूं, हम में सभी शामिल हैं।
झारखंड के मंत्री हफीजुल हसन ने कहा, मैंने मैं नहीं कहा, हमने कहा। पूरा बयान देखिए। मैं मंत्री हूं, हम में सभी शामिल हैं। मंत्री संविधान में विश्वास करता है और उसी के अनुसार काम करता है। शरीयत का भी अपना स्थान है। लोग हनुमान जी को अपने दिल में रखते हैं। बोलते हैं ना कि सीना चीर कर दिए देखिए हनुमान जी हैं। यह कहने का एक तरीका है। मैंने भी कुछ ऐसा ही कहा। सब लोग इसे तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। जब आप पूरे 5-6 मिनट देखेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि मैंने क्या कहा।
इससे पहले भाजपा सांसद मनीष जायसवाल ने हफीजुल हसन अंसारी पर निशाना साधते हुए कहा था वे संविधान की शपथ लेकर पद की शपथ लेते हैं। उन्हें शरीयत की शपथ लेकर पद पर बैठना चाहिए था। मैं ऐसे लोगों को चुनने वालों को भी सलाह देना चाहूंगा कि यह देश संविधान से चलता है। यहां अलग-अलग धर्मों के लोग रहते हैं। अगर कोई हिंदू या ईसाई कहे कि यह व्यक्ति शरीयत के अनुसार काम करता है और हम उसकी बात नहीं मानेंगे तो देश में अराजकता फैल जाएगी। यह एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है जो संविधान के अनुसार चलता है। संविधान को सिर्फ हाथ में थाम लेना ही काफी नहीं है, संविधान को अपने दिल और दिमाग में भी रखना चाहिए। तभी आप अपने पद के लायक बन पाएंगे।