Spike in IED Attacks in Chhattisgarh 400 Increase in Injured Soldiers छत्तीसगढ़ में इस साल चार गुना अधिक जवान आईईडी हमलों में हुए घायल, Delhi Hindi News - Hindustan
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छत्तीसगढ़ में इस साल चार गुना अधिक जवान आईईडी हमलों में हुए घायल

- आईईडी हमले भी ढाई गुना अधिक हुए नई दिल्ली/रायपुर, एजेंसी छत्तीसगढ़ में इस

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 14 April 2025 07:15 PM
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छत्तीसगढ़ में इस साल चार गुना अधिक जवान आईईडी हमलों में हुए घायल

- आईईडी हमले भी ढाई गुना अधिक हुए नई दिल्ली/रायपुर, एजेंसी

छत्तीसगढ़ में इस साल की पहली तिमाही में ही पिछले साल की तुलना में चार गुना ज्यादा जवान आईईडी विस्फोट में घायल हुए हैं। वहीं आईईडी हमलों के मामलों में भी ढाई गुना की बढ़ोत्तरी देखी गई है।

केंद्र सरकार के नक्सल मुक्त भारत अभियान के तहत इन दिनों सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। लेकिन इसी बीच चौंकाने वाले आधिकारिक आंकड़े सामने आए हैं।

आंकड़ों के मुताबिक साल 2025 की पहली तिमाही में ही आईईडी हमलों व उनमें घायलों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोत्तरी देखने को मिली है।

इस साल जनवरी से मार्च के बीच 23 आईईडी हमलों में 23 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए जबकि पिछले साल की पहली तिमाही के आंकड़ों की बात करें तो उस दौरान आईईडी हमलों में घायलों की संख्या 6 थी। जिससे साफ है कि इस साल आईईडी हमलों में चार गुना अधिक सैनिक घायल हुए।

वहीं पिछले साल पहली तिमाही में 257 किलोग्राम के 85 आईईडी बरामद किए गए थे जबकि इस साल पहले तीन महीनों में अब तक 500 किलोग्राम के 201 आईईडी जब्त किए जा चुके हैं। वर्ष 2024 में पूरे साल के आंकड़ों पर गौर करें तो इन हमलों में कुल 33 जवान घायल हुए थे जबकि 292 आईईडी बरामद किए गए थे।

सुरक्षा अधिकारी के अनुसार इसमें कोई शक नहीं है कि आईईडी सुरक्षा बलों के लिए एक घातक चुनौती बने हुए हैं। उसकी एक बड़ी वजह उनकी पहचान करने के लिए पुख्ता तकनीक का अभाव भी है।

बस्तर क्षेत्र के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी का कहना है कि इस साल जवानों ने ढाई गुना अधिक आईईडी हमले झेले जिसमें चार गुना अधिक जवान घायल हुए। उनका कहना है कि हथियारों की कमी व मनोबल कमजोर हो जाने के कारण नक्सली अब आमने-सामने के हमले नहीं कर रहे हैं।

अधिकारी के अनुसार सुरक्षाकर्मियों को सलाह दी गई है कि वह इस तरह के इलाकों में वाहनों से गुजरने के बजाय सावधानीपूर्वक पैदल चलकर निकलें और टूटे हुए रास्तों पर जाने से बचें।

केवल सुरक्षाबल ही नहीं कई स्थानीय नागरिक भी इन विस्फोट में अपनी जान गंवा चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि अधिकतर विस्फोट आईईडी पर गलती से पैर पड़ जाने के कारण हो रहे हैं। स्थिति को देखते हुए छत्तीसगढ़ में पर्याप्त मात्रा में आईईडी पहचान करने वाले उपकरण व खोजी श्वान मुहैया कराए गए हैं।

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