unhen hata nahin bhata tilak nahin lubhata Akhilesh Yadav called Yogi anti Brahmin and outgoing Chief Minister उन्हें हाता नहीं भाता, तिलक नहीं लुभाता, अखिलेश यादव ने योगी को बताया ब्राह्मण विरोधी और निवर्तमान मुख्यमंत्री, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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उन्हें हाता नहीं भाता, तिलक नहीं लुभाता, अखिलेश यादव ने योगी को बताया ब्राह्मण विरोधी और निवर्तमान मुख्यमंत्री

अखिलेश यादव ने बुधवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बड़ा हमला बोला। अखिलेश ने सीएम योगी को ब्राह्मण विरोधी और निर्वतमान मुख्यमंत्री बताते हुए एक बार फिर हरिशंकर तिवारी के परिवार के उत्पीड़न का मामला भी उठा दिया।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊWed, 7 May 2025 04:55 PM
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उन्हें हाता नहीं भाता, तिलक नहीं लुभाता, अखिलेश यादव ने योगी को बताया ब्राह्मण विरोधी और निवर्तमान मुख्यमंत्री

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निवर्तमान मुख्यमंत्री बताते हुए उनकी सरकार पर ब्राह्मण विरोधी रवैया अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि समाज के सभी वर्ग मिलकर इस सरकार को हटा देंगे। अखिलेश यादव ने लखनऊ में बुधवार को पार्टी राज्य मुख्यालय पर पूर्व सपा विधायक पवन पांडेय की अगुवाई में ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करके उनकी समस्याएं सुनीं। अखिलेश यादव ने योगी सरकार द्वारा ब्राह्मण समाज को निशाना बनाये जाने का आरोप लगाया और मुख्यमंत्री पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा उन्हें हाता नहीं भाता, तिलक नहीं लुभाता। क्योंकि आप विरोधी हैं और उन्हें लगता है कि आप उन्हें राजनीतिक रूप से कमजोर कर सकते हैं इसीलिए सब राजनीतिक कार्रवाई हो रही है।

अखिलेश यादव का इशारा हरिशंकर तिवारी के परिवार के खिलाफ हो रही कार्रवाई की तरफ भी था। हरिशंकर तिवारी के घर को गोरखपुर में हाता के नाम से पुकारा जाता है। योगी आदित्यनाथ और हरिशंकर तिवारी के बीच बहुत पुरानी अदावत चली आ रही है। प्रदेश में योगी की सरकार बनने के बाद हरिशंकर तिवारी के हाता पर छापेमारी भी हुई थी और यह बड़ा मुद्दा बना था।

अखिलेश यादव ने योगी पर हमला करते हुए कहा वह निवर्तमान मुख्यमंत्री हैं, इसीलिए अन्याय ज्यादा हो रहा है। दो उपमुख्यमंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण उत्पीड़न का सवाल हम लोगों ने कोई पहली बार नहीं उठाया है। याद कीजिए वह समय जब कानपुर देहात में एक परिवार को जिंदा जला दिया गया था। जब उस परिवार का बेटा न्याय मांगने गया तो उसे सर्दी में पुलिस ने कपड़े उतारकर पीटा था। अपमानित किया था।

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अखिलेश यादव ने कहा कि हमें पता चला कि पुलिस पैसे मांग रही थी। यह पहली बार नहीं है जब पुलिस ने ऐसी कार्रवाई की हो। मुझे याद है कि जौनपुर में एक बच्चे ने केवल टिकटॉक वीडियो बनाया था, लेकिन पुलिस को यह पसंद नहीं आया तो वह उसे ले गई। पुलिस ने उसके पिताजी को बुलाया और कहा कि इतने पैसे चाहिए, नहीं दोगे तो आपका बेटा नहीं छोड़ा जाएगा। उसे इतना पीटा कि उसकी जान चली गई।

पीडीए में पीडी यानी पंडित जी

उन्होंने कहा कि हम अपने सभी लोगों (ब्राह्मण समाज) को भरोसा दिलाते हैं की पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग) में आप भी शामिल हैं। आप जब कभी अपना नाम संक्षेप में लिखते होंगे तो 'पीडी' लिखते होंगे, तो आप तो पहले से ही पीडीए में हैं। हम हर पीड़ित और दुखी व्यक्ति के साथ हैं। हर व्यक्ति जो अपमानित हो रहा है, हम उसके साथ हैं। हम सब मिलकर इस सरकार को हटाने का काम करेंगे।

पूर्व मुख्यमत्री ने कहा कि यह सरकार अन्याय कर रही है। उसे जातियों से लेना-देना नहीं है। जो भी उसके खिलाफ है उसके खिलाफ कार्रवाई कर दी जाएगी। अखिलेश ने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में हिरासत में मौत की घटनाएं सबसे ज्यादा हो रही हैं। पुलिस को आखिर कौन इसकी आजादी दे रहा है?

उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा, ''जब आप विधानसभा में बोलेंगे कि ठोक दो। जब आप पुलिस से राजनीतिक काम लेंगे। जब आप अपने राजनीतिक विरोधियों को जेल भेजने के लिए पुलिस का इस्तेमाल करेंगे। जब आजम खान साहब को जेल भेजा गया। तो इससे चीजें स्पष्ट हो जाती हैं। अखिलेश ने भ्रष्टाचार तथा अन्य आरोपों में जेल में बंद पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि प्रजापति अभी जेल में हैं। उनके परिवार के लोग मुझसे मिले और कहा की वे बड़े संकट में हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने हमें बुलाया और आश्वासन दिया है कि प्रजापति जी के सब मुकदमे वापस हो जाएंगे, केवल हमें वोट दे दो। सोचिये, प्रजापति जी के परिवार ने उन्हें वोट दे दिया लेकिन क्या प्रजापति जेल से छूट गए? यह लोग वोट के लिए कुछ भी कर सकते हैं।