Residents of Duparapur-Bhuri Devi Ward Struggle with Poor Sanitation and Electricity Issues बोले उन्नाव : कहने को पुराना शहर..समस्याएं यहां दर-दर, Unnao Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsUnnao NewsResidents of Duparapur-Bhuri Devi Ward Struggle with Poor Sanitation and Electricity Issues

बोले उन्नाव : कहने को पुराना शहर..समस्याएं यहां दर-दर

Unnao News - दुपरापुर-भूरी देवी वार्ड के निवासी कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। खुली नालियां, टूटी सड़कें और सीवर सिस्टम ध्वस्त होने से गंदगी फैल रही है। गर्मियों में बिजली और पानी की किल्लत भी बढ़ गई है। नगर...

Newswrap हिन्दुस्तान, उन्नावWed, 21 May 2025 11:37 PM
share Share
Follow Us on
बोले उन्नाव : कहने को पुराना शहर..समस्याएं यहां दर-दर

दुपरापुर-भूरी देवी वार्ड के बाशिंदे अनेकों समस्याओं से जूझ रहे हैं। कहने को तो यह पुराना शहर है लेकिन समस्याएं यहां दर-दर में हैं। खुली नालियां, टूटी सड़कें और गंदगी वार्ड की पहचान बन चुकी है। सीवर सिस्टम ध्वस्त होने की वजह से नालियों में मल बह रहा है। इससे उठने वाली दुर्गंध ने लोगों का निकलना मुश्किल कर दिया है। अमृत योजना के तहत डाली गई पाइपलाइन टूटी पड़ी है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से यहां के लोगों ने अपनी समस्याएं साझा की। सभी ने एकसुर में कहा कि गाड़ी कुछ चुनिंदा स्थानों का कूड़ा लेकर चली जाती है। इस कारण यहां के निवासी खाली प्लॉटों में कूड़ा फेंकने के मजूबर हैं।

यहां की समस्याओं को परखने के लिए एसडीएम तक आ चुके हैं, लेकिन व्यवस्थाओं को सुधारने के प्रयास किसी ने नहीं किए हैं। दुपरापुर-भूरी देवी पुराने शहर का हिस्सा है। भूरी देवी से शुरू होने वाले वार्ड की सीमा दुपरापुर से होते हुए चौधराना गली तक जाती है। यहां शनिदेव मंदिर भी स्थापित है। यहां की व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद रखने के लिए नगर पालिका ने 15 कर्मचारियों की तैनाती की है। इसमें सुपरवाइजर- चालक समेत सफाई कर्मी और हवलदार शामिल हैं। हालांकि, यह संख्या आबादी के हिसाब से बहुत कम है। 44 से अधिक गलियों वाले इस वार्ड में 10-12 गलियों को छोड़ बाकी के हालात बद से बदतर हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान निशांत बाजपेई ने बताया कि पुराने वार्ड में पुरानी दास्तां आज तलक सुन रहे हैं। यहां शिकायत के बाद कभी सुनवाई नहीं होती है। मुख्य गलियों को छोड़ बाकी छोटी तंग गलियों में ये कर्मचारी झांकने तक नहीं आते हैं। पालिका दावा करती है कि अब आबादी के हिसाब से संख्या कम नहीं है तो हकीकत अलग नजर आएगी। भरत मिलाप की अनदेखी भी जिम्मेदारों की ओर से की जा रही है। दशकों पुरानी धरोहर को संभालने के बजाय कूड़े का स्थायी ठिकाना बनाया गया है। नाला सफाई के नाम पर मुख्य मार्गों के बाहर निकाली गई सिल्ट भी दस-दस दिन नहीं हटाई जाती है, जिससे संक्रामक बीमारियां के फैलने का खतरा बना रहता है। गर्मियों में बिजली की समस्या सबसे अधिक दुपरापुर-भूरी देवी वार्ड में कुछ आबादी को सिटी पावर हाउस से बिजली मिलती है। यहां गर्मियों के तीन महीने में बिजली समस्या सबसे अधिक रहती है। लोग बताते हैं कि 17 घंटे बिजली बमुश्किल मिलती है। शिकायत और मिन्नतों के बाद भी आपूर्ति के मसले पर वार्ड की उपेक्षा की जाती है। यह हाल तब है, जब जर्जर केबल बदलने, ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि के लिए बिजनेस प्लान पर करोड़ों रुपये का काम हुआ है। गर्मियों में अभियंता फोन तक उठाना मुनासिब नहीं समझते हैं। लाखों का बिल भुगतान करने वाले शहरियों को 24 घंटे बिजली देने का दावा भी छलावा नजर आता है। गर्मियों में सबसे अधिक समस्या पीने के पानी की हो जाती है। लोग पानी खरीदकर पीने को मजबूर हैं, क्योंकि अधिकतक इंडियामार्का हैंडपंप खराब हो चुके हैं। इनकी मरम्मत करवने के लिए कोई जिम्मेदार ठोस कदम नहीं उठा रहा है। स्वच्छ पानी की आस अधूरी रह गई अमृत योजना के लिए वार्ड 28 का चयन हुआ तो यहां के लोगों को स्वच्छ पानी मिलने की आस जगी पर यह अधूरी नजर आई। आलम यह हुआ है कि भूरी देवी, दुपरापुर की कुछ गलियों में ही लाइन बिछाई गई। बाकी को छोड़ काम पूरा दिखा दिया गया। यहां के बाशिंदे कहते हैं कि अमृत योजना ने सिर्फ और सिर्फ ‘दर्द दिए। पहले सड़क खोदी फिर पानी की आपूर्ति भी सुचारू नहीं की। कई घर ऐसे हैं, जहां कनेक्शन नहीं हुए हैं। लाइन छोड़िए कार्ययोजना तक नहीं बनी है। शिकायत हुई तो बताया गया कि जल्द से जल्द पाइपलाइन बिछाकर पानी की आपूर्ति लोगों के घरों तक जल्द पहुंचेगी पर आश्वासन सिर्फ आश्वासन बनकर रह गया। वार्ड में उजियारे की नहीं कोई व्यवस्था 5 8 से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें हैं बंद इस वार्ड में उजियारे की कोई व्यवस्था नगर पालिका के पास नहीं है। शिकायतकर्ता खुद बताते हैं कि विभाग के पास तार, स्विच व अन्य उपकरण न होने की वजह से वार्ड की 58 से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं। इससे रात में अधिकांश मार्गों पर अंधेरा छा जाता है। इस कारण रात को महिलाओं और बच्चों को बाहर निकलने में डर लगता है। इस संबंध में लोगों से लेकर सभासद तक शिकायतें कर रहे हैं, लेकिन स्ट्रीट लाइटें जल नहीं पा रही है। पूछने पर पता चलता है कि भुगतान न होने की वजह से स्ट्रीट लाइटें ठीक करने वाली फर्म इसमें अनदेखी कर रही हैं। लेकिन, फर्म की अनदेखी यहां के निवासियों पर भारी पड़ रही हैं। इस पर कोई ध्यान भी नहीं दे रहा है। सुझाव 1. नाले की सफाई समय से हो और निकासी व्यवस्था के लिए नालियां तोड़ी जाएं। 2. बिजली के जर्जर तारों को बदला जाए। लटक रहे तारों को ठीक कराया जाए। 3. कई जगह जलनिगम ने सड़कें खोदकर छोड़ दी हैं। इनकी मरम्मत कराई जाए। 4. सफाई कर्मी की ड्यूटी का निर्धारण हो, पालिका के उच्चाधिकारी ड्यूटी की मानिटरिंग करें। 5. स्ट्रीट लाइटें सुधारने के लिए स्पेशल नीति बनाई जाए ताकि अंधेरे में किसी को डर न लगे। 6. गाड़ी हर घर से कचरा एकत्र करे ताकि कूड़ा इधर- उधर न फेंका जाए। शिकायतें 1. पुराने शहर में तीन मोहल्लों की दर्जनों गलियों में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। 2. वार्ड में पिछले आठ-दस साल से कोई काम नहीं हुआ था। एक वर्ष में कुछ सुनवाई हुई। 3. अमृत योजना का ‘दर्द खत्म नहीं हो रहा है। कई जगह लाइन नहीं। बारिश में इसी वजह से जलभराव की स्थिति बनती है। 4. स्ट्रीट लाइटें जलती नहीं हैं। शिकायत के बाद बल्ब लगाए गए पर वह भी फ्यूज हो गए हैं। 5. नई बस्तियां बढ़ती जा रही हैं। यहां निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। 6. गर्मियों में पानी का संकट रहता है। हैंडपंप भी सालों से खराब पड़े हैं। बोले बाशिंदे - दुपरापुर की कई सड़कों के किनारे नालियां टूटी हैं। इस कारण गंदा पानी भरा रहता है। शिकायतों के बावजूद सुनवाई नहीं हुआ। -विजय - सफाई के लिए नियत चार्ट बनाना चाहिए। सफाई कर्मियों की रोज हाजिरी लगनी चाहिए। इसके बाद हालात में सुधार हो सकते हैं। - अनिल - हैंडपंप डेढ़ साल से खराब पड़े हैं। जल निगम और पालिका इसे सही करने के लिए प्रयास नहीं कर रही है। -सुरेश साहू -नालियां चोक होने से भीषण जलभराव रहता है। साफ-सफाई की भी समस्या रहती है। बारिश में पानी भरना विवाद की जड़ है। राजनलाल - मोहल्ले में पालिका की वाटर सप्लाई शोपीस नजर आती है। पानी की आपूर्ति क्षमता बराबर नहीं हो पाती है। अशोक निगम बोले जिम्मेदार इस साल बनेंगी तीन नई सड़कें मेरे कार्यकाल के दौरान इस वार्ड में जनहित के लिए कई काम कराए गए हैं। बारिश से पहले नाले-नालियों की सफाई कराने का कार्य कराया जा रहा है। अगर अमृत के ‘दर्द को छोड़ दें तो बाकी कई समस्याओं का खात्मा हो चुका है। अवैध डंपिंग करने वाले कर्मियों को चिह्नित करेंगे। यहां पर तीन नई सड़कें भी इसी वर्ष बनाने पर सहमति बनी है। इसके अलावा स्ट्रीट लाइटों को दुरुस्त करवाने का काम भी जल्द करवाया जाएगा ताकि रात को निकलते समय किसी को असुविधा का सामना न करना पड़ा। वार्ड के निवासियों की समस्याओं को हल करना पहली प्राथमिकता है। - श्वेता मिश्रा, अध्यक्ष- नगर पालिका

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।