Traffic Police Face Daily Struggles Lack of Resources and Public Indifference बोले उन्नाव : पूरी ड्यूटी खड़े रहते.. शुद्ध पानी और खाने की जगह तो दी जाए, Unnao Hindi News - Hindustan
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बोले उन्नाव : पूरी ड्यूटी खड़े रहते.. शुद्ध पानी और खाने की जगह तो दी जाए

Unnao News - यातायात पुलिसकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी करते हैं। उन्हें पर्याप्त सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ता है, जैसे कि ठहरने की जगह, शुद्ध पेयजल और खाने-पीने की व्यवस्था। छुटभैया नेताओं के दबाव...

Newswrap हिन्दुस्तान, उन्नावThu, 17 April 2025 06:21 PM
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बोले उन्नाव : पूरी ड्यूटी खड़े रहते.. शुद्ध पानी और खाने की जगह तो दी जाए

चौराहों से लेकर हाईवे तक सभी मौसम में यातायात सिपाहियों को अपनी ड्यूटी के दौरान अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अपर्याप्त सुरक्षा संसाधन के अपनी जान जोखिम में डालकर यातायात व्यवस्था का जिम्मा संभालते हैं। मगर, इनकी परेशानियों से किसी को कोई लेना-देना नहीं रहता है। ड्यूटी स्थलों पर ठहराव और बैठने से लेकर शुद्ध पेयजल, खाने-पीने के लिए जगह और शौचालय आदि की समस्याओं से हर दिन रूबरू होना पड़ता है। कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी से यातायात व्यवस्था संभाल रहे ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की दिक्कतों के चलते उनकी सुख-चैन छिन गया है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से यातायात पुलिसकर्मियों ने अपनी पीड़ा साझा की। सभी ने एकसुर में कहा कि यातायात व्यवस्था संभालने के दौरान छुटभैया नेता भी हमारी बातों पर ध्यान नहीं देते हैं।

जनमानस की यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने में निरंतर प्रयत्नशील यातायात पुलिस को भी ड्यूटी के दौरान तमाम समस्याओं से जूझना पड़ता है। यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए दिन हो या रात हर समय पुलिस पसीना बहाती रहती है। महाकुम्भ, चुनाव और वीआईपी प्रोटोकॉल से लेकर रैली, जनसभा और सरकारी कार्यक्रम हर स्थिति में इन पुलिसकर्मियों को सुरक्षा व्यवस्था संभालनी पड़ती है। यातायातपुलिस कर्मी भूपनारायण ने बताया कि धूप हो या कड़ाके की सर्दी ड्यूटी बराबर रहती है। लोगों की लापरवाही से जाम लगता है। मगर, उसे खुलवाने के लिए हम लोगों को पसीना बहाना पड़ता है। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई के दौरान कई बार अभद्रता का शिकार होना पड़ता है।

महेश प्रसाद ने बताया कि शहर की मुख्य बाजार में हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। सारे अधिकारी, जनप्रतिनिधि शहर से होकर ही अपने गंतव्य को रवाना होते हैं। ऐसे में जाम से निजात के लिए कोई ठोस इंतजाम न होने से कई बार अधिकारियों से डांट खानी पड़ती है। जहांगीर आलम ने बताया कि गर्मी का मौसम आ गया है। अब ड्यूटी करने में काफी दिक्कत होगी, क्योंकि गर्मी से बचने का कोई प्रबंध नहीं किया गया है। यातायात पुलिसकर्मियों की कम संख्या के कारण होमगार्ड और पीआरडी जवानों के सहारे व्यवस्था चलानी पड़ रही है। मगर, उनकी बात लोग मानते नहीं हैं। इसके अलावा यातायात नियमों की अनदेखी करने वालों पर कार्रवाई एवं चालान के दौरान जनता से नोकझोंक और रसूखदार का दबाव भी कर्मियों को झेलना पड़ता है। मुकेश ने बताया कि आम लोग जानबूझकर यातायात नियमों की अवहेलना करते हैं और पकड़े जाने पर बहस भी करते हैं। कार्रवाई होने पर वर्चस्व के साथ दबंगई और रुतबा गालिब करते हैं। सड़क पर यात्रा करने वाले परिवारों की सुरक्षा के लिए कार्यरत यातायात पुलिस को अपने परिवार के लिए समय भी नहीं मिल पाता है। इन पुलिसकर्मियों के लिए शासन स्तर से भले ही साल में छुट्टियां निर्धारित की गई हैं। मगर, कर्मियों के अभाव एवं ड्यूटी की जिम्मेदारी के चलते इन लोगों को जरूरी काम के लिए भी छुट्टी मुश्किल से मिल पाती है। तमाम दुश्वारियों के बीच यातायात व्यवस्था में लगे पुलिसकर्मियों को हर रोज सड़कों पर एक नई चुनौती से गुजरना पड़ता है।

कार्रवाई के दौरान वर्चस्व और दबंगई दिखाते हैं

जिले की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त बनाने के लिए तत्परता से लगे पुलिसकर्मियों को आए दिन छुटभैया नेताओं की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यातायात नियमों को ताक पर रखते हुए सड़क पर वाहन दौड़ाने वालों पर जब चालान की नौबत आती है तो लोग बड़े नेताओं का नाम लेकर रुतबा गालिब करते हैं। जबकि, यातायात पुलिस इन वाहन चालकों की सुरक्षा को लेकर उन्हें जागरूक करने का काम करती है। इसके बावजूद यातायात नियमों का पालन करने में इन छुटभैया नेताओं के आत्मसम्मान पर ठेस पहुंचती है और यह लोग कभी-कभी आक्रोशित भी हो जाते हैं। कार्रवाई से पहले ही नेताओं के सिफारिश के फोन आ जाते हैं।

शिकायत पर मिलती है खुद को नसीहत

यातायात पुलिस जवानों के मुताबिक, ऐसा कोई दिन नहीं जाता है कि सार्वजनिक चौराहे और तिराहे पर ड्यूटी करने के दौरान राहगीर और वाहन चालक उनके साथ गलत बर्ताव न करते हों। इसके बाद भी कोई अधिकारी हमारी समस्याओं को सुनने वाला नहीं है। अधिकारियों से शिकायत करने पर भी उनको ही सही तरह से काम करने की नसीहत दी जाती है। सुनवाई नहीं होने पर सब कुछ सहन करते हुए ड्यूटी की जिम्मेदारी संभालनी पड़ती है।

खरीदकर पानी पीने को मजबूर

पुलिसकर्मी भूप नारायण बताते हैं कि आसपास के क्षेत्रों में ड्यूटी लगाई जाती है। मगर, कहीं भी बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जाती हैं। गर्मी के मौसम में छाया में खड़े रहने तक का इंतजाम नहीं हैं। आलम यह है कि पीने का पानी तक खरीदकर पीना पड़ता है। महेश प्रसाद ने बताया कि ड्यूटी के दौरान कई बार पुलिसकर्मियों की तबीयत बिगड़ जाती है या वह दुघर्टना का शिकार हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में त्वरित इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है।

सुझाव

1. जवानों को उनके थाना क्षेत्र के आसपास तैनात किया जाए। इससे आने-जाने में सहूलियत मिल जाएगी।

2. शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए रूट प्लान तैयार करना चाहिए।

3. शहर में पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि जाम की स्थिति न पैदा हो।

4. जिले में मानक के मुताबिक यातायात स्टाफ होना चाहिए, जिससे काम का बोझ न पड़े।

5. शहर में जाम की समस्या खत्म करने के लिए स्थायी इंतजाम होना जरूरी है।

6. चालान के दौरान अभद्रता करने वालों पर कार्रवाई तय हो।

शिकायतें

1. बुनियादी सुविधाओं का अभाव होने से कर्मियों को परेशानी झेलनी पड़ती है।

2. जवानों को उनके घर एवं थाना क्षेत्र से दूर तैनात करने पर आवागमन में दिक्कत होती है।

3. यातायात जवानों को जरूरत के मुताबिक, अवकाश नहीं मिल पाता है। परिवार में समस्या पर समय से छुट्टी नहीं मिलती है।

4. जिले में मानक के अनुरूप जवानों की संख्या कम होने से परेशानी झेलनी पड़ती है।

5. मुख्य मार्ग पर जाम की स्थिति से निपटने में पुलिसकर्मियों को पसीना बहाना पड़ता है।

6. पार्किंग न होने से सड़क किनारे वाहन खड़े रहते हैं।

बोले ट्रैफिक पुलिसकर्मी

सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी के बाद परिवारिक समस्याओं पर समय से छुट्टी नहीं मिल पाती है। -जहांगीर आलम

शहर में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। लोग सड़क किनारे ही वाहन खड़े करते हैं। इससे जाम लगता है। - प्रदीप पाल

तैनात स्थलों के पास बूथ बनाए जाने चाहिए। ताकि ठहरने के साथ ही खाना पानी भी सुकून से किया जा सके। - भूप नारायण

प्रोटोकॉल के समय शहर को जाम मुक्त रखना चुनौती है। स्कूलों की छुट्टी के समय भी जाम लगता है। -राम प्रकाश

ड्यूटी के दौरान नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन सवार वर्चस्व और दबंगई दिखाते हैं। महेश प्रसाद पांडेय

बोले जिम्मेदार

शहर के बूथों को जल्द दुरुस्त करवाएंगे

समस्या बताए जाने पर यातायात कर्मियों को अवकाश दिया जाता है। सार्वजनिक स्थलों पर खराब पड़े बूथों को दुरुस्त करवाकर पुलिस कर्मियों को राहत दिलवाई जाएगी। ड्यूटी के दौरान यातायात पुलिसकर्मी से बदसलूकी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

- सोनम सिंह, सीओ यातायात

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