Urgent Action Needed as Loan River Faces Severe Pollution Crisis टेनरियों की मनमानी, काला हो गया लोन का पानी, Unnao Hindi News - Hindustan
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टेनरियों की मनमानी, काला हो गया लोन का पानी

Unnao News - उन्नाव में लोन नदी की जल गुणवत्ता गंभीर संकट में है। प्रदूषण के कारण नदी का पानी काला हो गया है, जिससे फसलें सूख रही हैं। पानी का उपयोग करने से लोग चर्म रोगों का शिकार हो रहे हैं। अधिकारी योजनाओं के...

Newswrap हिन्दुस्तान, उन्नावFri, 9 May 2025 08:46 AM
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टेनरियों की मनमानी, काला हो गया लोन का पानी

उन्नाव,संवाददाता। जिले में लोन नदी की निर्मलता संकट में है। इसका जल प्रदूषण की चपेट में आकर काला हो रहा है। आलम यह है कि नदी का जल इतना दूषित हो गया है कि फसलों की सिंचाई करने से फसलें सूख जा रही हैं। सामान्य व्यक्ति यदि नदी के पानी का प्रयोग कर ले तो वह चर्म रोगी बन जाए। इसके बावजूद जिम्मेदार नदी के जल की निर्मलता बरकार रखने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं। लोनी नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए बनाई गई योजनाएं कागजों में दफन हैं। नदियों को जीवनदायनी की संज्ञा दी जाती है।

जिले में मुख्य रूप से गंगा, सई और सई नदियां बहती हैं। इन अलावा कल्याणी, तनई, मोराही और लोन नदी भी जिले की प्रमुख नदियां हैं। पवई गांव से रायबरेली सीमा तक बहने वाली लोनी नदी जिले में बदहाली का शिकार है। आलम यह है कि नदी में दूषित जल का प्रवाह शहरी क्षेत्र पहुंचने के साथ ही शुरु हो जाता है। 146 किमी क्षेत्र में फैली लोन नदी में छोटे बड़े 38 नाले गिरते हैं। इनमें 22 नाले नदी के दाईं तरफ व 16 नाले नदी के बाईं तरफ गिरते हैं। इनमें कई नाले ऐसे हैं जिनमें दूषित जल का प्रवाह रोकने के कोई इंतजाम नहीं हैं। ऐसे में इन नालों से होकर दूषित जल नदी में जाकर मिलता है और उसके पानी को प्रदूषित कर देता है। वहीं टेनरियों से निकलने वाला प्रदूषित पानी भी नदी को जहरीला कर रहा है। ऐसे में भूगर्भ जल में भी यह जहर घुल रहा है। इससे आसपड़ोस के गांव के लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इसके बावजूद अधिकारी ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। इससे क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश है। कोट लोन नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए योजना बनाई जा चुकी है। इसके तहत सर्वे भी हो चुका है। समय-समय पर प्रदूषण विभाग की टीम नदियों में गिर रहे नालों की जांच करती है। औद्योगिक इकाइयों को बिना शोधन के दूषित पानी नालों में न छोड़ने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके बावजूद किसी ने ऐसा किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाई की जाएगी। शशिबिंदकर, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी

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