कमिश्नरेट में हुए गोलीकांड से हथियार बेचने वालों तक पहुंची पुलिस, गैंग के तीन गिरफ्तार
यूपी में आगरा के कमिश्नरेट में सिलसिलेवार हुए गोलीकांड के बाद पुलिस ने कार्रवाई का अंदाज बदला है। सदर पुलिस ने एक गोलीकांड के आरोपित को पकड़ा। उससे पूछताछ के बाद अवैध हथियार बेचने वाले तीन आरोपियों को और पकड़ा गया। तीन को वांछित किया गया है।

यूपी में आगरा के कमिश्नरेट में सिलसिलेवार हुए गोलीकांड के बाद पुलिस ने कार्रवाई का अंदाज बदला है। सदर पुलिस ने एक गोलीकांड के आरोपित को पकड़ा। उससे पूछताछ के बाद अवैध हथियार बेचने वाले तीन आरोपियों को और पकड़ा गया। तीन को वांछित किया गया है। पुलिस की कार्रवाई से खलबली मच गई है। डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि अगस्त 2024 में सदर बाजार में रंगबाजी में फायरिंग की घटना हुई थी। आठ-दस बाइक पर दो दर्जन से अधिक युवक सौदागर लाइन से से गुजरे थे। इस दौरान किसी ने गोली चलाई थी।
वीडियो वायरल हुआ था। मुकदमा लिखा गया था। यह मुकदमा लंबित था। एसीपी विनायक भोसले के निर्देश पर एसओजी और सर्विलांस टीम ने सुराग जुटाए। पता चला कि फायरिंग छीपीटोला निवासी चिनमय जरारी ने की थी। पुलिस ने उसे पकड़ा। उसके मोबाइल की जांच की गई। मोबाइल में अवैध हथियारों के फोटो मिले। घटना के समय उसके पास तमंचा कहां से आया था। किससे खरीदा था। कौन हथियार बेचता है। उससे ये सवाल किए तो दीपेंद्र यादव, सुनील राय व शैजान खां के नाम सामने आए।
पुलिस ने तीनों को पकड़ा। पूछताछ में पता चला कि तीनों सस्ते दामों पर अवैध हथियार खरीदकर उन्हें युवाओं को बेचते थे। आरोपियों के पास से तीन तमंचे, एक पिस्टल और जिंदा कारतूस बरामद किए गए। पुलिस ने पूछताछ के बाद अवैध हथियार की खरीद-फरोख्त के आरोप में शिवम ठाकुर, आदी और आयूष पंडित को वांछित किया है। उनकी तलाश की जा रही है।
फायरिंग हुई तो तमंचा कहां से आया
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने अधीनस्थों को निर्देश दिए हैं कि हवा-हवाई कार्रवाई नहीं चाहिए। कहीं फायरिंग हुई है तो पुलिस पहले आरोपित को पकड़ेगी। आरोपित से हथियार बरामद करेंगी। हथियार और कारतूस बेचने वाले पर भी शिकंजा कसेगी। पुलिस हथियार कहां से आया, यह सवाल नहीं करती है।