सरकार से मदद में मिले आवासों को बनाया कमाई का जरिया, 219 को भेजा जाएगा नोटिस
कांशीराम आवास योजना में सरकार ने गरीबों को सिर छिपाने के लिए रियायती दरों पर आवास तो दिया, लेकिन मदद में मिली इस छतको आवंटियों ने कमाई का जरिया बना लिया।

यूपी के प्रयागराज में देवघाट झलवा की कांशीराम आवास योजना में सरकार ने गरीबों को सिर छिपाने के लिए रियायती दरों पर आवास तो दिया, लेकिन मदद में मिली इस छतको आवंटियों ने कमाई का जरिया बना लिया। यहां ब्लॉक एक से 33 तक के 528 घरों की जांच की गई तो 326 घर ऐसे मिले जहां या तो ताला बंद था या फिर लोगों नेइसे किराए पर उठा दिया था। अब इन घरों को खाली कराया जाएगा। इसमें मूल आवंटियों को बसाया जाएगा या फिर दूसरे गरीबों को इसे नए सिरे से दिया जाएगा। रिपोर्ट में कई आवासों को बेचने की भी बात कही गई है।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ की जनसुनवाई में प्रतिदिन ऐसे लोग आते हैं, जिनके पास न तो जमीन है और न ही आवास। उनकी स्थिति को देखकर जिलाधिकारी ने एसडीएम सदर अभिषेक कुमार सिंह को राजस्व टीम के साथ कांशीराम आवास योजना का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा था। टीम ने जब देवघाट झलवा में बने 528 आवासों का सर्वे किया तो स्थिति चौंकाने वाली पाई गई। यहां कुल 202 आवंटी निवासरत पाए गए। जबकि 107 आवंटियों के आवास में ताला बंद था और 219 आवंटी ऐसे थे जिन्होंने घर को किराए पर उठा दिया या फिर उसे बेच दिया है। जिसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी गई है।
219 लोगों को भेजा जाएगा नोटिस
ऐसे 219 लोग जिन्होंने घर को किराए पर दिया है या फिर उसे बेच दिया, उन्हें प्रशासन की ओर से नोटिस जारी किया जाएगा। सभी आवासों को खाली कराया जाएगा। इसके बाद उसे मूल आवंटियों को दिया जाएगा या फिर ऐसे लोगों को दिया जाएगा जो बिना छत दर-ब-दर भटक रहे हैं।
जिलाधिकारी, रविंद्र कुमार मांदड़ ने कहा कि बेघर गरीब लोगों की मदद के लिए कांशीराम आवास योजना का सर्वे एसडीएम व राजस्व की टीम से कराया गया था। ऐसे लोग जो गलत तरीके से रह रहे हैं, उन्हें हटाया जाएगा और जरूरतमंदों को आवास आवंटित किया जाएगा।