UP Weather: यूपी में तेज हवा, बारिश-वज्रपात का ऑरेंज अलर्ट,बचाव से जुड़ी एडवाइजरी जारी
- यूपी में मौसम ने अचानक करवट ली। आसमान में घने बादल छा गए। तेज गरज के साथ कुछ इलाकों में बारिश हुई। साथ ही कई इलाकों में वज्रपात भी हुआ। ऐसे में अगले दो दिन के लिए अलर्ट जारी किया गया है।

यूपी में मौसम ने अचानक करवट ली। आसमान में घने बादल छा गए। तेज गरज के साथ कुछ इलाकों में बारिश हुई, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली। सुबह से तेज ठंडी हवाओं ने मौसम को सुहाना बना दिया। इसी के बीच अगले दो दिन के लिए मौसम विभाग ने वज्रपात, बारिश और आंधी का अलर्ट जारी किया है। हवा ने रफ्तार पकड़ ली है। आसमान पर बादल छाने लगे हैं। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दो दिनों तक बादल छाए रहेंगे। बारिश की संभावना है, जिससे तापमान में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।
शुक्रवार को यूपी के 54 जिलों में ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है। इस दौरान वज्रपात, बारिश, ओलावृष्टि और 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से झोंकेदार हवाएं चलने की चेतावनी दी गई है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव और पूर्वा-पछुआ हवाओं के समागम से हुआ है। बारिश से अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री तक की गिरावट हो सकती है। वहीं, यूपी में आंधी-बारिश और वज्रपात के कारण 23 मौतें हो चुकी हैं।
बचाव को लेकर प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी
प्रशासन और आपदा विशेषज्ञों ने आंधी तूफान एवं खराब मौसम में आकाशीय बिजली गिरने/वज्रपात की घटनाओं से यूपी के लोगों को सावधान किया है। बताया कि अभी दो दिनों तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहेगा। जारी निर्देशों पर ध्यान देने से नुकसान कम होना तय है।
आकाशीय बिजली से बचाव के तरीके
- पक्के मकान में चले जाएं। छत, खिड़की, दरवाजे एवं बरामदे, इलेक्ट्रानिक उपकरण से दूर रहे
- खराब मौसम में बच्चों को बाहर न खेलने दें, लोहे की खिड़की, दरवाजे को न छुएं।
- पेड़, मोबाइल टावर, बिजली के खंभों, कच्चे मकान, तालाब, जलाशय से दूरी बना कर रखें
- यदि खेत में फंस गये हैं तो दोनों कानों को बंद कर पैरों को सटा लें उकडू बनकर बैठ जाएं।
ध्यान रखें, यह गलती कभी ना करें
- पेड़ के नीचे न खड़े हों। साथ में अपने मोबाइल या अन्य उपकरण नरखें।
- घरों में चलने वाले मारी विद्युत उपकरणों को प्लग से अलग कर दें
- धातु युक्त नल एवं फिज को न छुएँ। धातु से बने छाते का प्रयोग नकरें।
- खुल वाहनों में यात्रा न करें, बचाव के लिए जमीन पर न लेटें। तैराकी या नौकायन भी नकरें।