वाराणसी ने रचा इतिहास; सबसे कम ब्याज दर पर नगर निगम बॉन्ड से 50 करोड़ जुटाए, यहां होगा इस्तेमाल
वाराणसी नगर निगम ने अपने बॉन्ड के जरिए इतिहास रच दिया है। सबसे कम ब्याज पर नगर निगम ने 50 करोड़ रुपए की धनराशि जुटाई है। इन धनराशि से वाराणसी में दो कांप्लेक्स का निर्माण किया जाएगा।

वाराणसी नगर निगम ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए अपने प्रथम नगर निगम बॉन्ड के माध्यम से 50 करोड़ की राशि सफलतापूर्वक जुटाई है। यह बॉन्ड 8.01% कूपन रेट पर जारी हुआ, जो अब तक उत्तर प्रदेश में किसी भी नगर निगम द्वारा प्राप्त सबसे कम ब्याज दर है। इस निर्गम को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के इलेक्ट्रॉनिक बिडिंग प्लेटफॉर्म पर प्राइवेट प्लेसमेंट के ज़रिए संपन्न किया गया। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है जहां की पांच शहरी स्थानीय निकाय लखनऊ, गाजियाबाद, आगरा, प्रयागराज और अब वाराणसी ने सफलतापूर्वक नगर निगम बॉन्ड जारी कर शेयर बाजार से पूंजी जुटाई है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि उत्तर प्रदेश अब म्युनिसिपल फाइनेंसिंग में एक अग्रणी राज्य बन चुका है।
इस बॉन्ड से प्राप्त धनराशि का उपयोग वाराणसी में दो प्रमुख परियोजनाओं के लिए किया जाएगा। इनका उद्देश्य शहर की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ बनाना है। वाराणसी एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी है, जहां प्रति वर्ष करोड़ों देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। ऐसी स्थिति में आधुनिक और संतुलित इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है।
इस संबंध में नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि वाराणसी एक प्रमुख आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक स्थल होने के नाते ऐसे विश्वस्तरीय आधारभूत संरचना की आवश्यकता है जो इसकी प्राचीन विरासत को संरक्षित रखते हुए आधुनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करे। उन्होंने आगे कहा कि निवेशकों की उत्साहजनक प्रतिक्रिया इस बात का प्रमाण है कि शहर की आर्थिक संभावनाओं और शासन प्रणाली पर लोगों का विश्वास लगातार बढ़ रहा है। यह उपलब्धि उत्तर प्रदेश को म्युनिसिपल फाइनेंसिंग में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करती है।
पहली परियोजना सिगरा स्टेडियम के पास एक आधुनिक होटल कॉम्प्लेक्स के निर्माण से संबंधित है, जिसमें भूमिगत पार्किंग की सुविधा भी शामिल होगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत ₹40.52 करोड़ है, जिसमें से ₹25 करोड़ बॉन्ड से प्राप्त निधि से वहन किए जाएंगे। दूसरी परियोजना लहुराबीर रोड पर एक व्यावसायिक मार्केट कॉम्प्लेक्स के निर्माण की है, जिसमें भी अंडरग्राउंड पार्किंग शामिल होगी। इसकी अनुमानित लागत ₹34 करोड़ है। इसमें भी ₹25 करोड़ बॉन्ड फंड से दिए जाएंगे।
इन दोनों परियोजनाओं के माध्यम से 500 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा और नगर निगम को प्रति वर्ष लगभग ₹8-9 करोड़ की आय होगी। इससे निकाय सुदृढ़ होंगे और विभाग की वित्तीय स्तिथि सुदृढ़ होगी और निकाय वित्तीय आत्मनिर्भरता की और अग्रसर हो सकेंगे। वाराणसी नगर निगम के नगर आयुक्त ने कहा कि ये परियोजनाएं केवल बुनियादी ढांचे का विकास नहीं हैं, बल्कि वाराणसी के सतत शहरी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।
सिगरा स्टेडियम के पास प्रस्तावित होटल धार्मिक और खेल पर्यटकों के लिए उच्चस्तरीय सुविधाएं प्रदान करेगा, वहीं लहराबीर में बनने वाला मार्केट कॉम्प्लेक्स स्थानीय व्यापारियों की आवश्यकताओं को पूरा करेगा और पार्किंग की सुविधा देकर ट्रैफिक समस्या का समाधान भी करेगा।
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर प्रदेश ने म्युनिसिपल बॉन्ड्स के क्षेत्र में एक नई क्रांति शुरू की है। राज्य की पांच नगर निकायों द्वारा सफलतापूर्वक पूंजी जुटाना, यह दर्शाता है कि राज्य सरकार वित्तीय नवाचार और नगरीय विकास के लिए प्रतिबद्ध है। प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि यह उपलब्धि न केवल उत्तर प्रदेश के नगरीय प्रशासन की परिपक्वता का संकेत है, बल्कि यह अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बनेगा। बॉन्ड से निधि प्राप्त करने वाली सभी परियोजनाएं राजस्व-सृजन आधारित और स्वयं-निरंतर हैं, जिससे दीर्घकाल में नगरपालिका की वित्तीय स्थिति पर कोई अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा।
वाराणसी की इस सफलता ने लखनऊ, गाजियाबाद, आगरा और प्रयागराज के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश को भारत के सबसे सशक्त नगर निगम वित्तीय मॉडल के रूप में स्थापित कर दिया है। विशेषकर उन शहरों में जहां पर्यटन, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास की संभावनाएं अधिक हैं, वहां इस मॉडल को अपनाकर टिकाऊ और आत्मनिर्भर शहरी विकास को गति दी जा सकती है। यह उपलब्धि राज्य की दूरदर्शी योजना, ठोस प्रशासन और वित्तीय अनुशासन का परिणाम है, जिससे उत्तर प्रदेश अब म्युनिसिपल फाइनेंसिंग में अग्रणी राज्य बन चुका है।