Aditya Modak Enchants Kashi with Classical Singing Performance अभिनेता आदित्य के शास्त्रीय गायन से श्रोता सम्मोहित, Varanasi Hindi News - Hindustan
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अभिनेता आदित्य के शास्त्रीय गायन से श्रोता सम्मोहित

Varanasi News - वाराणसी में आदित्य मोदक ने शास्त्रीय गायन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने राग यमन, राग नायकी कान्हड़ा और राग भैरवी जैसे रागों में अद्वितीय प्रस्तुति दी। उनके गायन में गमक और तानों का...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीMon, 28 April 2025 02:45 AM
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अभिनेता आदित्य के शास्त्रीय गायन से श्रोता सम्मोहित

वाराणसी, मुख्य संवाददाता। अवॉर्ड विनिंग फिल्म ‘द डिसाइपल में अभिनय के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजे जा चुके आदित्य मोदक ने शास्त्रीय गायन से काशी के संगीत रसिकों को अपना मुरीद बना लिया। रविवार को कला प्रकाश की ओर से धरोहर शृंखला के अंतर्गत भेलूपुर स्थित होटल डायमंड में उनके सधे हुए गायन ने सम्मोहित किया।

ग्वालियर घराने के युवा कलाकार आदित्य ने राग यमन की अवतारणा उसके स्वरूप के अनुकूल की। दो गंधारों के बीच शुद्ध मध्यम स्वरों का संयोजन उन्होंने सटीक तरीके से किया। यही नहीं आरोह के दौरान सा और पा के सीमित प्रयोग की शर्त का निर्वाह भी पूरी प्रतिबद्धता से किया। अपने घराने की खूबी के अनुसार उन्होंने नी, ग और म स्वरों पर पूरा जोर दिखाया। ग्वालियर घराने की परंपरागत बंदिश ‘एरी लाल मिले का झूमरा ताल में प्रभावी गायन किया। तीन ताल में निबद्ध तराना ‘ओदानी तदारे तन देरेना से गायिकी का जादू दिखाने के बाद उन्होंने अप्रचलित राग नायकी कान्हड़ा में विलंबित तीन ताल में निबद्ध बंदिश ‘नैना नहीं माने और द्रुत तीन ताल में निबद्ध बंदिश ‘बैयां मुरक गई का सरस गायन कर अपनी तैयारी का आभास कराया।

इन दोनों ही बंदिशों के गायन के दौरान गमक और तानों का संतुलित प्रयोग उनके गायन की एक और खासियत रही। अपने गायन को विस्तार देते हुए उन्होंने राग रागेश्री में रूपक ताल निबद्ध बंदिश ‘बहार आई का गायन किया तो श्रोताओं को वास्तव में बहार आने की अनुभूति हुई। राग मालकौंस में ‘राम भक्त हनुमान तथा ‘जय हनुमान ज्ञान गुन सागर की सुमधुर प्रस्तुति दी। विस्तृत गायन क्रम को उन्होंने राग भैरवी में पिरोई ठुमरी ‘लगन लागी श्याम सों से विराम दिया। उनके साथ तबला पर प्रो. प्रवीण उद्धव एवं हारमोनियम पर मोहित साहनी ने बेहतरीन संगत की। तानपुरा पर अंकित कुमार ने सहयोग किया।

कलाकारों का स्वागत अशोक कपूर, अभिजीत अग्रवाल, डीएन पांडेय तथा अनिल नागर ने किया। संचालन डॉ. अनुराधा रतूड़ी तथा संयोजन डॉ आशीष जायसवाल ने किया। श्रोता दीर्घा में पं. अमिताभ भट्टाचार्य, प्रो. शारदा वेलंकर, कावेरी भादुड़ी, पं. अनूप मिश्र, अरविन्द अग्रवाल, जीडी दुबे की विशेष उपस्थिति रही।

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