महर्षि ज्ञानानंद की जयंती पर कलाकारों का सम्मान
Varanasi News - वाराणसी में काशी के आठ कलाकारों को भारतीय संगीत कला के प्रचार-प्रसार के लिए सम्मानित किया गया। समारोह में वायलिन, शहनाई, तबला, सुगम संगीत, सरोद, सितार और कथक नृत्य के कलाकारों को मानपत्र, मेडल और...

वाराणसी, मुख्य संवाददाता। देश-दुनिया में भारतीय संगीत कला का प्रचार-प्रसार करने वाले काशी के आठ कलाकारों का बुधवार को सम्मान किया गया। श्रीविश्वेश्वर ट्रस्ट सोसाइटी एवं महामाया ट्रस्ट की ओर से लहुराबीर स्थित गायत्री मंदिर परिसर में हुए समारोह में काशी की विद्वत परंपरा का प्रतिनिधित्व करने वाले विशिष्टजन उपस्थित रहे।
महर्षि ज्ञानानंद की 139वीं जयंती पर आयोजित समारोह में वायलिन वादक पं. सुखदेव मिश्र, शहनाई वादक जवाहर लाल, तबला वादक मंगला प्रसाद मिश्र, सुगम संगीत गायक गौरव मिश्र, सरोद वादक अंशुमान महाराज, सितार वादक अमरेंद्र मिश्र एवं कथक नृत्यांगना मांडवी सिंह को मानपत्र, मेडल और सहयोग राशि प्रदान की गई। अस्वस्थतावश समारोह में शामिल न हो पाने के कारण शास्त्रीय गायक आशीष मिश्र का सम्मान गौरव मिश्र ने लिया।
मुख्य अतिथि पद्मभूषण पं. देवी प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि कलाकार ही संस्कृति का वास्तविक संवाहक होता है। समाज में कलाकार का सम्मान बनाए रखने का दायित्व हम सब का है। विशिष्ट अतिथि पूर्व एमएलसी प्रमोद मिश्रा, अशोकजी अग्रवाल, डॉ.प्यारे सिंह ने भी विचार रखे। स्वागत विश्वेश्वर ट्रस्ट के सचिव पं. सत्यनारायण पांडेय, संचालन प्रो. शैलेंद्र उपाध्याय एवं धन्यवाद ज्ञापन विनेाद शंकर उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर आलोकचंद्र भारद्वाज, सुशील शर्मा, गोपाल नारायण पांडेय, केएन राय, डॉ.पीएस पांडेय, इंद्रमणि द्विवेदी, वीरेंद्रनाथ तिवारी, डॉ. अशोक सिंह, सिद्धनाथ शर्मा ‘सिद्ध, रामजी यादव, चंद्रबली सिंह, राकेश शर्मा, शालिनी पांडेय एवं डॉ. राहुल पांडेय प्रमुख रूप से रहे।
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