बांस से बनाया ईको फ्रेंडली स्ट्रॉ
Varanasi News - आईआईटी बीएचयू में बांस और कृषि अपशिष्ट से इको-फ्रेंडली बायोडीग्रेडेबल स्ट्रॉ का विकास किया गया है। यह प्लास्टिक और कागज के स्ट्रॉ का पर्यावरण अनुकूल विकल्प है। डॉ. प्रद्युतधर और शोध छात्र रोहित राय...

वाराणसी, संवाददाता। आईआईटी बीएचयू में बांस और कृषि अपशिष्ट से इको-फ्रेंडली बायोडीग्रेडेबल स्ट्रॉ बनाया गया है। इससे आप हेल्दी रूप से अपने सॉफ्ट ड्रिंक पी सकते हैं। इसे प्लास्टिक और कागज से बनने वाले स्ट्रॉ के विकल्प के रूप में प्रयोग किया जा सकेगा। इको-फ्रेंडली बायोडीग्रेडेबल स्ट्रॉ को बायोकेमिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. प्रद्युतधर और शोध छात्र रोहित राय बनाया है। डॉ. प्रद्युत धर ने बताया कि प्लास्टिक स्ट्रॉ से माइक्रोप्लास्टिक का निर्माण, गैर-अपघटनीयता और पौधों और जीव-जंतुओं पर विषाक्त प्रभाव पड़ता है। वहीं कागज के स्ट्रॉ को पर्यावरण-अनुकूल माना जाता है, लेकिन इसके गीलेपन, कम यांत्रिक ताकत और प्लास्टिक कोटिंग की वजह से कई दुष्प्रभाव हो रहा है। बांस से बने स्ट्रॉ में उच्च यांत्रिक ताकत, फिर से उपयोग की क्षमता, अपघटनीयता, थर्मल स्थिरता और एंटी-फिजिंग जैसे गुण हैं। इसे कम लागत वाली माइक्रोवेव तकनीक से तैयार किया गया है। जिससे इनका उत्पादन व्यावसायिक रूप से भी संभव है। प्रो. विद्युत धर ने बताया कि इस नवाचार के लिए पेटेंट भी मिल चुका है। वहीं इस शोध की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी की जा चुकी है। अब बड़े पैमाने पर उत्पादन की तैयारी है। इस शोध को आईसाइंस और फूड केमिस्ट्री पत्रिकाओं में भी प्रकाशित किया गया है। आईआईटी के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने टीम को बधाई दी। कहा कि इस शोध से आत्मनिर्भर भारत को बल मिलेगा।
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