सुर लहरी, काशी के अध्यात्म का महात्म्य है नादयात्रा
Varanasi News - वाराणसी में नादयात्रा कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें पद्मश्री राजेश्वर आचार्य ने सुर-संगीत की ऊर्जा और काशी के आध्यात्मिक महात्म्य का वर्णन किया। कार्यक्रम में विभिन्न प्रस्तुतियों के साथ, कथक...

वाराणसी। वरिष्ठ संवाददाता पद्मश्री राजेश्वर आचार्य ने कहा कि सुर-संगीत की लहरियों की ऊर्जा और काशी के आध्यात्मिक महात्म्य का समुच्चय ही नादयात्रा की पूर्ण अभिव्यक्ति है। वह सोमवार को भदैनी स्थित आदर्श शिक्षा मंदिर में आयोजित ‘नादयात्रा कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम का आयोजन इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र का क्षेत्रीय केंद्र और संस्कार भारती काशी महानगर की ओर से किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ तनुश्री रॉय ने ध्येय गीत से किया। पहली प्रस्तुति आदित्य दीप ने चार ताल में स्वतंत्र पखावज वादन किया। उठान, परण, कमाली के साथ रेला के विभिन्न प्रकारों को प्रस्तुत किया। उनके साथ सारंगी पर अनीश मिश्रा ने संगत दी। नई दिल्ली से पधारीं कथक नृत्यांगना नम्रता माली ने देवी स्तुति प्रस्तुत की।
इस दौरान इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अभिजीत दीक्षित, डॉ. आरबी शर्मा, अवधेश मिश्रा, केए चंचल, प्रेम नारायण सिंह, प्रमोद पाठक, प्रान्त संगठन मंत्री दीपक शर्मा, स्वप्निल उपाध्याय, उमेश भाटिया,नवीन चंद्र, राहुल विश्वकर्मा मौजूद रहे।
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