Residents of Hedgwar Nagar in Varanasi Demand Basic Amenities as Problems Persist बोले काशी: समस्याओं की जड़ें गहरी, बाउंड्री से आशंका बढ़ी, Varanasi Hindi News - Hindustan
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बोले काशी: समस्याओं की जड़ें गहरी, बाउंड्री से आशंका बढ़ी

Varanasi News - वाराणसी के हेडगेवार नगर के निवासियों ने तीन वर्षों से मूलभूत सुविधाओं की कमी के खिलाफ आवाज उठाई है। कॉलोनी में जल निकासी, पेयजल पाइपलाइन, स्ट्रीट लाइट और कूड़ा उठान की समस्याएं हैं। बरेका द्वारा बनाई...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीFri, 9 May 2025 02:19 AM
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बोले काशी: समस्याओं की जड़ें गहरी, बाउंड्री से आशंका बढ़ी

वाराणसी। बनारस रेल कारखाना के पड़ोस में बसी एक कॉलोनी का नामकरण यह सोचकर किया गया कि यहां की बुनियादी समस्याओं के समाधान में जिम्मेदार विभाग और जनप्रतिनिधि विशेष रुचि लेंगे मगर तीन वर्षों से नागरिकों की उम्मीदों पर धूल की परत-दर-परत जमती गई है। सीवर-सफाई और स्ट्रीट लाइटों से जुड़ी समस्याओं की जड़ें गहरी हो चुकी हैं। इनसे अलग दूसरी परेशानी है। बाशिंदों को बरेका की ओर से बनवाई गई बाउंड्री से आशंका है कि भविष्य में उनका आवागमन बाधित न हो जाए। अपनी आशंका वे कई जगह प्रकट कर चुके हैं। बरेका और एफसीआई के बीच सन्-1995 में एक कॉलोनी बसी।

आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के नाम से उसका नामकरण हुआ। लगभग चार सौ मकानों में चार से पांच हजार की आबादी रहती है। तीन वर्ष पहले कॉलोनी नगर निगम में शामिल हुई। हेडगेवार नगर की स्थापना के समय तय हुआ था कि आम लोगों का आवागमन रोका नहीं जाएगा। लेकिन कुछ रास्ते बंद किए गए, फिर पब्लिक के विरोध पर खोल दिए गए। बरेका के उत्तरी छोर की बाउंड्री के पास चौड़ी सड़क है। वहीं बरेका प्रशसान ने एक बाउंड्री बनवा दी है। बाशिंदों ने ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि अब हमें रास्ता बंद होने की आशंका लग रही है। हिमांशु राय, शुभम झा, नीरज पांडेय ने बताया कि बरेका ने सड़क के बीच जो बाउंड्री बनवाई है, उससे कई तरह की समस्याएं बढ़ी हैं। जबकि यदि बाउंड्री हटाकर रोड चौड़ा हो जाए और इसे बाईपास के रूप में इस्तेमाल किया जाए तो मंडुवाडीह सहित कई क्षेत्रों से जाम की समस्या कम होगी। उन्होंने बताया कि उत्तरी गेट के सामने का एक रास्ता बंद किया जा चुका है। डॉ. अरुण सिंह, मुन्ना पांडेय ने ध्यान दिलाया कि हेडगेवार नगर में कई समस्याएं हैं। पेयजल की पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो चुकी है। जल निकासी की व्यवस्था नहीं है। बाउंड्री के चारो तरफ कूड़ा-कचरा जमा रहता है। लोग मरे जानवर भी यहीं फेंक जाते हैं। उनकी सड़ांध से रहना मुश्किल हो जाता है। नगर निगम को फोन करके सूचना दी जाती है तो वहां से टालमटोल की जाती है। रमन पाठक ने कहा, नगर निगम में शामिल होने के बाद उम्मीद थी कि मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। समस्याएं पहले जैसी ही बनी हुई हैं। कॉलोनी में मवेशियों का झुंड प्रतिदिन किसी न किसी को घायल कर देता है। संगीता, शक्ति जायसवाल, अशोक कुमार सुमन ने बताया कि 20 लेन की कॉलोनी में कई लेन हैं जहां सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। उस पर चलना मुश्किल होता है। स्ट्रीट लाइट न बिजली के पोल कॉलोनी में अब तक बिजली के पोल नहीं लगे हैं। न ही स्ट्रीट लाइट है। रात के समय आवागमन में परेशानी होती है। अशोक कुमार सुमन, हृदय गोस्वामी ने बताया कि कुछ लोगों ने अपने पैसे से लाइटें लगवाई हैं लेकिन वे पर्याप्त नहीं हैं। वहीं पोल न होने से जगह-जगह तार लटक रहे हैं। कई जगह टेलीफोन के खंभों के सहारे बिजली के तार घरों तक गए हैं। इससे कभी भी हादसा हो सकता है। पानी की पाइपलाइन जर्जर हेडगेवार नगर कॉलोनी में पेयजल की पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो चुकी है। सुमन, हृदय गोस्वामी, पीयूष श्रीवास्तव ने बताया कि पेजयल की पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने से कई घरों में दूषित पेयजल आ रहा है। जिन लोगों ने समर्सिबल लगवाया है, उनका तो ठीक है। जिन लोगों ने नहीं लगवाया है, उन्हें परेशानी होती है। प्रीतम सिंह, संगीता, पीयूष श्रीवास्तव के मुताबिक पानी आने का समय भी तय नहीं है। कभी भोर में चार बजे पानी आता है तो कभी रात में 12 बजे। समय तय न होने से लोग पानी नहीं भर पाते। जल निकासी का इंतजाम नहीं कॉलोनी में सीवरलाइन नहीं बिछी है। इससे जलनिकासी की समस्या है। सोकपिट के सहारे सीवेज बह रहा है। पीयूष श्रीवास्तव, प्रीतम सिंह, फैजील अहमद ने कहा कि कई बार कारण सड़कों पर गंदा पानी बहता है। तब चलना मुश्किल हो जाता है। अभिमन्यु मिश्रा, संतोष कुमार दीक्षित ने कहा, नगर निगम में शामिल होने के बाद उम्मीद जगी कि मूलभुत सुविधाएं मिलेंगी लेकिन आज भी समस्याएं जस की तस हैं। इन प्लाटों में मकान बन गए तो... कॉलोनी के लोग कूड़ा उठान नहीं होने से परेशान हैं। कूड़े के लिए कंटेनर भी नहीं रखा गया है। लोग खाली प्लॉटों में कूड़ा फेंकने को मजबूर हैं। तोयज श्रीवास्तव, पंकज कुमार झा, विजय कुमार शुक्ला ने बताया कि खाली प्लॉटों में कूड़ा फेंकने से कई दिक्कतें आ रही हैं। तेज हवा चलने पर घरों तक कूड़ा-कचरा आ जाता है। बारिश के दिनों में असहनीय दुर्गंध उठती है। इससे मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ रहा है। कॉलोनी में कभी फॉगिंग नहीं होती है। विजय कुमार शुक्ला, गोपाल उपाध्याय, तबरेज ने कहा कि अभी तो राहत है। जब इन प्लाटों में मकान बन जाएंगे तब क्या होगा-यह सोचकर चिंता होती है। लोगों ने हर लेन में कूड़े का कंटेनर की जरूरत बताई। बेफिक्र रहते हैं चोर जैसा कि बाशिंदों ने बयां किया, यह कॉलोनी चोरों के लिए बहुत मुफीद रहती है। मानों यहां वे बेफिक्र हो जाते हैं क्योंकि पुलिस कभी-कभी गश्त पर आती है। संजीत यादव, अंकित कुमार जायसवाल, प्रीतम सिंह ने बताया, इसलिए अक्सर चोरी की घटनाएं होती हैं। कॉलोनी के श्रीनाथेश्वर महादेव मंदिर में भी चोरी हुई थी। ऐसे में लोगों के मन में भय बना रहता है। प्रतिदिन पुलिस गश्त हो तो चोरी की घटनाओं पर रोक लगेगी। .................................... सुनें हमारी बात सड़क के बीच से बाउंड्री हटाकर रोड चौड़ी की जाए। इसे बाईपास की तरह इस्तेमाल किया सकता है। - अभिमन्यु मिश्रा कॉलोनी में अब तक बिजली के पोल नहीं लगे हैं। न ही स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था है। रात में परेशानी होती है। - अशोक कुमार सुमन कॉलोनी में पेयजल की पाइपलाइन क्षतिग्रस्त है। कई घरों में दूषित पेयजल आ रहा है। लोग परेशान हैं। - फैजिल अहमद कॉलोनी में सीवरलाइन नहीं है। इससे जलनिकासी की समस्या है। सोकपिट के सहारे सीवेज बह रहा है। - गोपाल उपाध्याय कूड़ा उठान न होने से नगर निगम के स्वच्छता अभियान को धक्का लग रहा है। इस पर ध्यान देना चाहिए। - मुन्ना पांडेय पुलिस गश्त कभी-कभी होती है। कई बार चोरी की घटनाएं हुई हैं। कॉलोनी के मंदिर में कुछ माह पहले चोरी हो गई थी। - पंकज कुमार झा बाउंड्री के चारो तरफ का कूड़ा जमा रहता है। लोग मरे जानवरों को फेंक जाते हैं। इसकी दुर्गंध से रहना मुश्किल होता है। - डॉ. अरुण सिंह नगर निगम में शामिल होने के बाद उम्मीद थी कि मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। - पीयूष श्रीवास्तव कॉलोनी में मवेशी किसी न किसी को घायल कर देते हैं। उन्हें गोशाला भेजने का अभियान असफल है। - प्रीतम सिंह कूड़ा उठान नहीं होता। कंटेनर भी नहीं है। लोग खाली प्लॉटों में कूड़ा फेंक रहे हैं। इससे कई दिक्कतें हो रही हैं। - अंकित जायसवाल ................................................. सुझाव-शिकायतें सुझाव 1- सड़क के बीच बाउंड्री तोड़कर रोड चौड़ी की जाए। इससे लोगों को आवागमन में आसानी होगी। बरेका अपनी बाउंड्री ऊंची करे और सीसीटीवी कैमरे लगवाए। 2- प्रतिदिन कूड़े का उठान हो। हर लेन में एक कंटेनर रखा जाए ताकि लोग खुले में कूड़ा फेंकना बंद करें। इससे स्वच्छता अभियान को बल मिलेगा। 3- भूमिगत जल निकासी की व्यवस्था की जाए। सीवेज की समस्या से लोगों को निजात मिलेगा। समस्या का स्थाई समाधान जरूरी है। 4- प्रतिदिन कॉलोनी में पुलिस गश्त होनी चाहिए। इससे चोरी की घटनाओं पर लगाम लगेगा। लोगों के मन से भय खत्म होगा। 5- पेयजल की नई पाइपलाइन डलवाई जाए। इससे दूषित पेयजल की समस्या खत्म होगी। पानी आने का समय भी तय किया जाए। शिकायतें 1- बरेका की ओर से सड़क के बीच बाउंड्री बना देने से कई समस्याएं आ रही है। लोग कॉलोनी की तरफ कूड़ा फेंकते हैं। मरे जानवर भी फेंक जाते हैं। 2- नगर निगम में शामिल होने के बाद से कूड़ा उठान नहीं होता। लोग खाली प्लॉटों में लोग कूड़ा फेंकने को मजबूर हैं। डस्टबिन भी नहीं है। 3- जल निकासी की व्यवस्था न होने से दिक्कत होती है। बारिश के दिनों में चारो तरफ पानी लग जाता है। घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। 4- कॉलोनी में पुलिस गश्त न होने से लोग परेशान हैं। कई बार चोरी की घटनाएं हुई हैं। कुछ माह पहले मंदिर में चोरी हुई थी। 5- पेयजल की पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। लोगों को दूषित जल पीना पड़ रहा है। इससे बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। पानी आने का समय भी तय नहीं रहता।

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