विदुषी गिरिजा देवी की परम्परा के स्वर गूंजे
Varanasi News - वाराणसी में पद्मविभूषण गिरिजा देवी की 96वीं जयंती पर उनके शिष्यों ने स्वर प्रणामी अर्पित की। विवेकानंद क्रूज पर आयोजित कार्यक्रम में कई प्रमुख कलाकारों ने भाग लिया। मालिनी अवस्थी ने अप्पाजी के प्रति...

वाराणसी, हिटी। बनारस घराने के चारों पट की गायकी की साम्राज्ञी पद्मविभूषण गिरिजा देवी के 96वीं जयंती पर उनके शिष्यों ने स्वर प्रणामी अर्पित की। गुरुवार को गंगा की लहरों पर विवेकानंद क्रूज में कार्यक्रम हुआ। इसे पद्मश्री मालिनी अवस्थी की संस्था सोनचिरैया की ओर से आयोजित किया। कार्यक्रम ‘भोर स्वर प्रणामी की संयोजिका मालिनी अवस्थी ने कहा कि अपनी हर प्रस्तुति में अप्पाजी का प्रेम मैं महसूस करती हूं। उन्होंने गीतों से अमर गुरु के गुरुत्व को प्रणाम किया। उनके साथ पं.धर्मनाथ मिश्र ने हारमोनियम और उदय शंकर मिश्र ने तबला संगति की। इसके पूर्व गिरिजा देवी की शिष्य परम्परा के युवा प्रतिनिधि राहुल रोहित मिश्रा ने गायन किया।
उन्होंने राग अहीर भैरव की प्रस्तुति दी। अंतिम मंच प्रस्तुति के लिए बनारस घराने के शीर्षस्थ गायक पद्मभूषण पं. साजन मिश्र अपने पुत्र स्वरांश मिश्र के साथ मंच पर आए। अप्पाजी के साथ अपनी स्मृतियों को सजीव करते हुए उन्होंने गायन के बीच बीच में अप्पाजी के विराट व्यक्तित्व पर भी प्रकाश डाला। उनके साथ राजेश मिश्र ने तबला पर संगत किया। संचालन सौरभ चक्रवर्ती ने किया। प्रणामी में 39 जीटीसी के कमांडेंट ब्रिगेडियर अनिर्बान दत्ता, वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित खरे, पं. त्रिलोकीनाथ मिश्रा, प्रो. संगीता पंडित, धर्मेन्द्र राय, कलाकार मनीष खत्री आदि की खास मौजूदगी रही।
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