हमने पीटा था कि जुआ खेलोगे; IPL गेम में 3 करोड़ जीतने वाले विवेक के पिता ने कहा- जुआरी ना बनें बच्चे
यूपी के बहराइच में रहने वाले 12वीं के छात्र विवेक मौर्य ने माई इलेवन सर्किल पर आईपीएल से संबंधित क्रिकेट टीम बनाकर 3 करोड़ रुपए जीत लिए हैं। इस जीत से पहले उसकी पिता ने पिटाई की और अब मोबाइल पर भी बैन हो गया है। पिता नहीं चाहते कि कोई भी बच्चा इस तरह के गेम के जरिए जुआ खेले।

यूपी के बहराइच का रहने वाला 12वीं का छात्र विवेक मौर्य भले ही माई इलेवन सर्किल पर क्रिकेट टीम बनाकर तीन करोड़ रुपए और थार गाड़ी जीत गया है लेकिन उसके पिता नहीं चाहते कि कोई भी बच्चा इस तरह के गेम में शामिल हो। विवेक ने पहली बार ही अपने पिता के फोन से इस गेम में एंट्री ली थी। पिता को जैसे ही गेम खेलने के बारे में पता चला विवेक की पिटाई भी हुई थी।उससे अब मोबाइल भी ले लिया गया है। हालांकि इतनी बड़ी धनराशि जीतने की खबर के बाद से विवेक के पिता कृष्ण देव मौर्य के पास बधाइयों का तांता लगा हुआ है लेकिन वह जरा भी उत्साहित नहीं हैं। उनका मानना है कि बच्चों को मेहनत की कमाई पर ही भरोसा करना चाहिए। इस तरह से शार्टकट से पैसे बनाने के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए।
बहराइच के पयागपुर के गोपारा गांव निवासी विवेक ने अपने पिता के फोन से दो अप्रैल को रायल चैलेंजर बंगलुरू और गुजरात टाइटंस के बीच हुए मैच में दो टीमें बनाई थीं। एक टीम एक रुपए से और एक टीम 49 रुपए से बनाई थी। 49 रुपए से बनाई गई टीम ने सबसे ज्यादा रैंक हासिल की और विवेक ने तीन करोड़ रुपयों के साथ ही थार गाड़ी जीत ली। इस जीत से ठीक पहले पिता को पता चल गया कि आईआईटी जेईई की तैयारी कर रहा उनका बेटा इस तरह से मोबाइल पर जुआ खेल रहा है।
उन्होंने उसे बुलाकर न सिर्फ डांटा बल्कि पिटाई भी की। अगले ही दिन उनके फोन पर माई 11 सर्किल से तीन करोड़ रुपए जीतने की बधाई देते हुए कॉल भी आ गई। जब उन्होंने कंपनी के एप में जाकर देखा तो सही में उनके खाते में तीन करोड़ और थार गाड़ी जीतने का मैसेज आ चुका था। उन्होंने इसके बारे में घर पर और कुछ खास लोगों को बताया। इसके बाद यह विवेक की ही चर्चा होने लगी।
शुक्रवार को इसे लेकर जब विवेक के पिता कृष्ण देव से बात हुई तो उन्होंने साफ कहा कि बच्चों को इस सब चक्करों में पड़ना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि भले ही मेरे बेटे ने इतनी बड़ी धनराशि जीत ली है लेकिन न तो उसे कोई उत्साह है और न ही हम लोग ज्यादा उत्साहित हैं। एक मेरे बेटे के जीतने के कारण लाखों बच्चों ने एप डाउनलोड कर लिया होगा। इससे उस कंपनी को करोड़ों का फायदा हुआ होगा। कहा कि सभी बच्चों को यह समझना चाहिए कि एक जीतता है लेकिन करोड़ों बच्चे हारते हैं। हम लोग अक्सर इस तरह की खबरें सुनते हैं कि इन गेम के चक्कर में बच्चों ने गलत कदम भी उठाया है। बच्चों को इन चीजों से दूर ही रहना चाहिए।